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बक्सरः रसूखदार शराबी को बचाने की सदर अस्पताल की साजिश का पर्दाफाश, ईटीवी भारत के हाथ लगे दस्तावेज - बिहार में शराबबंदी

सदर अस्पताल में अल्कोहल जांच के लिए लाए गए एक रसूखदार शराबी को स्वास्थ्यकर्मियों ने बचाने की साजिश की. 4 दिन बाद जब इसका खुलासा हमारे संवाददाता ने किया तो अधिकारी भी दंग रह गए.

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सदर अस्पताल
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Published : Jan 16, 2020, 10:15 AM IST

Updated : Jan 16, 2020, 11:15 AM IST

बक्सरः केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्वनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र बक्सर के सदर अस्पताल में एक शराबी को बचाने का मामला उजागर हुआ है. 4 दिन बाद इस बात के दस्तावेज ईटीवी भारत के हाथ लग गए. इसके बाद आनन फानन में बिना हस्ताक्षर के मशीन खराब होने का एक पत्र जारी कर दिया गया.

रसूखदार शराबी को बचाने की कोशिश
दरअसल, 11 जनवरी को नगर थाना ने शराब पीने के आरोप में एक रसूखदार व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद नगर थाना पुलिस उसे अल्कोहल जांच कराने के लिए सदर अस्पताल लाई. जहां ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मी उस रसूखदार व्यक्ति को बचाने में लग गए. स्वास्थ्यकर्मियों ने ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब होने की बात रजिस्टर में दर्ज कर दी.

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जारी पत्र

जांच के बाद व्यक्ति को भेजा गया जेल
वहीं, आनन-फानन में नगर थाना कर्मियों के जरिए दूसरे ब्रेथ एनालाइजर मशीन की व्यवस्था की गई, जिसमें अल्कोहल पीने की पुष्टि हुई और उस रसूखदार व्यक्ति को जेल भेज दिया गया. हैरान करने वाली बात यह है कि जिस ब्रेथ एनालाइजर मशीन के खराब होने की बात कही गई थी, उसी ब्रेथ एनालाइजर मशीन से कुछ ही देर बाद 4 व्यक्तियों का शराब पीने की पुष्टि कर दी गई.

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संवाददाता के हाथ लगे दस्तावेज

अस्पताल प्रशासन को नहीं थी जानकारी
4 दिनों तक मशीन खराब होने की जानकारी ना तो अस्पताल प्रशासन को थी और ना ही उत्पाद विभाग को. इस मामले से जुड़े दस्तावेज जैसे ही हमारे संवाददाता के हाथ लगे, आनन-फानन में अस्पताल कर्मियों ने 4 दिन बाद ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब होने का एक पत्र जारी कर दिया, जिस पर ना तो किसी का हस्ताक्षर था और ना ही कोई तारीख.

जानकारी देते संवाददाता

मामले की कराई जाएगी जांच
इस मामले को लेकर जब उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर सुदेश्वर लाल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल को कहा गया था कि मशीन खराब होने पर इसकी जानकारी तुरंत उत्पाद विभाग को दी जाए. लेकिन 4 दिन बाद भी इस बात से विभाग को अवगत नहीं कराया गया. इसकी जांच कराई जाएगी. जब मशीन खराब थी ,तो दूसरे व्यक्तियों की जांच कैसे की गई.

'आखिर क्यों नहीं दी गई जानकारी'
वहीं, बक्सर सिविल सर्जन डॉ उषा किरण से पूछा गया तो ,उन्होंने बताया कि ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब होने की बात ना तो, हमें मौखिक बताई गई है और ना ही लिखित. इस मामले की जानकारी आपसे मिल रही है. जिसकी जांच करवा कर कार्रवाई की जाएगी. जब ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब थी तो, इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को आखिर क्यों नहीं दी गई.

