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Independence Day 2023: बिहार के बक्सर में 16 अगस्त को भी मनाया जाता है आजादी का जश्न, जानें क्या है वजह

पूरा देश 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है, लेकिन बिहार के बक्सर में 16 अगस्त को आजादी का जश्न मनाया जाता है. इस दिन शहीदों को लोग याद करते हैं. इसके पीछे बक्सर के सपूत का किस्सा जुड़ा है, जिसने अंग्रेजों से लोहा लिया था. पढ़ें पूरी खबर...

बक्सर में शहीदों की याद में राजकीय समारोह
बक्सर में शहीदों की याद में राजकीय समारोह
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Published : Aug 16, 2023, 5:35 PM IST

Updated : Aug 16, 2023, 8:59 PM IST

बक्सर में शहीदों की याद में राजकीय समारोह

बक्सरः पूरा देश 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आजादी का जश्न मनाता है. पूरा देश देशभक्ति के रंग में सराबोर रहता है, लेकिन बिहार का एक ऐसा जिला है, जहां 16 अगस्त को आजादी के रूप मनाते हैं. बिहार के बक्सर के डुमरांव में 16 अगस्त को शहीदों की याद में आजादी मनाते हैं. इसके पीछे डुमरांव के चार शहीदों की कहानी है, जिन्होंने अंग्रेजों से लोहा लेकर देश को आजाद करने में भूमिका निभाई.

यह भी पढ़ेंः Independence Day 2023: 'आंखों के सामने शहीद हो गये थे कई साथी...' स्वतंत्रता सेनानी की जुबानी उनकी कहानी

16 अगस्त 1942 को क्या हुआ था? देश आजाद होने के 5 साल पहले 1942 में 16 अगस्त को महात्मा गांधी के आह्वान पर डुमरांव के क्रांतिकारियों ने डुमरांव थाने पर तिरंगा फहराया था. तिरंगा फहराने के क्रम में अंग्रेजी सिपाहियों ने गोली चला दी थी. इस दौरान क्रांतिकारी गोली से जख्मी हो गए थे, लेकिन झंडा को झुकने नहीं दिए. अंग्रेज की इस गोलीबारी में चार सपूत कपिल मुनि प्रसाद, गोपालजी, रामदास सोनार और रामदास लोहार शहीद हो गए थे.

16 अगस्त को राजकीय समारोहः इन्हीं वीर सपूतों की याद में हर साल 16 अगस्त को न केवल शहीदों अपितु उनके वंशज को भी जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित किया जाता है. बुधवार को डुमरांव के शहीद पार्क में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें डीएम अंशुल अग्रवाल, एसपी मनीष कुमार, डुमरांव के विधायक अजित कुशवाह, डुमरांव एसडीम पंकज कुमार, एसडीपीओ अशफाक अंसारी सहित शहीदों के परिजन शामिल हुए.

ईटीवी भारत GFX
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वीर सपूतों को किया नमनः बक्सर डीएम अंशुल ने वीर सपूतों की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. उन्होंने कहा कि शहीदों की याद में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें शहीद के परिजनों को सम्मानित किया गया है. इस शहीद दिवस को राजकीय समारोह के रूप में भी मनाया जाता है. स्वतंत्रता के लिए डुमरांव के जो वीर सपूतों ने देश के लिए बलिदान दिया था, उन्हें इस दिन नमन किया जाता है.

"शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है. उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया. इन शहीदों के बलिदान से प्रेरणा मिलती है कि हमें हमेशा राष्ट्रहित के लिए तत्पर रहना चाहिए." -अंशुल अग्रवाल, डीएम, बक्सर

'शहीदों की धरती है डुमरांव': कार्यक्रम में डुमरांव विधायक अजीत कुशवाहा भी मौजूद रहे. उन्होंने शहीदों की प्रतिमा पर पुष्प माला अर्पित कर नमन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम ऐसे धरती का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो शहीदों की रही है. उन्होंने कहा कि पूरा बक्सर शहीदों की धरती है. स्वतंत्रता की लड़ाई में 21 लोगों ने शहादत दी थी. आज हमलोग चैन की सांस ले रहे हैं, इसमें उनका योगदान है. विधायक अजीत कुशवाहा ने युवाओं से अपने देश के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने की अपील की.

"हम उस धरती का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो हमारे शहीदों की रही है. सिर्फ डुमरांव ही नहीं पूरे बक्सर से 21 वीर सपूतों ने देश की आजादी के लिए अपना जान न्योछावर कर दिया. बक्सर जिले के कई गांव के 21 सपूत देश को आजाद करने में शहीद हुए हैं." -अजीव कुशवाहा, विधायक, डुमरांव

सरकार पर उपेक्षा का आरोपः इधर, जब शहीद के परिजनों से बातचीत की गई तो उन्होंने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दिखावा के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जबकि शहीद के घर जाकर उनके परिवार के लोगों से हाल तक नहीं पूछे जाते हैं. उन्होंने बताया कि आजादी की लड़ाई में शहीद के वंशजों की स्थिति का खराब हो चुकी है.

"शहीदों के परिवारों की स्थिति बहुत खराब है. सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. हर साल लाखों रुपए खर्च कर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन उनके वंशजों का हाल तक पूछा नहीं जाता है. राजकीय समारोह के नाम पर दिखावा किया जाता रहा है." - शम्भू चंद्रवंशी, शहीद के परिजन

'वंशजों की स्थिति देख आते हैं आंसू': इस कार्यक्रम में मौजूद शहीद स्मारक समिति के सदस्य दीना नाथ कुशवाहा ने बताया कि शहीदों के वंशजों की स्थिति देख कर आंसू आ जाते हैं. बहुत ही दयनीय हालत है. शहीद स्मारक समिति के संयोजक संजय कुमार चंद्रवंशी ने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों पर शहीदों के उपेक्षा का आरोप लगाया. संजय कुमार ने कहा कि हमारी मांग है कि शहीदों के परिजनों को 6 कट्ठा जमीन, आवास और पेंशन दिया जाए.

