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Buxar News: एमआरपी से अधिक मूल्य पर खाद की बिक्री करने वाले विक्रेताओं पर होगी कठोर कार्रवाई- DM - खाद की कालाबाजारी पर होगी कार्रवाई

बक्सर को धान का कटोरा कहा जाता है. यहां बड़े पैमाने पर धान की खेती की जाती है. लेकिन, धान की खेती के समय अक्सर खाद की कालाबाजारी होती है, जिससे किसानों को परेशानी होती है. इस बार जिला प्रशासन ने धान की कालाबाजारी पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है. डीएम ने कृषि विभाग को कई निर्देश दिये. पढ़िये, विस्तार से.

बक्सर में खाद की कालाबाजारी
बक्सर में खाद की कालाबाजारी
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Published : Jun 19, 2023, 4:30 PM IST

अंशुल अग्रवाल, डीएम, बक्सर.

बक्सर: प्रदेश में धान का कटोरा उपनाम से बक्सर जिला प्रसिद्ध है. यहां किसान बिचड़ा डालकर धान रोपनी की तैयारी में जुटे हैं, वहीं जिला प्रशासन भी धान की खेती के लिए जिले के किसानों को सुगमता से उचित दर पर उर्वरक मिल सके, इसकी तैयारी में लगा है. जिले में कोई भी अनुज्ञप्तिधारी विक्रेता एमआरपी से अधिक मूल्य पर उर्वरक की बिक्री करते पाया जाता है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ेंः Paddy Farming: रोहिणी नक्षत्र के आगमन के बाद भी बीज और पानी की कमी, सरकारी मदद नहीं मिलने से किसान परेशान

कठोर कार्रवाई के निर्देशः जिला पदाधिकारी बक्सर अंशुल अग्रवाल ने बताया कि जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक समाहरणालय परिसर स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित की गई थी. इसमें जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि जिले में कोई भी अनुज्ञप्तिधारी विक्रेता एमआरपी से अधिक मूल्य पर उर्वरक की बिक्री करते पाया जाता है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाए. किसी भी स्थिति में अपात्र को उर्वरक नहीं मिलने पाए.

"कृषि विभाग एक विस्तृत कार्य योजना तैयार कर जिले में अनुज्ञप्तिधारी विक्रेताओं पर सतत निगरानी रख रही है. जिले में पंजीकृत किसानों को खेत की रसीद के आधार पर उर्वरक मुहैया करायी जाएगी. इसके लिए संबंधित कृषि समन्वयक पंजीकृत किसानों के घर पर जाकर जांच करेंगे. जांच के क्रम में खेती नहीं करने वाले व्यक्ति अगर उर्वरक का उठाव करते पाया जाता है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी"- अंशुल अग्रवाल, डीएम, बक्सर

उर्वरक की कालाबाजारीः गौरतलब है कि जिले में धान की रोपाई प्रारंभ होती है तो उर्वरक की कालाबाजारी होने लगती है. किसानों को काफी अधिक दर पर उर्वरक खरीदना पड़ता है. इतना ही नहीं किसान उत्तर प्रदेश के बलिया और गाज़ीपुर के इलाके से लाना पड़ता है, जिससे अन्नदाताओं को बहुत ही परेशानी होती है. प्रशासन ने कालाबाजारी के खिलाफ कड़ा अभियान चलाने का निर्णय लिया है, ताकि किसानों को परेशानी ना हो.

अंशुल अग्रवाल, डीएम, बक्सर.

बक्सर: प्रदेश में धान का कटोरा उपनाम से बक्सर जिला प्रसिद्ध है. यहां किसान बिचड़ा डालकर धान रोपनी की तैयारी में जुटे हैं, वहीं जिला प्रशासन भी धान की खेती के लिए जिले के किसानों को सुगमता से उचित दर पर उर्वरक मिल सके, इसकी तैयारी में लगा है. जिले में कोई भी अनुज्ञप्तिधारी विक्रेता एमआरपी से अधिक मूल्य पर उर्वरक की बिक्री करते पाया जाता है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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कठोर कार्रवाई के निर्देशः जिला पदाधिकारी बक्सर अंशुल अग्रवाल ने बताया कि जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक समाहरणालय परिसर स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित की गई थी. इसमें जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि जिले में कोई भी अनुज्ञप्तिधारी विक्रेता एमआरपी से अधिक मूल्य पर उर्वरक की बिक्री करते पाया जाता है तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाए. किसी भी स्थिति में अपात्र को उर्वरक नहीं मिलने पाए.

"कृषि विभाग एक विस्तृत कार्य योजना तैयार कर जिले में अनुज्ञप्तिधारी विक्रेताओं पर सतत निगरानी रख रही है. जिले में पंजीकृत किसानों को खेत की रसीद के आधार पर उर्वरक मुहैया करायी जाएगी. इसके लिए संबंधित कृषि समन्वयक पंजीकृत किसानों के घर पर जाकर जांच करेंगे. जांच के क्रम में खेती नहीं करने वाले व्यक्ति अगर उर्वरक का उठाव करते पाया जाता है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी"- अंशुल अग्रवाल, डीएम, बक्सर

उर्वरक की कालाबाजारीः गौरतलब है कि जिले में धान की रोपाई प्रारंभ होती है तो उर्वरक की कालाबाजारी होने लगती है. किसानों को काफी अधिक दर पर उर्वरक खरीदना पड़ता है. इतना ही नहीं किसान उत्तर प्रदेश के बलिया और गाज़ीपुर के इलाके से लाना पड़ता है, जिससे अन्नदाताओं को बहुत ही परेशानी होती है. प्रशासन ने कालाबाजारी के खिलाफ कड़ा अभियान चलाने का निर्णय लिया है, ताकि किसानों को परेशानी ना हो.

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