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Buxar News: रात को मरीज बनकर अस्पताल पहुंचे CS, स्वास्थ्यकर्मियों ने इलाज किए बगैर भगाया! लापरवाह स्टाफ को शोकॉज

स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद से तेजस्वी यादव लगातार बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने का दावा करते हैं. वह मंत्रालय का पदभार लेने के साथ ही आधी रात को सरकारी अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंच गए थे, जिसकी राष्ट्रीय पटल पर खूब चर्चा हो रही थी. उसके बाद से अधिकारियों में आधी रात को अस्पताल पहुंचकर जायजा लेने की होड़ मच गई, जिसमें कई बार उनको फजीहत के साथ वापस लौटना पड़ा. एक ऐसा ही वाकया बक्सर में हुआ है. जहां सिविल सर्जन को अस्प्ताल के गार्ड और स्वास्थ्यकर्मियों ने आधी रात को डांटकर भगा दिया. जिसकी कई तस्वीर सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है.

बक्सर के सिविल सर्जन सुरेश चंद्र सिन्हा
बक्सर के सिविल सर्जन सुरेश चंद्र सिन्हा
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Published : May 9, 2023, 7:05 AM IST

बक्सर के सिविल सर्जन सुरेश चंद्र सिन्हा

बक्सर: बिहार के बक्सर में सिविल सर्जन को उनके ही नीचे काम करने वाले अस्पताल के गार्ड और सुरक्षाकर्मियो ने आधी रात को अस्पताल परिसर से डांटकर भगा दिया, जिसके बाद पूरे महकमे में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में शोकॉज कर विभाग कोरम पूरा करने में लगा हुआ है. दरअसल, बक्सर के सिविल सर्जन सुरेश चंद्र सिन्हा बीती रात डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल और सिमरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्थाओं को जानने के लिए वह मरीज की तरह टी-शर्ट पहनकर और गमछा लेकर अस्पताल पहुंच गए. गाड़ी और बॉडीगार्ड को भी उन्होंने दूर ही छोड़ दिया था. पैदल ही व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत देखने पहुंच गए लेकिन वहां मिशन-60 और मिशन क्वालिटी की पोल तब खुल गई, जब मछड़दानी के अंदर सो रहे गार्ड एवं स्वास्थ्य कर्मियो ने उन्हें डांटकर भगा दिया और कल आने की नसीहत तक दे डाली. दोनों तरफ से चल रहे जिच के बीच अंततः सिविल सर्जन को यह बताना पड़ा कि वह मरीज नहीं सिविल सर्जन हैं. जिसके बाद उन्हें बैठने के लिए कुर्सी दी गई.

ये भी पढ़ें: Tejashwi Yadav: SKMCH में डॉक्टरों की गैरमौजूदगी पर भड़के तेजस्वी, कहा- लापरवाही बर्दाश्त नहीं.. करेंगे कार्रवाई

"रात को करीब 11 बजे मैं डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल गया था. वहां देखा कि कुछ कर्मचारी अनुपस्थित थे. उनका वेतन काटा जाएगा. मरीज बनकर इसलिए गया कि वहां के हालात की सही जानकारी मिल सके. करीब एक बजे रात को सिमरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी गया था. जहां सुरक्षा गार्ड से मिलकर पूछा कि कहां इलाज कराऊं लेकिन अपेक्षित सहयोग नहीं मिला"- डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा, सिविल सर्जन, बक्सर

अस्पताल में झोल ही झोल: सरकारी अस्पताल के कर्मियो के इस रवैया से क्षुब्ध सीएस ने जीएनएम और सुरक्षा प्रहरी से लेकर चिकित्सक कार्यशैली को नजदीक से महसूस किया. साथ ही साथ अस्पताल में रोगियों को मिलने वाली सुविधाओं की भी पड़ताल की. सीएस ने बताया कि जो लोग ड्यूटी पर नहीं आए हैं, उनका एडवांस में कई दिनों की हाजिरी बना दिया गया है. निरीक्षण में कई कर्मी अनुपस्थित पाए गए हैं. उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. उन्होंने कहा कि सिमरी के पीएचसी के प्रत्येक कमरे को अंदर से बंदकर गार्ड और स्वास्थ्यकर्मी नींद में गोते लगा रहे थे. कोई आए-जाए, उनको कोई फर्क नहीं पड़ता. घंटो आग्रह करने के बाद भी किसी ने बल्ड प्रेशर तक चेक करने की जहमत नही उठाई और मुझे परिचय देना पड़ा, सभी को शोकॉज किया गया है.