बक्सर में शहीदों की याद में राजकीय समारोह

बक्सरः पूरा देश 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आजादी का जश्न मनाता है. पूरा देश देशभक्ति के रंग में सराबोर रहता है, लेकिन बिहार का एक ऐसा जिला है, जहां 16 अगस्त को आजादी के रूप मनाते हैं. बिहार के बक्सर के डुमरांव में 16 अगस्त को शहीदों की याद में आजादी मनाते हैं. इसके पीछे डुमरांव के चार शहीदों की कहानी है, जिन्होंने अंग्रेजों से लोहा लेकर देश को आजाद करने में भूमिका निभाई.

यह भी पढ़ेंः Independence Day 2023: 'आंखों के सामने शहीद हो गये थे कई साथी...' स्वतंत्रता सेनानी की जुबानी उनकी कहानी

16 अगस्त 1942 को क्या हुआ था? देश आजाद होने के 5 साल पहले 1942 में 16 अगस्त को महात्मा गांधी के आह्वान पर डुमरांव के क्रांतिकारियों ने डुमरांव थाने पर तिरंगा फहराया था. तिरंगा फहराने के क्रम में अंग्रेजी सिपाहियों ने गोली चला दी थी. इस दौरान क्रांतिकारी गोली से जख्मी हो गए थे, लेकिन झंडा को झुकने नहीं दिए. अंग्रेज की इस गोलीबारी में चार सपूत कपिल मुनि प्रसाद, गोपालजी, रामदास सोनार और रामदास लोहार शहीद हो गए थे.

16 अगस्त को राजकीय समारोहः इन्हीं वीर सपूतों की याद में हर साल 16 अगस्त को न केवल शहीदों अपितु उनके वंशज को भी जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित किया जाता है. बुधवार को डुमरांव के शहीद पार्क में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें डीएम अंशुल अग्रवाल, एसपी मनीष कुमार, डुमरांव के विधायक अजित कुशवाह, डुमरांव एसडीम पंकज कुमार, एसडीपीओ अशफाक अंसारी सहित शहीदों के परिजन शामिल हुए.

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वीर सपूतों को किया नमनः बक्सर डीएम अंशुल ने वीर सपूतों की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. उन्होंने कहा कि शहीदों की याद में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें शहीद के परिजनों को सम्मानित किया गया है. इस शहीद दिवस को राजकीय समारोह के रूप में भी मनाया जाता है. स्वतंत्रता के लिए डुमरांव के जो वीर सपूतों ने देश के लिए बलिदान दिया था, उन्हें इस दिन नमन किया जाता है.

"शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है. उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया. इन शहीदों के बलिदान से प्रेरणा मिलती है कि हमें हमेशा राष्ट्रहित के लिए तत्पर रहना चाहिए." -अंशुल अग्रवाल, डीएम, बक्सर

'शहीदों की धरती है डुमरांव': कार्यक्रम में डुमरांव विधायक अजीत कुशवाहा भी मौजूद रहे. उन्होंने शहीदों की प्रतिमा पर पुष्प माला अर्पित कर नमन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम ऐसे धरती का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो शहीदों की रही है. उन्होंने कहा कि पूरा बक्सर शहीदों की धरती है. स्वतंत्रता की लड़ाई में 21 लोगों ने शहादत दी थी. आज हमलोग चैन की सांस ले रहे हैं, इसमें उनका योगदान है. विधायक अजीत कुशवाहा ने युवाओं से अपने देश के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने की अपील की.

"हम उस धरती का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो हमारे शहीदों की रही है. सिर्फ डुमरांव ही नहीं पूरे बक्सर से 21 वीर सपूतों ने देश की आजादी के लिए अपना जान न्योछावर कर दिया. बक्सर जिले के कई गांव के 21 सपूत देश को आजाद करने में शहीद हुए हैं." -अजीव कुशवाहा, विधायक, डुमरांव

सरकार पर उपेक्षा का आरोपः इधर, जब शहीद के परिजनों से बातचीत की गई तो उन्होंने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दिखावा के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जबकि शहीद के घर जाकर उनके परिवार के लोगों से हाल तक नहीं पूछे जाते हैं. उन्होंने बताया कि आजादी की लड़ाई में शहीद के वंशजों की स्थिति का खराब हो चुकी है.

"शहीदों के परिवारों की स्थिति बहुत खराब है. सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. हर साल लाखों रुपए खर्च कर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन उनके वंशजों का हाल तक पूछा नहीं जाता है. राजकीय समारोह के नाम पर दिखावा किया जाता रहा है." - शम्भू चंद्रवंशी, शहीद के परिजन

'वंशजों की स्थिति देख आते हैं आंसू': इस कार्यक्रम में मौजूद शहीद स्मारक समिति के सदस्य दीना नाथ कुशवाहा ने बताया कि शहीदों के वंशजों की स्थिति देख कर आंसू आ जाते हैं. बहुत ही दयनीय हालत है. शहीद स्मारक समिति के संयोजक संजय कुमार चंद्रवंशी ने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों पर शहीदों के उपेक्षा का आरोप लगाया. संजय कुमार ने कहा कि हमारी मांग है कि शहीदों के परिजनों को 6 कट्ठा जमीन, आवास और पेंशन दिया जाए.

Last Updated : Aug 16, 2023, 8:59 PM IST
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