बक्सरः आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की तैयारी में जुटे राजनीतिक पार्टी के नेताओं ने एक दूसरे की खामियों को उजागर करना शुरू कर दिया है. यही कारण है कि लोक जनशक्ति पार्टी के नेता जदयू पर हमलावर है, तो जदयू के नेता राजद के 15 साल के जंगलराज का डर दिखाकर जनता को अपने पक्ष में गोलबंद करने में लगे हुए हैं.
'समाज में अमन-चैन के साथ रह रहे लोग'
हालांकि इन तमाम तैयारियों के बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता अपना पत्ता नहीं खोल रहे हैं. जिसके कारण विपक्ष से लेकर सहयोगी पार्टी भी बीजेपी की सियासी चाल को समझने में लगे हुए हैं. वहीं, ददन पहलवान ने कहा कि नीतीश कुमार के समग्र विकास की नीति ने जाति-धर्म की दीवार को तोड़ा है. समाज में अमन-चैन के साथ लोग जीवन जी रहे हैं. 15 साल के जंगल राज में राजद के नेताओं ने नरसंहार के नाम पर जातियों को आपस मे लड़ाकर बिहार में शासन किया.
'बीजेपी के तमाम नेता हैं खामोश'
एनडीए के सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी और जदयू के नेताओं के बीच चल रहे द्वंद में भारतीय जनता पार्टी खामोशी के साथ सियासी दांव-पेंच को समझने में लगे हुई है. उधर महागठबंधन के सहयोगी कांग्रेस नेताओं के जरिए अबतक अपना पत्ता नहीं खोलने से राजद के नेता भी परेशान हैं. उन्हें ऐसा लग रहा कि कहीं लोजपा के विरोध करने के बाद जदयू और कांग्रेस नए समीकरण के साथ गठबंधन ना कर लें.
जदयू विधायक का दावा
बिहार में चल रहे सियासी खेल को लेकर डुमरांव जदयू विधायक ददन पहलवान ने कहा कि नीतीश कुमार के सुशासन और समग्र विकास की नीति ने जाति धर्म के सीमाओं को तोड़कर विकास का राज कायम किया है. 15 सालों तक जंगल राज के नाम से जाने जाने वाले इस बिहार को विकास प्रदेश के नाम से जाना जा रहा है.
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ददन पहलवान ने कहा कि राज्य का विकास करने वाले मुख्यमंत्री को लोग विकास पुरुष कह रहे हैं. यह वही बिहार है, जहां सत्ता में बने रहने के लिए, राजद के नेताओं ने सैकड़ों नरसंहार कराया. एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाया. आज इस प्रदेश में इलेक्शन का ट्रेंड बदल गया है. लोग डर कर नहीं, काम पर मतदान कर रहे हैं. जदयू-भाजपा गठबंधन एक बार फिर बिहार में इतिहास कायम करेगा.
बीजेपी खामोशी के साथ तैयारी में जुटी
गौरतलब है कि बक्सर जिला में 4 विधानसभा क्षेत्र हैं. डुमराव और राजपुर सीट पर जदयू का कब्जा है. जबकि ब्रह्मपुर और बक्सर सीट पर राजद और कांग्रेस का कब्जा है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के नेता 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में अपने हारी हुई पारंपरिक सीट के अलावे राजद और कांग्रेस के कब्जे वाली सीट पर भी कब्जा करने के लिए साइलेंटली तैयारी में लगे हुए हैं.