ETV Bharat / state

बक्सर: धान के बीज के लिए भटक रहे हैं किसान, 25 मई को रोहिणी नक्षत्र का हो रहा है आगमन - बक्सर न्यूज

कोरोना संक्रमण के बीच 25 मई को सुबह 8 बजे रोहिणी नक्षत्र का आगमन हो रहा है. लॉकडाउन में किसान बीज के लिए भटक रहे है. केवल लालगंज जिला कृषि विज्ञान केंद्र में ही कुछ क्विंटल बीज उपलब्ध है. 90 हजार 5 हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसल की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है.

buxar
buxar
author img

By

Published : May 23, 2021, 2:01 PM IST

Updated : May 23, 2021, 2:31 PM IST

बक्सर: कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए देश मे लगे लॉकडाउन के बीच 25 मई को सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर सूर्य भगवान रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर जायेंगे. इसे देखते हुए जिले के किसान धान का बिचड़ा डालने की युद्धस्तर पर तैयारी में हैं. लेकिन हैरानी की बात है कि अब तक कृषि विभाग के द्वारा कोई गाइडलाइन जारी नहीं किया गया है.

विभाग के पास किस वैरायटी के कितना बीज है या किसान बीज कहां से प्राप्त करेंगे, ऑफलाइन आवेदन करना होगा या ऑनलाइन, बीज की कीमत क्या है, इन साब बातों से किसान परेशान हैं.

दरअसल 25 मई को सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं जो 8 जून की सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक रहेंगे. इसी बीच लगभग सभी किसान धान का बिचड़ा डालने की तैयारी में है.

90 हजार 5 हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसल की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है. वर्ष 2020 में 1 लाख से अधिक रजिस्टर्ड किसानों ने 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर बम्पर धान का उत्पादन किया था.

ये भी पढ़ें- बेतिया: बेमौसम बरसात से मक्के की फसल को नुकसान, किसान परेशान

यह समस्या डीएम को लगती है छोटी
हालांकि 21 मई को जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के द्वारा रोहिणी नक्षत्र को लेकर की गई तैयारियों की जानकारी लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम जिलाधिकारी अमन समीर के पास पहुंची. उन्होंने कहा कि जो जानकारी चाहिए लिख लीजिए, छोटी-छोटी बातों पर कैमरे के सामने बयान नही दूंगा. देर शाम जिला जनसंपर्क पदाधिकारी के द्वारा प्रेस रिलीज जारी कर कुछ जानकारी जरूर दी गई लेकिन जो मूलभूत सवाल हैं उसका जवाब कौन देगा ?

ये भी पढ़ें- नीतीश-मोदी पर बमक गए लालू यादव, कहा- 'किसान-मज़दूर बदहाल, सरकार फाइलों में कर रही कमाल'

क्या कहते हैं किसान ?
वही, रोहिणी नक्षत्र को लेकर बिचड़ा डालने की तैयारी में जुटे किसान मनोज केसरी ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में ही बिचड़ा डालने की तैयारी में हैं लेकिन इस लॉकडाउन में अब तक विभागीय अधिकारियों के द्वारा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है.

21 मई 2021 तक 79.95 मिलीमीटर वर्षा हुई है. जो सामान्य वर्षापात से 61% अधिक है. 24 मई से रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत हो जाती है जो 7 जून 2021 तक चलेगी.

बीज की आपूर्ति बिहार राज्य बीज निगम के चिन्हित बीज विक्रेताओं द्वारा की जाएगी. जिले में कुल 1805 क्विंटल धान बीज का वितरण अनुदानित दर पर किया जाएगा. जिले में बीज विक्रेताओं को चिन्हित कर लिया गया है.

उनके द्वारा राशि बिहार राज्य बीज निगम को भेजी जा चुकी है. विभाग का प्रयास है कि रोहिणी नक्षत्र में किसानों को बीज उपलब्ध करा दिया जाए. 21 मई तक कुल 8945 किसानों द्वारा बीज क्रय करने का आवेदन दिया गया है. इस साल विभाग किसानों को उनके घर पर बीज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. 2,347 किसानों के द्वारा घर पर बीज प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया गया है. जिले में उर्वरक और कीटनाशी दवाओं की कोई कमी नहीं है.

ये भी पढ़ें- मोतिहारी: 31 जुलाई तक किसान करा सकेंगे खरीफ फसल सहायता योजना का रजिस्ट्रेशन

क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक ?
किसानों के सामने उत्पन्न हुए इस समस्या को लेकर जिला कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर मांधाता सिंह ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में जो किसान बिचड़ा गिरा देते हैं. उनके लिए खरीफ के साथ ही साथ रवि फसल के लिए काफी लाभदायक होता है. क्योकि अलग-अलग प्रजाति के जो धान है वह अलग-अलग समय में तैयार होता है.

