बक्सर: तीनों कृषि कानून के खिलाफ देश के किसान कई महीने से टिकरी, सिंधु और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलित है. वहीं, अब किसानों को जागरूक करने के लिए माले ने जन जागरूकता रथ भेजा है. गौरतलब है कि लंबे समय से तीनों कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलित हैं.
देश के किसानों ने एक तरफ जहां 5 राज्य में होने वाला विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं, भाकपा माले के नेताओं ने इस आंदोलन को और मजबूत बनाने के लिए पूरे बिहार में जनजगरुकता रथ के माध्यम से किसानों को गोलबंद करने में लगे हुए.
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किसान जन जागरूकता रथ पहुंचा बक्सर
बिहार के किसानों को गोलबंद करने के लिए भकपा माले के नेताओं के नेतृत्व में पूरे प्रदेश को 7 जोन में बांटकर बिहटा से 7 रथ रवाना किया गया है. इस कड़ी में पूर्व लोकसभा प्रत्याशी राजू यादव के नेतृत्व में बिहटा से आरा, डुमरांव, जगदीशपुर, भोजपुर होते हुए जनजागरूकता किसान रथ बक्सर पहुंचा. जहां शहर के ज्योति चौक पर स्थापित ज्योति प्रकाश के प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद नेताओं ने जनसभा को संबोधित किया.
क्या कहते हैं नेता
पूर्व लोकसभा प्रत्याशी राजू यादव ने कहा कि 'यह लड़ाई केवल उन किसानों का नहीं है जो सिंधु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पर कई महीनों से आंदोलित है. यह लड़ाई पूरे हिंदुस्तान के किसानों और गरीबों का है. जिनके जीने का आधार कृषि और किसी न किसी रूप में वह इससे जुड़े हुए है. सरकार चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बना देना चाहती है.'
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कृषि को मिले उद्योग का दर्जा
उन्होंने कहा कि सरकार एवं किसानों के बीच कई दौर का वार्ता हुआ. हर बार सरकार यह कहती है कि तीनों कृषि कानून किसानों के हक में है तो सरकार कृषि को उद्योग का दर्जा देकर, एमएसपी को कानून में क्यों शामिल नहीं कर देती है. केवल किसानों को गुमराह करने के लिए मोदी सरकार के मंत्री कभी आंदोलित किसानों को खालिस्तानी तो कभी पाकिस्तानी बता रहे है.