ETV Bharat / state

बक्सर: कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन, CPIML कार्यकर्ताओं ने भी किया रेलवे ट्रैक जाम

तीनों कृषि कानून के खिलाफ देशव्यापी रेल चक्का जाम का आयोजन किया गया. जिले में भी दर्जनों भाकपा कार्यकर्ताओं ने रेलवे ट्रैक को जाम किया. साथ ही केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कृषि कानून के वापस लेने की मांग की.

CPI Male worker jammed rail in support of farm law protest in Buxar
CPI Male worker jammed rail in support of farm law protest in Buxar
author img

By

Published : Feb 18, 2021, 5:03 PM IST

बक्सर: तीनों कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन कर रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को किसान संगठन की ओर से देशव्यापी रेल चक्का जाम किया गया. जिले में भी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने रेलवे ट्रेक को जाम कर दिया. साथ ही कार्यकर्ताओं ने कृषि कानून को वापस लेने की मांग की.

ये भी पढे़ं- सासाराम: कृषि कानूनों के खिलाफ वाम दलों ने रेल ट्रैक पर किया प्रदर्शन

रेल चक्का जाम करने पहुंचे पूर्व सांसद तेज नारायण सिंह ने कहा कि आजादी के 73 साल बाद भी देश के किसान ब्यूरोक्रेट्स के मेहरबानियों के लिए मोहताज है. भारत की सरकार किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना देना चाहती है. इससे चंद पूंजीपति लोग किसानों पर हुकूमत कर सकेंगे. आज देश की हालात ये है कि किसान रात दिन अथक परिश्रम कर फसल उपजाते हैं और उनके उपज का मूल्य व्यापारी तय करते हैं.

आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
इस मौके पर मौजूद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला संयुक्त सचिव नागेंद्र मोहन सिंह ने बताया कि भारत सरकार ने तीनों कृषि कानून पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया है. इसका लंबे समय से किसानों की ओर विरोध जताया जा रहा है. कई महीनों से किसान सिंधु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर जमे हुए हैं. उसके बाद भी सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है. इसलिए जब तक सरकार तीनों कानून को वापस नहीं ले लेती, यह आंदोलन जारी रहेगा.

समझा-बुझाकर हटाया जाम
हालांकि इस रेल चक्का जाम से बक्सर में कोई ट्रेन प्रभावित नहीं हुई. सिर्फ 15 मिनट तक ही प्रदर्शन करने के बाद रेलवे पुलिस के जवानों ने प्रदर्शनकारियों को समझाया और चक्का जाम हटवाया. सभी प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक खाली करने के बाद अपने-अपने घर लौट गए.

मानव श्रृंखला बनाकर किया गया था विरोध
बता दें कि किसान आंदोलन को देश भर में पहुंचाने के लिए विपक्ष के नेताओं की ओर से कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं. कुछ ही दिनों पहले महागठबंधन के नेताओं ने बिहार में मानव श्रृंखला बनाकर कृषि कानून का विरोध किया था.

बक्सर: तीनों कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन कर रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को किसान संगठन की ओर से देशव्यापी रेल चक्का जाम किया गया. जिले में भी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने रेलवे ट्रेक को जाम कर दिया. साथ ही कार्यकर्ताओं ने कृषि कानून को वापस लेने की मांग की.

ये भी पढे़ं- सासाराम: कृषि कानूनों के खिलाफ वाम दलों ने रेल ट्रैक पर किया प्रदर्शन

रेल चक्का जाम करने पहुंचे पूर्व सांसद तेज नारायण सिंह ने कहा कि आजादी के 73 साल बाद भी देश के किसान ब्यूरोक्रेट्स के मेहरबानियों के लिए मोहताज है. भारत की सरकार किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना देना चाहती है. इससे चंद पूंजीपति लोग किसानों पर हुकूमत कर सकेंगे. आज देश की हालात ये है कि किसान रात दिन अथक परिश्रम कर फसल उपजाते हैं और उनके उपज का मूल्य व्यापारी तय करते हैं.

आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
इस मौके पर मौजूद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला संयुक्त सचिव नागेंद्र मोहन सिंह ने बताया कि भारत सरकार ने तीनों कृषि कानून पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया है. इसका लंबे समय से किसानों की ओर विरोध जताया जा रहा है. कई महीनों से किसान सिंधु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर जमे हुए हैं. उसके बाद भी सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है. इसलिए जब तक सरकार तीनों कानून को वापस नहीं ले लेती, यह आंदोलन जारी रहेगा.

समझा-बुझाकर हटाया जाम
हालांकि इस रेल चक्का जाम से बक्सर में कोई ट्रेन प्रभावित नहीं हुई. सिर्फ 15 मिनट तक ही प्रदर्शन करने के बाद रेलवे पुलिस के जवानों ने प्रदर्शनकारियों को समझाया और चक्का जाम हटवाया. सभी प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक खाली करने के बाद अपने-अपने घर लौट गए.

मानव श्रृंखला बनाकर किया गया था विरोध
बता दें कि किसान आंदोलन को देश भर में पहुंचाने के लिए विपक्ष के नेताओं की ओर से कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं. कुछ ही दिनों पहले महागठबंधन के नेताओं ने बिहार में मानव श्रृंखला बनाकर कृषि कानून का विरोध किया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.