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डॉ उषा किरण, सिविल सर्जन

कैसे होगा शराबबंदी का सपना साकार
गौरतलब है कि अपनी गर्दन फंसती देख अस्पतालकर्मियों ने आनन-फानन में ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब होने से संबंधित एक लेटर जारी कर दिया गया, जिस पर ना तो किसी का हस्ताक्षर था, और ना ही उस पर कोई तारीख. ऐसे में राज्य सरकार का शराबबंदी का सपना कैसे साकार होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

बक्सरः केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्वनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र बक्सर के सदर अस्पताल में एक शराबी को बचाने का मामला उजागर हुआ है. 4 दिन बाद इस बात के दस्तावेज ईटीवी भारत के हाथ लग गए. इसके बाद आनन फानन में बिना हस्ताक्षर के मशीन खराब होने का एक पत्र जारी कर दिया गया.

रसूखदार शराबी को बचाने की कोशिश
दरअसल, 11 जनवरी को नगर थाना ने शराब पीने के आरोप में एक रसूखदार व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद नगर थाना पुलिस उसे अल्कोहल जांच कराने के लिए सदर अस्पताल लाई. जहां ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मी उस रसूखदार व्यक्ति को बचाने में लग गए. स्वास्थ्यकर्मियों ने ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब होने की बात रजिस्टर में दर्ज कर दी.

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जारी पत्र

जांच के बाद व्यक्ति को भेजा गया जेल
वहीं, आनन-फानन में नगर थाना कर्मियों के जरिए दूसरे ब्रेथ एनालाइजर मशीन की व्यवस्था की गई, जिसमें अल्कोहल पीने की पुष्टि हुई और उस रसूखदार व्यक्ति को जेल भेज दिया गया. हैरान करने वाली बात यह है कि जिस ब्रेथ एनालाइजर मशीन के खराब होने की बात कही गई थी, उसी ब्रेथ एनालाइजर मशीन से कुछ ही देर बाद 4 व्यक्तियों का शराब पीने की पुष्टि कर दी गई.

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संवाददाता के हाथ लगे दस्तावेज

अस्पताल प्रशासन को नहीं थी जानकारी
4 दिनों तक मशीन खराब होने की जानकारी ना तो अस्पताल प्रशासन को थी और ना ही उत्पाद विभाग को. इस मामले से जुड़े दस्तावेज जैसे ही हमारे संवाददाता के हाथ लगे, आनन-फानन में अस्पताल कर्मियों ने 4 दिन बाद ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब होने का एक पत्र जारी कर दिया, जिस पर ना तो किसी का हस्ताक्षर था और ना ही कोई तारीख.

जानकारी देते संवाददाता

मामले की कराई जाएगी जांच
इस मामले को लेकर जब उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर सुदेश्वर लाल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल को कहा गया था कि मशीन खराब होने पर इसकी जानकारी तुरंत उत्पाद विभाग को दी जाए. लेकिन 4 दिन बाद भी इस बात से विभाग को अवगत नहीं कराया गया. इसकी जांच कराई जाएगी. जब मशीन खराब थी ,तो दूसरे व्यक्तियों की जांच कैसे की गई.

'आखिर क्यों नहीं दी गई जानकारी'
वहीं, बक्सर सिविल सर्जन डॉ उषा किरण से पूछा गया तो ,उन्होंने बताया कि ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब होने की बात ना तो, हमें मौखिक बताई गई है और ना ही लिखित. इस मामले की जानकारी आपसे मिल रही है. जिसकी जांच करवा कर कार्रवाई की जाएगी. जब ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब थी तो, इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को आखिर क्यों नहीं दी गई.

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डॉ उषा किरण, सिविल सर्जन

कैसे होगा शराबबंदी का सपना साकार
गौरतलब है कि अपनी गर्दन फंसती देख अस्पतालकर्मियों ने आनन-फानन में ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब होने से संबंधित एक लेटर जारी कर दिया गया, जिस पर ना तो किसी का हस्ताक्षर था, और ना ही उस पर कोई तारीख. ऐसे में राज्य सरकार का शराबबंदी का सपना कैसे साकार होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

Intro:बक्सर सदर अस्पताल में शराबी को बचाने का मामला हुआ उजागर, एक के बाद एक गलती करते गए अस्पताल कर्मी,


