बक्सर: 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने में जुटे सभी राजनीतिक पार्टी के नेता, अपनी- अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में है. इस कड़ी में जदयू विधायक ददन पहलवान 6 अक्टूबर को नामांकन करने की घोषणा कर दिए हैं, जिसके बाद एनडीए के कई नेता भी असमंजस में है कि बिना एनडीए में सीट बंटवारे के ही कोई भी उम्मीदवार कैसे नामांकन करेगा. आपको बता दें की ददन पहलवान कई बार परचम लहरा चुके हैं. पहले निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी ददन पहलवान जीत चुके हैं.
क्या कहते हैं जदयू विधायक
अपने विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान जदयू विधायक ने कहा कि लोकतंत्र में भगवान रूपी जनता पर मुझे हर बार की तरह इस बार भी पूर्ण भरोसा है. इस बार बंपर बहुमत के साथ जनता मुझे विधानसभा भेजेगी. आज मेरे पास जो भी है वह मतदाता मालिक का ही देन है. पूरे देश में मान सम्मान मिल रहा है. मैं जंहा भी जाता हूं वहां यह बात कहता हूं कि भगवान रूपी जनता का आशीर्वाद नहीं मिलता तो आज भी हम एक शिक्षक ही रहते.
बक्सर: डुमरांव जदयू विधायक ददन पहलवान 6 अक्टूबर को करेंगे नामांकन
बक्सर अंतर्गत डुमराव विधानसभा क्षेत्र के जदयू विधायक ददन पहलवान 6 अक्टूबर को नामांकन करेंगे. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में भगवान रूपी जनता पर पूरा भरोसा है. इस बार भी बंपर मतों से जनता जीत दिलाएगी.
बक्सर: 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने में जुटे सभी राजनीतिक पार्टी के नेता, अपनी- अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में है. इस कड़ी में जदयू विधायक ददन पहलवान 6 अक्टूबर को नामांकन करने की घोषणा कर दिए हैं, जिसके बाद एनडीए के कई नेता भी असमंजस में है कि बिना एनडीए में सीट बंटवारे के ही कोई भी उम्मीदवार कैसे नामांकन करेगा. आपको बता दें की ददन पहलवान कई बार परचम लहरा चुके हैं. पहले निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी ददन पहलवान जीत चुके हैं.
क्या कहते हैं जदयू विधायक
अपने विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान जदयू विधायक ने कहा कि लोकतंत्र में भगवान रूपी जनता पर मुझे हर बार की तरह इस बार भी पूर्ण भरोसा है. इस बार बंपर बहुमत के साथ जनता मुझे विधानसभा भेजेगी. आज मेरे पास जो भी है वह मतदाता मालिक का ही देन है. पूरे देश में मान सम्मान मिल रहा है. मैं जंहा भी जाता हूं वहां यह बात कहता हूं कि भगवान रूपी जनता का आशीर्वाद नहीं मिलता तो आज भी हम एक शिक्षक ही रहते.