बक्सर: बिहार के बक्सर में महिला कैदी के साथ मारपीट (Woman prisoner assaulted in Buxar) के मामले में व्यवहार न्यायालय ने महिला मंडल कारा के जेल अधीक्षक समेत कुल 12 कर्मियो को समन जारी किया है. जिसमें सभी को 20 जनवरी 2023 को कोर्ट में उपस्थित होकर पक्ष रखने का आदेश दिया गया है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान महिला कक्षपाल और सदर अस्पताल के डॉक्टर के बयान को भी द्रज किया गाय. गौरतलब है कि 4 अगस्त 2022 को रात्रि में तकरीबन साढ़े दस बजे जेल अधीक्षक के कहने पर उन्हें स्टील के पाइप के रॉड से और थप्पड़ों से बुरी तरह पीटकर बेहोश कर दिया था. वहीं इस मामले में जेल अधीक्षक का भी बयान सामने आया है. उसने कहा कि जेल में बादशाहत कायम करने के लिए महिला बंदी आरोप लगा रही है.
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जानिए क्या है महिला बंदी का आरोप: फरवरी 2022 से महिला मंडल कारा में बंद महिला बंदी पूनम देवी उर्फ पूनम राय को जब जेल से पेशी के लिए कोर्ट में लाया गया, उस दौरान उन्होंने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में इस बात की लिखित शिकायत की थी कि 4 अगस्त 2022 को रात्रि में तकरीबन साढ़े 10 बजे, कारा के गंगा वार्ड में महिला मंडल कारा के बलवंत सिंह (क्लर्क), सीतापति साही (उच्च कक्षपाल) निधी कुमारी (जेलर), सरिता देवी (सिपाही कक्षपाल), रजियांका कुमारी (महिला कक्षपाल), जेल अधीक्षक, श्रीमती रानी देवी ( महिला कक्षपाल). प्रियंका भारती (महिला कक्षपाल), प्रियंका कुमारी (महिला कक्षपाल), पुष्पा देवी, गेट वाटर मदन चौबे, एवं पूजा देवी ने कारा अधीक्षक के कहने पर लाठी डंडे, प्लास्टिक-स्टील के पाइप, और थप्पड़ मारने लगे और गाली देने लगे. जिसका विरोध करने पर कारा में तैनात क्लर्क बलवंत सिंह ने बाल पकड़कर जमीन पर पटक दिया. जब मैं दर्द से चीखने चिल्लाने लगी तो कारा में तैनात महिला कक्षपाल जुली कुमारी दौड़कर आई और उसने बीच बचाव किया।. इस दौरान पीट रहे सभी लोगों ने कागज पर अंगूठे का निशान ले लिया.
क्या कहते है महिला बंदी के अधिवक्ता: इस मामले को लेकर महिला बंदी के अधिवक्ता संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कोर्ट ने 20 जनवरी 2023 को सभी आरोपियों को कोर्ट में उपस्थित होने का समन जारी किया है. केस को रफा-दफा एवं मैनेज करने के लिए, जेल प्रशासन के द्वारा कई स्तर पर दबाव बनाया जा रहा है. लेकिन यह मामला मैनेज नही होने वाला है. सदर अस्पताल के डॉक्टर अमलेश कुमार के साथ ही महिला मंडल जेल के महिला कक्षपाल जुली कुमारी का बयान कोर्ट में दर्ज हो गया है. सभी आरोपियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है
क्या कहते है डॉक्टर: महिला बंदी का जांच करने वाले सदर अस्पताल के डॉक्टर अमलेश कुमार का बयान कोर्ट में दर्ज हो गया है. महिला बंदी का इलाज करने वाले डॉक्टर ने भी कोर्ट को यह बताया है कि पूनम राय को जब महिला मंडल कारा से इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था. उस दौरान ड्यूटी पर मैं ही तैनात था. महिला बंदी के जांघ और पीठ के स्किन पर चोट के निशान थे. स्किन पूरी तरह से काला हो गया था. जिसको देखते हुए पेट का अल्ट्रासाउंड एवं चेस्ट का एक्स-रे करवाया था. लेकिन रिपोर्ट नॉर्मल आया.
अधीक्षक ने आरोप को बताया बेबुनियाद: वहीं महिला बंदी के इस आरोप को लेकर जेल अधीक्षक श्रीमती शालिनी चौबे ने बताया कि महिला बंदी के द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है. महिला बंदी जेल में अपना बादशाहत कायम करना चाहती है. गौरतलब है कि जेल में बंद पूनम राय के खिलाफ नगर थाना में एफआईआर दर्ज है. दर्ज एफआईआर में यह बताया गया है कि पूनम राय डॉक्टर की फर्जी डिग्री धारण कर राजनीतिक संरक्षण में निजी अस्पताल चलाती थी. जिसके कारण एक महिला और बच्ची की मौत हो गई थी. उसी के परिजनों के द्वारा नगर थाना में एफआईआर दर्ज करवाया गया था. जिसके बाद 2022 में इनकी गिरफ्तारी हुई और फरवरी महीने से महिला जेल में बंद है. महिला की दबंगई से परेशान होकर कुछ दिन पहले ही उसे भागलपुर महिला जेल भेजा गया है.
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