ETV Bharat / state

'लाठी से भैंस हांकने से कुछ नहीं होगा, पहले व्यवस्था को दुरुस्त कीजिए', केके पाठक को CPIML की नसीहत - ईटीवी भारत बिहार

KK Pathak: बिहार सरकार में सहयोगी भाकपा माले ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. विधायक अजित कुमार सिंह ने कहा कि स्कूल का इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक करने के बजाए केके पाठक लाठी से भैंस हांक रहे हैं.

भाकपा माले का केके पाठक पर हमला
भाकपा माले का केके पाठक पर हमला
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 22, 2023, 2:25 PM IST

CPIML MLA अजित कुमार सिंह

बक्सर: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के हनक से शिक्षा जगत में हड़कंप मचा हुआ है. कुछ लोग उनके इस कदम का विरोध कर रहे हैं तो कुछ उनके नए नए फैसले का समर्थन कर रहे हैं. शिक्षाविदों की मानें तो के के पाठक के आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी क्रांति दिखाई दे रही है, जो शिक्षक स्कूलों में पढ़ाना छोड़कर दिल्ली में आराम फरमा रहे थे, वह भी अपने शिक्षण क्षेत्र में पहुंचकर स्कूलों में नियमित दस्तक दे रहे हैं.

भाकपा माले का केके पाठक पर हमला: वहीं बच्चे नामांकन रद्द होने के डर से निरन्तर स्कूल पहुंच रहे हैं, जिससे स्कूल कैंपस गुलजार हो उठा है और आने वाले समय में निजी विद्यालयों के लिए उनका यह कदम सबसे अधिक घातक होगा. वहीं सरकारी स्कूलों से रद्द हो रहे छात्र-छत्राओ के नामांकन पर डुमरांव विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले विधायक अजित कुमार सिंह ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक पर जोरदार हमला बोला है.

"के के पाठक लाठी से भैस हांकना छोड़कर पहले स्कूल की व्यवस्था को दुरुस्त करें. न स्कूल कैम्पस में क्लास रूम है और न ही बच्चों के बैठने और पढ़ने के लिए डेस्क बेंच, भवन जर्जर हालात में हैं. सभी बच्चे स्कूल पहुंच जाएंगे तो सरकारी स्कूल में बैठने तक की भी जगह नहीं रहेगी. ये केवल नए नए फरमान जारी कर स्कूल से बच्चों का नाम काट रहे हैं."- अजित कुमार सिंह, भाकपा विधायक

क्या बोले स्थानीय?: केके पाठक के नए-नए फरमानों पर स्थानीय संदीप ठाकुर ने कहा कि पहले की सरकारों ने शिक्षा को जिस तरह से बेपटरी कर दिया है, उसे पटरी पर लाने के लिए कड़ा कदम उठाना ही पड़ेगा. जब एक घर का युवा बिगड़ता है तो उसे सुधारने के लिए परिजन क्या क्या नहीं करते हैं.

"इस बिगड़ी हुई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए के के पाठक ही सही हैं. सुधार के लिए सख्ती जरूरी है."- संदीप ठाकुर, स्थानीय

"बिहार में शिक्षा की जो दुर्दशा है वह किसी से छुपी नहीं है. वर्तमान सरकार एवं महकमे के अधिकारी शिक्षा में सुधार को लेकर जो कदम उठा रहे हैं, उसका आने वाले समय में सुखद परिणाम होगा. कुछ लोग है जिनको निजी स्कूलों पर संकट मंडराते देख पेट में दर्द हो रहा है. नाम उन्हीं का काटा जा रहा है जो लाभ सरकारी स्कूलों का ले रहे है और पढ़ाई निजी विद्यालय में कर रहे हैं."- कृष्णा यादव, स्थानीय

फरमान से सुधर रही शिक्षा व्यवस्था!: गौरतलब है कि जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने कमान संभाली है तब से सरकारी विद्यालयों की सूरत ही बदलने लगी है. स्कूल में ड्यूटी मैनेज कर दिल्ली में आराम फरमाने वाले जिले के सैकड़ों शिक्षक अब नियमित रूप से स्कूलों में पहुंचकर पठन पाठन का काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-

'बच्चे किताब खोलकर एक लाइन पढ़ नहीं पा रहे, ये देखता हूं तो गुस्सा आता है', बेगूसराय में शिक्षकों पर भड़के KK Pathak

