बक्सर: बिहार विधानसभा में 23 मार्च को विपक्ष के विधायकों की पुलिस द्वारा पिटाई करने के मामले पर सदर कांग्रेस विधायक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा कि CM नीतीश कुमार के इशारे पर ही पुलिस ने विधायकों को पीटा था. आज यह सोचकर ही आंखों से आंसू निकल जाते हैं कि लोकतंत्र के मंदिर में जब कानून बनाने वाले विधायक ही सुरक्षित नहीं हैं तो इस प्रदेश में कौन सुरक्षित रहेगा.
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लोकतंत्र के मंदिर में सुरक्षित नहीं हैं विधायक
'नीतीश कुमार के इशारे पर ही विधायकों की पिटाई की गई है. जब गृह मंत्रालय नीतीश कुमार के पास है तो विधानसभा के अध्यक्ष कैसे दोषी हो गए. जब कानून बनाने वाले विधायक ही लोकतंत्र के मंदिर में सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर सड़क पर लोग कैसे सुरक्षित रहेंगे. लोहिया को आदर्श बताकर बिहार में सुशासन की सरकार चलाने वाले नीतीश कुमार के इस कारनामे को देखकर लोहिया की आत्मा भी काफी प्रसन्न होगी.' -संजय तिवारी, कांग्रेस विधायक
दलित विधायकों की बात कोई नहीं सुनता
'नीतीश कुमार के सुशासन में दलित विधायकों को लगातार अपमानित किया जा रहा है. अफसरशाही चरम सीमा पर है. दलित विधायक की बात ना तो बीडीओ, सीओ सुन रहे हैं और ना ही थानेदार सुनते हैं.' -विश्वनाथ राम, राजपुर विधायक, कांग्रेस
विधायकों ने हमला किया तेज
गौरतलब है कि महागठबंधन के विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चौतरफा हमला तेज कर दिया है. कांग्रेस विधायकों का यह दावा है कि बंगाल चुनाव के बाद बिहार में एनडीए की सरकार धराशायी हो जाएगी.
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