बक्सरः कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लगाया गया है. देश में लगे लॉकडाउन के कारण अब तक जिले में 40 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक बेरोजगार होकर अपने गृह जिले आ गए है. स्थानीय लोगों के साथ ही दूसरे प्रदेश से आये हजारों लोगों को रोजगार देने के लिए जिले के 142 पंचायतों में मनरेगा के तहत 300 से अधिक योजनाओं को शुरू कराया गया है, ताकि किसी के सामने ना तो भुखमरी की स्थिति उतपन्न हो और ना ही कोई बेरोजगार रहे.
कितनी योजनाओं पर हो रहा है काम
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार क्वारंटीन सेंटर से निकलने के साथ 3 हजार 28 लोगों को जॉब कार्ड देने के साथ ही काम भी अलॉट कर दिया गया है. अब तक जिले में 1100 मजदूर को काम मिला है. जिले में मजदूरों को जिन कामों में लगाया गया है, उनमें निजी तालाब-150, पोखर-38, आहर-41 और पइन-295 शामिल हैं.
क्या कहते हैं मुखिया?
मनरेगा योजना के तहत जिला के सदर प्रखंड के जगदीशपुर पंचायत में चल रहे कार्यों को लेकर मुखिया अनिल यादव ने कहा कि क्वारंटीन सेंटर में ही जो लोग आये हैं. वहीं पर उन्हें जॉब कार्ड दे दिया गया है. सभी को समय से पैसे का भुगतान किया जा रहा है. जिससे किसी के सामने कोई संकट न उत्पन्न हो. हमारे पंचायत में युद्धस्तर पर कार्य कराया जा रहा है, ताकि बरसात से पहले कार्य पूर्ण किया जा सके.
रोजगार मिलने से किसानों की दूर हुई मुसीबत
वहीं, मनरेगा में काम कर रहे मजदूरों ने काम मिलने के बाद प्रसन्नता जताते हुए कहा कि लॉकडाउन के कारण बहुत परेशानी हो गई थी. घर में भोजन बनाने के लिए ना तो अन्न का एक दाना था और ना ही पैसा. लेकिन मनरेगा में काम मिलने के कारण हमारे संकट का निदान हो गया. समय से पैसा मिल जाने के कारण, जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है.