बक्सर: जिले में ग्रामीण विकास अभिकरण विभाग के लेखा पदाधिकारी मुकेश कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. जिसके बाद सरकार के अवर सचिव के आदेश पर बक्सर डीएसपी हेड क्वार्टर और एडीएम मामले की जांच कर रहे हैं.
कर्मियों ने राज्य सरकार को लिखा पत्र
दरअसल लेखा पदाधिकारी पर उन्हीं के विभाग के कर्मियों ने आरोप लगाते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि मुकेश हमेशा उनके वेतन से 5 से 10 हजार रुपये वसूल लेता है. उन्होंने कहा कि वो उपविकास आयुक्त का नाम लेकर पैसे नहीं देने वालों पर योजनाओं का गलत प्रतिवेदन लिखकर बर्खास्त करवाने की धमकी देता था.
6 लोगों पर मनरेगा के काम में गड़बड़ी का आरोप
आरोप के बाद लेखा पदाधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि उनकी छवि खराब करने के लिए इस तरह की मनगढ़ंत कहानी बनाई गई है. पंचायत रोजगार सेविका शीला कुमारी ने बताया कि एक ही योजना में 6 लोगों पर मनरेगा के काम में गड़बड़ी का आरोप लगा था. जिसके बाद उपविकास आयुक्त कार्यलय से 5 लोगों को क्लीन चिट दे दी गई. उन्होंने कहा कि पैसा देने से इनकार करने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया.
'मामले की बारीकी से जांच हो'
उपविकास आयुक्त अरविंद कुमार ने बताया कि उन्हें इसके बारे में कुछ पता नहीं है. उन्होंने कहा कि मामले की बारीकी से जांच हो और दोषी पर कार्रवाई होनी चाहिए. विभाग में तैनात कई कर्मियों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि लेखा पदाधिकारी मुकेश कुमार प्रत्येक महीने सभी कर्मियों से पैसे की वसूली करता है. बेरोजगारी के इस दौर में नौकरी जाने के डर से वे लोग चुप्पी साधे हुए हैं.