रात 11 बजे डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे सीएस: सिविल सर्जन रात 11:00 बजे एक आम आदमी की तरह डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में दाखिल हुए, यहां बाहर ही जीएनएम बैठे हुए थे. उनके साथ दो अन्य लोग भी बैठे हुए थे, जब सिविल सर्जन ने यह कहा कि उनकी तबीयत खराब है और वह चिकित्सक से मिलना चाहते हैं तो जीएनएम के साथ बैठे दो लोगों ने यह कहा कि आज रविवार है और पर्ची नहीं कटेगी ऐसे में उन्हें सुबह आना होगा. सीएस ने बताया कि जो 2 लोग बैठे हुए थे, वह देखने से दलाल समझ में आ रहे थे. बाद में जब उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत ज्यादा परेशानी नहीं है. हल्की-फुल्की परेशानी है तब जीएनएम ने उन्हें चिकित्सक कक्ष का रास्ता दिखा दिया.

नींद में चिकित्सक ने अनमने ढंग से दी दवा, पर्ची भी नहीं बनाई: सिविल सर्जन ने बताया कि जब वह चिकित्सक कक्ष में पहुंचे तो वहां चिकित्सक टी शर्ट और पैंट पहनकर सोए हुए थे. वह ड्रेस कोड में नहीं थे और जब उनसे यह कहा गया कि उन्हें ब्लड प्रेशर की परेशानी है, जिसके कारण बेचैनी हो रही है तो उन्होंने बिना पर्ची बनाए ही अनमने ढंग से दो टैबलेट्स को उनकी तरफ बढ़ा दिया, जिसे लेकर सिविल सर्जन चुपचाप चिकित्सक कक्ष से बाहर निकले और अन्य कक्षों का निरीक्षण किया. इस दौरान अन्य चिकित्सा कर्मी भी बिना ड्रेस कोड का अनुपालन किए सोए पाए गए.

अनुपस्थित मिले प्रभारी उपाधीक्षक: सिविल सर्जन ने बताया कि डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में प्रभारी उपाधीक्षक सुमित सौरभ, जीएनएम सरफराज अहमद और शारदा कुमारी अनुपस्थित मिली थी. सरफराज जहां हाजिरी बनाकर गायब थे. वहीं शारदा कुमारी ने तो 2 दिन का एडवांस हाजिरी बना दी थी. जिसे देख सीएस भौच्चके रह गए. उन्होंने मौके से ही इन सभी से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश मातहतों को दिया.

बक्सर के सिविल सर्जन सुरेश चंद्र सिन्हा

बक्सर: बिहार के बक्सर में सिविल सर्जन को उनके ही नीचे काम करने वाले अस्पताल के गार्ड और सुरक्षाकर्मियो ने आधी रात को अस्पताल परिसर से डांटकर भगा दिया, जिसके बाद पूरे महकमे में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में शोकॉज कर विभाग कोरम पूरा करने में लगा हुआ है. दरअसल, बक्सर के सिविल सर्जन सुरेश चंद्र सिन्हा बीती रात डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल और सिमरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्थाओं को जानने के लिए वह मरीज की तरह टी-शर्ट पहनकर और गमछा लेकर अस्पताल पहुंच गए. गाड़ी और बॉडीगार्ड को भी उन्होंने दूर ही छोड़ दिया था. पैदल ही व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत देखने पहुंच गए लेकिन वहां मिशन-60 और मिशन क्वालिटी की पोल तब खुल गई, जब मछड़दानी के अंदर सो रहे गार्ड एवं स्वास्थ्य कर्मियो ने उन्हें डांटकर भगा दिया और कल आने की नसीहत तक दे डाली. दोनों तरफ से चल रहे जिच के बीच अंततः सिविल सर्जन को यह बताना पड़ा कि वह मरीज नहीं सिविल सर्जन हैं. जिसके बाद उन्हें बैठने के लिए कुर्सी दी गई.