सरकारी स्कूलों में सिखाया जाएगा कंप्यूटर, औरंगाबाद पहुंचे KK Pathak ने शिक्षकों से पूछा- 'आपको आता है ना'

जानिए क्यों मंच से सीएम नीतीश ने कहा खड़े होईए केके पाठक, फिर क्या कर दी डिमांड

CPIML MLA अजित कुमार सिंह

बक्सर: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के हनक से शिक्षा जगत में हड़कंप मचा हुआ है. कुछ लोग उनके इस कदम का विरोध कर रहे हैं तो कुछ उनके नए नए फैसले का समर्थन कर रहे हैं. शिक्षाविदों की मानें तो के के पाठक के आने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी क्रांति दिखाई दे रही है, जो शिक्षक स्कूलों में पढ़ाना छोड़कर दिल्ली में आराम फरमा रहे थे, वह भी अपने शिक्षण क्षेत्र में पहुंचकर स्कूलों में नियमित दस्तक दे रहे हैं.

भाकपा माले का केके पाठक पर हमला: वहीं बच्चे नामांकन रद्द होने के डर से निरन्तर स्कूल पहुंच रहे हैं, जिससे स्कूल कैंपस गुलजार हो उठा है और आने वाले समय में निजी विद्यालयों के लिए उनका यह कदम सबसे अधिक घातक होगा. वहीं सरकारी स्कूलों से रद्द हो रहे छात्र-छत्राओ के नामांकन पर डुमरांव विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले विधायक अजित कुमार सिंह ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक पर जोरदार हमला बोला है.

"के के पाठक लाठी से भैस हांकना छोड़कर पहले स्कूल की व्यवस्था को दुरुस्त करें. न स्कूल कैम्पस में क्लास रूम है और न ही बच्चों के बैठने और पढ़ने के लिए डेस्क बेंच, भवन जर्जर हालात में हैं. सभी बच्चे स्कूल पहुंच जाएंगे तो सरकारी स्कूल में बैठने तक की भी जगह नहीं रहेगी. ये केवल नए नए फरमान जारी कर स्कूल से बच्चों का नाम काट रहे हैं."- अजित कुमार सिंह, भाकपा विधायक

क्या बोले स्थानीय?: केके पाठक के नए-नए फरमानों पर स्थानीय संदीप ठाकुर ने कहा कि पहले की सरकारों ने शिक्षा को जिस तरह से बेपटरी कर दिया है, उसे पटरी पर लाने के लिए कड़ा कदम उठाना ही पड़ेगा. जब एक घर का युवा बिगड़ता है तो उसे सुधारने के लिए परिजन क्या क्या नहीं करते हैं.

"इस बिगड़ी हुई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए के के पाठक ही सही हैं. सुधार के लिए सख्ती जरूरी है."- संदीप ठाकुर, स्थानीय

"बिहार में शिक्षा की जो दुर्दशा है वह किसी से छुपी नहीं है. वर्तमान सरकार एवं महकमे के अधिकारी शिक्षा में सुधार को लेकर जो कदम उठा रहे हैं, उसका आने वाले समय में सुखद परिणाम होगा. कुछ लोग है जिनको निजी स्कूलों पर संकट मंडराते देख पेट में दर्द हो रहा है. नाम उन्हीं का काटा जा रहा है जो लाभ सरकारी स्कूलों का ले रहे है और पढ़ाई निजी विद्यालय में कर रहे हैं."- कृष्णा यादव, स्थानीय

फरमान से सुधर रही शिक्षा व्यवस्था!: गौरतलब है कि जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने कमान संभाली है तब से सरकारी विद्यालयों की सूरत ही बदलने लगी है. स्कूल में ड्यूटी मैनेज कर दिल्ली में आराम फरमाने वाले जिले के सैकड़ों शिक्षक अब नियमित रूप से स्कूलों में पहुंचकर पठन पाठन का काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-

'बच्चे किताब खोलकर एक लाइन पढ़ नहीं पा रहे, ये देखता हूं तो गुस्सा आता है', बेगूसराय में शिक्षकों पर भड़के KK Pathak

सरकारी स्कूलों में सिखाया जाएगा कंप्यूटर, औरंगाबाद पहुंचे KK Pathak ने शिक्षकों से पूछा- 'आपको आता है ना'

जानिए क्यों मंच से सीएम नीतीश ने कहा खड़े होईए केके पाठक, फिर क्या कर दी डिमांड

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.