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जनता दरबार को लेकर विपक्ष के निशाने पर CM नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) 12 जुलाई से फिर जनता दरबार की शुरुआत कर रहे हैं. CM नीतीश कुमार इस दौरान आमने-सामने बैठकर लोगों की परेशानियां सुनेंगे. इधर, इसे लेकर सीएम विपक्ष के निशाने पर आ गये हैं.

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Published : Jul 11, 2021, 10:48 AM IST

बक्सर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) अपने जनता दरबार को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं. विपक्षी दल के नेता ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा है कि वे जनता के बीच जायें, तब पता चलेगा कि बिहार में कितना विकास हुआ है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 5 साल बाद 12 जुलाई से जनता दरबार (Janta Darbar) शुरू कर रहे हैं. जनता दरबार को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है. मुख्यमंत्री और अधिकारियों ने जनता दरबार का जायजा भी ले लिया है. अब सबसे बड़ी समस्या प्रदेश के सुदूर इलाके में रहने वाले लोगों के लिए है कि वे कोरोना काल (Corona Pandemic) में पटना कैसे पहुचेंगे. इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष के निशाने पर हैं.

ये भी पढ़ें: पोस्टमार्टम के बाद भी नहीं खुला गंगा में मिली लाशों का रहस्य, सिफर रहा जांच का परिणाम

जिले के राजपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार पर तंज कसते हुए कहा कि जनाधार खिसकने के बाद उन्हें जनता की याद आ रही है. मुख्यमंत्री को यह भी सोचना चाहिए कि इस कोरोना संक्रमण काल में सुदूर इलाके में रहने वाले वैसे लोग, जिनके पास आमदनी का कोई जरिया नहीं है. वे पटना कैसे पहुचेंगे.

देखें रिपोर्ट

बेहतर होता बिहार के मुखिया प्रत्येक जिले में जाकर जनता दरबार लगाते. वहां लोग अपनी समस्या खुलकर बताते और वास्तविक बिहार की तस्वीर भी उनके सामने आती. आज किसानों के सामने धान की रोपनी की चुनौती है. किसानों को ना तो निर्बाध रूप से बिजली मिल रही है और ना ही नहरों में पानी है. कई ऐसे गांव हैं जहां आने-जाने के लिए सड़क की सुविधा भी नहीं है. उन गांवों के लोग कैसे पटना पहुंचकर अपनी समस्या सुनाएंगे. ट्रेन गिनती की चल रही हैं, सुपरफास्ट का किराया देने के लिए लोगों के जेब में पैसा नहीं है.

उन्होंने कहा कि 12 जुलाई से पटना में लगने वाला जनता दरबार जनता से नहीं चाटुकारों से ही सजेगा. जिसके पास संसाधन है, वे तो उस जनता दरबार पहुंच ही जायेंगे लेकिन खेत में काम करने वाले किसान, झोपड़ी में बैठकर डलिया और सुप के साथ सपना बुनने वाले इंसान कैसे वहां जाएंगे. बिहार की जनता यह जान चुकी है कि उनको समस्या दूर करने से कोई मतलब नहीं है.

गौरतलब है कि सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार को लेकर लोगो में उत्साह तो है लेकिन संसाधनों के अभाव में पटना पहुंचना चुनौती है. इसे लेकर ही विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर है.

बक्सर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) अपने जनता दरबार को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं. विपक्षी दल के नेता ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा है कि वे जनता के बीच जायें, तब पता चलेगा कि बिहार में कितना विकास हुआ है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 5 साल बाद 12 जुलाई से जनता दरबार (Janta Darbar) शुरू कर रहे हैं. जनता दरबार को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है. मुख्यमंत्री और अधिकारियों ने जनता दरबार का जायजा भी ले लिया है. अब सबसे बड़ी समस्या प्रदेश के सुदूर इलाके में रहने वाले लोगों के लिए है कि वे कोरोना काल (Corona Pandemic) में पटना कैसे पहुचेंगे. इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष के निशाने पर हैं.

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जिले के राजपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार पर तंज कसते हुए कहा कि जनाधार खिसकने के बाद उन्हें जनता की याद आ रही है. मुख्यमंत्री को यह भी सोचना चाहिए कि इस कोरोना संक्रमण काल में सुदूर इलाके में रहने वाले वैसे लोग, जिनके पास आमदनी का कोई जरिया नहीं है. वे पटना कैसे पहुचेंगे.

देखें रिपोर्ट

बेहतर होता बिहार के मुखिया प्रत्येक जिले में जाकर जनता दरबार लगाते. वहां लोग अपनी समस्या खुलकर बताते और वास्तविक बिहार की तस्वीर भी उनके सामने आती. आज किसानों के सामने धान की रोपनी की चुनौती है. किसानों को ना तो निर्बाध रूप से बिजली मिल रही है और ना ही नहरों में पानी है. कई ऐसे गांव हैं जहां आने-जाने के लिए सड़क की सुविधा भी नहीं है. उन गांवों के लोग कैसे पटना पहुंचकर अपनी समस्या सुनाएंगे. ट्रेन गिनती की चल रही हैं, सुपरफास्ट का किराया देने के लिए लोगों के जेब में पैसा नहीं है.

उन्होंने कहा कि 12 जुलाई से पटना में लगने वाला जनता दरबार जनता से नहीं चाटुकारों से ही सजेगा. जिसके पास संसाधन है, वे तो उस जनता दरबार पहुंच ही जायेंगे लेकिन खेत में काम करने वाले किसान, झोपड़ी में बैठकर डलिया और सुप के साथ सपना बुनने वाले इंसान कैसे वहां जाएंगे. बिहार की जनता यह जान चुकी है कि उनको समस्या दूर करने से कोई मतलब नहीं है.

गौरतलब है कि सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार को लेकर लोगो में उत्साह तो है लेकिन संसाधनों के अभाव में पटना पहुंचना चुनौती है. इसे लेकर ही विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर है.

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