Body:केंद्रीय स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री अश्वनी कुमार चौबे, के संसदीय क्षेत्र के सदर अस्पताल में शराबी को बचाने का मामला हुआ उजागर,4 दिन बाद इटीवी भारत के हाथ साबुत लगने के बाद आननफानन में जारी किया गया बिना हस्ताक्षर का पत्र


बक्सर -रसूखदार शराबी को बचाने के लिए गलती पर गलती करते गए सदर अस्पताल कर्मी,मामला तूल पकड़ता देख,आननफानन में जारी किया पत्र



V1 -11 जनवरी को नगर थाना के द्वारा शराब पीने के आरोप में एक रसूखदार व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया ,गिरफ्तारी के बाद नगर थाना पुलिस के द्वारा अल्कोहल जांच कराने के लिए गिरफ्तार व्यक्ति को सदर अस्पताल लाया गया, जहां ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा उस रसूखदार व्यक्ति को बचाने के लिए ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब होने की बात रजिस्टर में दर्ज कर दी गई, आनन-फानन में नगर थाना कर्मियों के द्वारा दूसरा ब्रेथ एनालाइजर मशीन की व्यवस्था की गई, जिसमें अल्कोहल पीने की पुष्टि हुई ,और उस रसूखदार व्यक्ति को नगर थाना के द्वारा जेल भेज दिया गया ,हैरान करने वाली बात यह है ,कि जिस ब्रेथ एनालाइजर मशीन को खराब होने की बात कही गई थी, उसी ब्रेथ एनालाइजर मशीन से कुछ ही देर बाद 4 व्यक्तियों का शराब पीने की पुष्टि कर दी गई ,और 4 दिनों तक ना तो इसकी जानकारी अस्पताल प्रशासन को दी गई और ना ही उत्पाद विभाग को ,इस मामले से जुड़े जैसे ही दस्तावेज हमारे संवाददाता के हाथ लगी ,आनन-फानन में अस्पताल कर्मियों ने 4 दिन बाद ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब होने की एक पत्र जारी कर दिया। जिस पर ना तो किसी का हस्ताक्षर था ,और ना ही कोई तारीख।



V2- इस मामले को लेकर जब उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर सुदेश्वर लाल से पूछा गया ,तो इन्होंने बताया कि उत्पाद विभाग के द्वारा ही बक्सर सदर अस्पताल को ब्रेथ एनालाइजर मशीन दिया गया है, ब्रेथ एनालाइजर मशीन देते समय ही, स्वास्थ्य विभाग को इस बात से अवगत कराया गया था कि, इस मशीन को खराब होते ही उत्पाद विभाग को अवगत कराएं, लेकिन 4 दिन बाद भी इस बात से विभाग को अब तक अवगत नहीं कराया गया है ,जिसका जांच करवाया जाएगा कि जब मशीन खराब थी ,तो दूसरे व्यक्तियों की जांच कैसे किया गया,क्योकि यह मशीन पटना में बनती है,तो इतना जल्दी ठीक कैसे हो गया।

byte-सुदेश्वर लाल इंस्पेक्टर उत्पाद बिभाग


V3- इस मामले को लेकर जब बक्सर सिविल सर्जन डॉ उषा किरण से पूछा गया तो ,उन्होंने बताया कि ,ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब होने की बात ना तो, हमें मौखिक बताई गई है, और ना ही लिखित बताई गई है ,इस मामले की जानकारी आपके द्वारा दी गई है। जिसका जांच करवा कर कार्रवाई की जाएगी ,जब ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब थी तो, इसका सूचना आखिर क्यों नहीं अस्पताल प्रशासन को दिया गया।

byte-डॉक्टर उषा किरण सिविल सर्जन बक्सर




Conclusion:गौरतलब है की अपना गर्दन फंसता देख ,अस्पताल कर्मियों के द्वारा आनन-फानन में ब्रेथ एनालाइजर मशीन खराब होने से संबंधित 4 दिन बाद एक लेटर जारी कर दिया गया, जिस पर ना तो किसी का हस्ताक्षर था, और ना ही उस पर कोई तारीख, ऐसे में राज्य सरकार का शराबबंदी का सपना कैसे साकार होगा इसका अंदाजा हर कोई लगा सकता है।
Last Updated : Jan 16, 2020, 11:15 AM IST
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