बक्सरः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का ब्राह्मणों पर विवादित बयान (Manjhi Statement on Brahmins) को लेकर बिहार की सियासत में आई उबाल कम होने का नाम नहीं ले रही है. जीतन राम मांझी के बयान के बाद लगातार दोनों दलों के नेताओं के बयान एक दूसरे के खिलाफ आ रहे हैं. बीजेपी नेता गजेन्द्र झा (Gajendra Jha On Jitan Ram Manjhi) ने उनकी जीभ काटने वाले को 11 लाख रुपये इनाम देने का ऐलान भी कर दिया था. इस बयान के बाद मांझी की पार्टी हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बीजेपी को चेतावनी दे डाली थी. बाद में बीजेपी ने गजेंद्र झा को पार्टी से निलंबित कर दिया था.
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इस बाबत बक्सर पहुंचे भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संतोष पाठक ने कहा कि मांझी जी ने जो बयान दिया था वह बिल्कुल दुर्भाग्यपूर्ण था. उनके जैसे व्यक्ति को वैसा बयान नहीं देना चाहिए. जब संतोष पाठक से यह पूछा गया कि कहीं भाजपा सरकार बचाने के कारण तो गजेंद्र झा पर कार्रवाई नहीं की गई? इसके जवाब में कहा कि नहीं ऐसी कोई बात नहीं है. हमारे नेता को भी वैसा बयान नहीं देना चाहिए.
यह पूछने पर कि कहीं आंकड़ों के फेर में तो नहीं फंसी है पार्टी. सरकार बनाने के लिए पार्टी के पास संख्या बल कम है. मांझी नाराज होंगे तो सरकार गिर सकती है. जिसका प्रभाव उत्तर प्रदेश चुनाव पर भी पड़ सकता है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हम आंकड़ों के दबाव में नहीं आते. 1951 से हमारा चरित्र देश के सामने है. हम सभी के लिए कार्य करते हैं. मांझी के मामले पर एनडीए की बैठक में चर्चा होगी. ऐसे में यह बिल्कुल स्पष्ट हो रहा है कि भाजपा अभी अपने आक्रामक रुख के लिए उपयुक्त समय का इंतजार कर रही है. अभी उत्तर प्रदेश में भी चुनाव है, इसलिए अभी कोई रिस्क लेना नहीं चाहती है. उपयुक्त समय आने पर भारतीय जनता पार्टी इस पर जरूर अपना कड़ा रुख दिखा सकती है.
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