बक्सरः बिहार के मुखिया नीतीश कुमार का सबसे महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली को जमीन पर उतारने के लिए करोड़ों की राशि पानी की तरह बहाया जा रहा है. उसके बाद भी सरकारी बाबुओं की मनमानी के कारण योजना धरातल पर नहीं उतर पा रहा है. शहर के ज्योति चौक से लेकर बस स्टैंड तक लगभग 2 किलोमीटर लंबा बाईपास नहर को जल जीवन हरियाली योजना के तहत जल संचयन के लिए चिन्हित किया गया है. बावजूद इसके नगर परिषद शहर का कूड़ा इस नहर में डलवा रहा है.
जानकारी के मुताबिक नगर परिषद के जन प्रतिनधियों एवं स्थानीय दबंगों की मिली भगत से पहले नहर में कूड़ा डाला जा रहा है. बाईपास नहर के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि शहर की गंदगी नहर में डाला जाता है. इसकी वजह से तरह-तरह की बीमारियां फैल रही है. बावजूद इसके किसी भी अधिकारी को इस बात की चिंता नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां कोरोना से पहले इस गंदगी की बदबू से लोग मर जाएंगे.
जिले में भू-माफिया का दबदबा
बक्सर व्यवहार न्यायालय और समाहरणालय से महज 300 मीटर की दूरी पर स्थित इस बाईपास नहर से जिला के तमाम बड़े अधिकारी से लेकर मंत्री, विधायक तक गुजरते है लेकिन इसके हालात पर किसी की नजर नहीं है. स्थानीय लोगो की माने तो भूमाफियाओं का इतना दबदबा है की उनके इच्छा के बिना कोई भी अधिकारी एक कदम नहीं चलता है. विधायक से लेकर सांसद के चुनाव में इनलोगो द्वारा फंडिंग किया जाता है. उसके बाद शहर की कीमती जमीन से लेकर सरकारी टेंडर पर कब्जा कर लिया जाता है.
एसडीएम ने दिए कार्रवाई के निर्देश
इस समस्या को लेकर जब बक्सर एसडीएम के के उपाध्याय से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग अतिक्रमण करने के लिए कूड़ा गिराने वालो के साथ मिली भगत से काम कर रहे हैं. कार्यपालक अधिकारी को अतिक्रमण हटाने और कूड़ा नहीं डालने देने का निर्देश दिया गया है. सरकारी कर्मी की मिली भगत से नहर में कूड़ा डालने की बात सामने आने पर जांच कराया जाएगा. बता दें कि 142 पंचायत के 30 हजार किसानों ने जल जीवन हरियाली योजना के तहत वृक्षारोपण के लिए आवेदन दिया है. लेकिन लॉकडाउन के कारण योजना धीमी रफ्तार से चल रहा है.