ETV Bharat / state

हर रोज कृषि कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं किसान, नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ

किसानों से कहा गया था कि सरकारी योजना के लाभ के साथ अनुदान की राशि बैंक खाते में भेज दी जाएगी. लेकिन 3 साल का समय बीत जाने के बाद भी अब तक उस योजना का लाभ नहीं मिला है. बार-बार कृषि कार्यालय के अधिकारी आश्वासन देकर मामले को दबा देते हैं.

कृषि कार्यालय का चक्कर लगा रहे किसान
कृषि कार्यालय का चक्कर लगा रहे किसान
author img

By

Published : Mar 7, 2020, 4:18 PM IST

बक्सर: भारत एक कृषि प्रधान देश है. इसके बाद भी इस देश में किसानों का सबसे अधिक शोषण किया जाता है. ताजा मामला बक्सर जिला का है. यहां के दो दर्जन किसान पिछले 3 सालों से सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. इसके बाद भी उन्हें केवल आश्वासन देकर छोड़ दिया जाता है.

क्या कहते हैं किसान
जिला कृषि कार्यालय पहुंचे किसान ब्रिज बिहारी ने बताया कि साल 2017 और 2018 में जिला कृषि कार्यालय से अनुदानित गेहूं और चने का बीज लिया था. बीज लेते समय पूरी राशि जमा करा ली गई की. अधिकारी की ओर से कहा गया कि सरकारी योजना के लाभ के साथ अनुदान की राशि बैंक खाते में भेज दी जाएगी. लेकिन 3 साल का समय बीत जाने के बाद भी अब तक उस योजना का लाभ नहीं मिला है. बार-बार कृषि कार्यालय के अधिकारी आश्वासन देकर मामले को दबा देते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अधिकारी की दलील
किसानों की समस्या को लेकर जब संबंधित अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सरकार ने राशि उपलब्ध करा दी है. किसानों का बाउचर जांच करने के बाद अनुदान की राशि उनके खाते में जल्द ही भेज दी जाएगी.

पूरा मामला
बता दें कि जिला में 2019 में किसानों को मिलने वाला 700 क्विंटल ढईचा घास और 300 क्विंटल अरहर का बीज डीलरों की मिली भगत से बाजार में बेच दिया गया. मामला प्रकाश में आने के बाद जब अधिकारियों ने इसकी जांच कराई तो मामले का खुलासा हुआ. इसके बाद उप विकास आयुक्त को इसके जांच की जिम्मेदारी दी गई. जांच अधिकारियों के बार-बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी किसानों की सूची जिला कृषि अधिकारी उपलब्ध नहीं करा सके.

बक्सर: भारत एक कृषि प्रधान देश है. इसके बाद भी इस देश में किसानों का सबसे अधिक शोषण किया जाता है. ताजा मामला बक्सर जिला का है. यहां के दो दर्जन किसान पिछले 3 सालों से सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. इसके बाद भी उन्हें केवल आश्वासन देकर छोड़ दिया जाता है.

क्या कहते हैं किसान
जिला कृषि कार्यालय पहुंचे किसान ब्रिज बिहारी ने बताया कि साल 2017 और 2018 में जिला कृषि कार्यालय से अनुदानित गेहूं और चने का बीज लिया था. बीज लेते समय पूरी राशि जमा करा ली गई की. अधिकारी की ओर से कहा गया कि सरकारी योजना के लाभ के साथ अनुदान की राशि बैंक खाते में भेज दी जाएगी. लेकिन 3 साल का समय बीत जाने के बाद भी अब तक उस योजना का लाभ नहीं मिला है. बार-बार कृषि कार्यालय के अधिकारी आश्वासन देकर मामले को दबा देते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

अधिकारी की दलील
किसानों की समस्या को लेकर जब संबंधित अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सरकार ने राशि उपलब्ध करा दी है. किसानों का बाउचर जांच करने के बाद अनुदान की राशि उनके खाते में जल्द ही भेज दी जाएगी.

पूरा मामला
बता दें कि जिला में 2019 में किसानों को मिलने वाला 700 क्विंटल ढईचा घास और 300 क्विंटल अरहर का बीज डीलरों की मिली भगत से बाजार में बेच दिया गया. मामला प्रकाश में आने के बाद जब अधिकारियों ने इसकी जांच कराई तो मामले का खुलासा हुआ. इसके बाद उप विकास आयुक्त को इसके जांच की जिम्मेदारी दी गई. जांच अधिकारियों के बार-बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी किसानों की सूची जिला कृषि अधिकारी उपलब्ध नहीं करा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.