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"रात को करीब 11 बजे मैं डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल गया था. वहां देखा कि कुछ कर्मचारी अनुपस्थित थे. उनका वेतन काटा जाएगा. मरीज बनकर इसलिए गया कि वहां के हालात की सही जानकारी मिल सके. करीब एक बजे रात को सिमरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी गया था. जहां सुरक्षा गार्ड से मिलकर पूछा कि कहां इलाज कराऊं लेकिन अपेक्षित सहयोग नहीं मिला"- डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा, सिविल सर्जन, बक्सर

अस्पताल में झोल ही झोल: सरकारी अस्पताल के कर्मियो के इस रवैया से क्षुब्ध सीएस ने जीएनएम और सुरक्षा प्रहरी से लेकर चिकित्सक कार्यशैली को नजदीक से महसूस किया. साथ ही साथ अस्पताल में रोगियों को मिलने वाली सुविधाओं की भी पड़ताल की. सीएस ने बताया कि जो लोग ड्यूटी पर नहीं आए हैं, उनका एडवांस में कई दिनों की हाजिरी बना दिया गया है. निरीक्षण में कई कर्मी अनुपस्थित पाए गए हैं. उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. उन्होंने कहा कि सिमरी के पीएचसी के प्रत्येक कमरे को अंदर से बंदकर गार्ड और स्वास्थ्यकर्मी नींद में गोते लगा रहे थे. कोई आए-जाए, उनको कोई फर्क नहीं पड़ता. घंटो आग्रह करने के बाद भी किसी ने बल्ड प्रेशर तक चेक करने की जहमत नही उठाई और मुझे परिचय देना पड़ा, सभी को शोकॉज किया गया है.

रात 11 बजे डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे सीएस: सिविल सर्जन रात 11:00 बजे एक आम आदमी की तरह डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में दाखिल हुए, यहां बाहर ही जीएनएम बैठे हुए थे. उनके साथ दो अन्य लोग भी बैठे हुए थे, जब सिविल सर्जन ने यह कहा कि उनकी तबीयत खराब है और वह चिकित्सक से मिलना चाहते हैं तो जीएनएम के साथ बैठे दो लोगों ने यह कहा कि आज रविवार है और पर्ची नहीं कटेगी ऐसे में उन्हें सुबह आना होगा. सीएस ने बताया कि जो 2 लोग बैठे हुए थे, वह देखने से दलाल समझ में आ रहे थे. बाद में जब उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत ज्यादा परेशानी नहीं है. हल्की-फुल्की परेशानी है तब जीएनएम ने उन्हें चिकित्सक कक्ष का रास्ता दिखा दिया.

नींद में चिकित्सक ने अनमने ढंग से दी दवा, पर्ची भी नहीं बनाई: सिविल सर्जन ने बताया कि जब वह चिकित्सक कक्ष में पहुंचे तो वहां चिकित्सक टी शर्ट और पैंट पहनकर सोए हुए थे. वह ड्रेस कोड में नहीं थे और जब उनसे यह कहा गया कि उन्हें ब्लड प्रेशर की परेशानी है, जिसके कारण बेचैनी हो रही है तो उन्होंने बिना पर्ची बनाए ही अनमने ढंग से दो टैबलेट्स को उनकी तरफ बढ़ा दिया, जिसे लेकर सिविल सर्जन चुपचाप चिकित्सक कक्ष से बाहर निकले और अन्य कक्षों का निरीक्षण किया. इस दौरान अन्य चिकित्सा कर्मी भी बिना ड्रेस कोड का अनुपालन किए सोए पाए गए.

अनुपस्थित मिले प्रभारी उपाधीक्षक: सिविल सर्जन ने बताया कि डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल में प्रभारी उपाधीक्षक सुमित सौरभ, जीएनएम सरफराज अहमद और शारदा कुमारी अनुपस्थित मिली थी. सरफराज जहां हाजिरी बनाकर गायब थे. वहीं शारदा कुमारी ने तो 2 दिन का एडवांस हाजिरी बना दी थी. जिसे देख सीएस भौच्चके रह गए. उन्होंने मौके से ही इन सभी से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश मातहतों को दिया.

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