बक्सरः इस साल किसानों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है. पहले लॉडाउन, फिर टिड्डियों का आंतक और अब मौसम की बेरुखी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. अप्रेल और मई के महीने में जिले में झमाझम बारिश हुई. लेकिन अब धान की रोपनी का समय आया तो बारिश नहीं हो रही है. किसान उम्मीद की निगाह से आसमान में टकटकी लगए बैठे हैंं.
समय पर उपलब्ध नहीं हुआ बीज
जिला के 1 लाख 10 हजार रजिस्टर्ड किसान है. कृषि विभाग ने इन किसानों के बदौलत 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान उत्पादन करने का लक्ष्य रखा था. लेकिन विभागीय अधिकारी किसानों को ना तो समय पर बीज उपलब्ध करा पाए और ना ही रोपनी के लिए पानी उपलब्ध करा पा रहे हैं. ऐसे में किसान अपनी किस्मत को कोस रहे है.
9 हजार किसानों को देना था बिजली का कनेक्शन
भारत सरकार ने किसानों की परेशानी को दूर करने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की शुरुआत की. इसके तहत हर खेत तक कृषि कार्य के लिए बिजली की व्यवस्था तो कर दी गई, लेकिन कृषि फीडर से किसानों को मात्र 2 से 3 घंटे ही बिजली मिल पा रही है.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत कृषि फीडर से 9 हजार किसानों को बिजली का कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण मात्र 3,200 किसानों को ही बिजली का कनेक्शन मिल पाया है.
परेशान हैं किसान
किसानों ने बताया कि जब जरूरत नही था तो बहुत बारिश हुई और अब धान की रोपनी करने का समय आया तो मौसम ने भी धोखा दे दिया. हमारे सामने आगे कुंआ और पीछे छाई वाली स्थिति है. उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग की ओर से भी कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है.
डीएम ने दिए निर्देश
डीएम अमन समीर ने कहा कि कुछ किसानों से यह सूचना मिली है कि कृषि फीडर से बिजली नहीं मिल पा रहा है. जिसके बाद कार्यपालक अभियंता को जल्द से जल्द इस समस्या को दूर करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही पूरे जिला में 9 हजार किसानों को कृषि फीडर से बिजली का कनेक्शन देने का जो लक्ष्य तय किया गया था, उस लक्ष्य को भी पूरा करने का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की कोशिश है कि किसानों को किसी तरह की समस्या ना हो.