जब किसान इस मई महीने में बिचड़ा डालेंगे तो जो 155 दिन में तैयार होने वाला धान है, वह नवंबर माह के पहले सप्ताह में कट जायेगा और समय से किसान रबी फसल की बुआई कर लेंगे. लेकिन यदि समय से किसान बिचड़ा नहीं डाल पाए तो, फिर उन्हे रवि फसल के लिए भी नुकसान उठाना पड़ेगा.

देखें वीडियो

बक्सर: कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए देश मे लगे लॉकडाउन के बीच 25 मई को सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर सूर्य भगवान रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर जायेंगे. इसे देखते हुए जिले के किसान धान का बिचड़ा डालने की युद्धस्तर पर तैयारी में हैं. लेकिन हैरानी की बात है कि अब तक कृषि विभाग के द्वारा कोई गाइडलाइन जारी नहीं किया गया है.

विभाग के पास किस वैरायटी के कितना बीज है या किसान बीज कहां से प्राप्त करेंगे, ऑफलाइन आवेदन करना होगा या ऑनलाइन, बीज की कीमत क्या है, इन साब बातों से किसान परेशान हैं.

दरअसल 25 मई को सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं जो 8 जून की सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक रहेंगे. इसी बीच लगभग सभी किसान धान का बिचड़ा डालने की तैयारी में है.

90 हजार 5 हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसल की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है. वर्ष 2020 में 1 लाख से अधिक रजिस्टर्ड किसानों ने 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर बम्पर धान का उत्पादन किया था.

ये भी पढ़ें- बेतिया: बेमौसम बरसात से मक्के की फसल को नुकसान, किसान परेशान

यह समस्या डीएम को लगती है छोटी
हालांकि 21 मई को जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के द्वारा रोहिणी नक्षत्र को लेकर की गई तैयारियों की जानकारी लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम जिलाधिकारी अमन समीर के पास पहुंची. उन्होंने कहा कि जो जानकारी चाहिए लिख लीजिए, छोटी-छोटी बातों पर कैमरे के सामने बयान नही दूंगा. देर शाम जिला जनसंपर्क पदाधिकारी के द्वारा प्रेस रिलीज जारी कर कुछ जानकारी जरूर दी गई लेकिन जो मूलभूत सवाल हैं उसका जवाब कौन देगा ?

ये भी पढ़ें- नीतीश-मोदी पर बमक गए लालू यादव, कहा- 'किसान-मज़दूर बदहाल, सरकार फाइलों में कर रही कमाल'

क्या कहते हैं किसान ?
वही, रोहिणी नक्षत्र को लेकर बिचड़ा डालने की तैयारी में जुटे किसान मनोज केसरी ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में ही बिचड़ा डालने की तैयारी में हैं लेकिन इस लॉकडाउन में अब तक विभागीय अधिकारियों के द्वारा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है.

21 मई 2021 तक 79.95 मिलीमीटर वर्षा हुई है. जो सामान्य वर्षापात से 61% अधिक है. 24 मई से रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत हो जाती है जो 7 जून 2021 तक चलेगी.

बीज की आपूर्ति बिहार राज्य बीज निगम के चिन्हित बीज विक्रेताओं द्वारा की जाएगी. जिले में कुल 1805 क्विंटल धान बीज का वितरण अनुदानित दर पर किया जाएगा. जिले में बीज विक्रेताओं को चिन्हित कर लिया गया है.

उनके द्वारा राशि बिहार राज्य बीज निगम को भेजी जा चुकी है. विभाग का प्रयास है कि रोहिणी नक्षत्र में किसानों को बीज उपलब्ध करा दिया जाए. 21 मई तक कुल 8945 किसानों द्वारा बीज क्रय करने का आवेदन दिया गया है. इस साल विभाग किसानों को उनके घर पर बीज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. 2,347 किसानों के द्वारा घर पर बीज प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया गया है. जिले में उर्वरक और कीटनाशी दवाओं की कोई कमी नहीं है.

ये भी पढ़ें- मोतिहारी: 31 जुलाई तक किसान करा सकेंगे खरीफ फसल सहायता योजना का रजिस्ट्रेशन

क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक ?
किसानों के सामने उत्पन्न हुए इस समस्या को लेकर जिला कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर मांधाता सिंह ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में जो किसान बिचड़ा गिरा देते हैं. उनके लिए खरीफ के साथ ही साथ रवि फसल के लिए काफी लाभदायक होता है. क्योकि अलग-अलग प्रजाति के जो धान है वह अलग-अलग समय में तैयार होता है.

जब किसान इस मई महीने में बिचड़ा डालेंगे तो जो 155 दिन में तैयार होने वाला धान है, वह नवंबर माह के पहले सप्ताह में कट जायेगा और समय से किसान रबी फसल की बुआई कर लेंगे. लेकिन यदि समय से किसान बिचड़ा नहीं डाल पाए तो, फिर उन्हे रवि फसल के लिए भी नुकसान उठाना पड़ेगा.

देखें वीडियो
Last Updated : May 23, 2021, 2:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.