बक्सर: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) को लेकर पूरे प्रदेश में आदर्श आचार संहिता नियम (Code Of Conduct In Bihar) लागू है. यदि कोई राजनीतिक दल या उम्मीदवार आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है, तो चुनाव आयोग उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोक सकता है. साथ ही उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है. इन सभी नियमों के बावजूद भी बिहार के बक्सर जिले में आदर्श आचार संहिता नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने सरकारी भवन में पूरी रात बार बालाओं (Bar Girls Dance) से अश्लील डांस कराया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तजी से वायरल हो रहा है.
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मामला नावानगर थाना क्षेत्र (Navanagar Police Station) के गिरधर बरांव पंचायत के भरौली गांव के सरकारी भवन का है. जहां राजनीति में रसूख रखने वाले पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने आदर्श आचार संहिता के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई. पंचायत चुनाव को लेकर मतदाताओं को लुभाने के लिए पंचायत जनप्रतिनिधियों ने पूरी रात बार-बालाओं से अश्लील डांस कराया.
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सरकारी भवन में उपस्थित लोगों ने अश्लील डांस का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. जिसके बाद भी डुमरांव अनुमंडल से लेकर जिला मुख्यालय तक के प्रशासनिक अधिकारी चुप्पी साधे रहे. जिला प्रशासन के अधिकारियों की यह लापरवाही खूब किरकिरी हो रही है. इस वायरल वीडियो को लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं.
स्थानीय लोगों ने अब जिला प्रशासन के निष्पक्षता पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. पड़ोस गांव के रहने वाले जयमंगल राम ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से सवाल किया कि आखिरकार किसके आदेश पर सरकारी भवन का ताला खोला गया? साथ ही साथ भवन में पूरी रात अश्लील डांस कराया गया. क्या कमजोरों पर ही आदर्श आचार संहिता का नियम लागू होगा? इन सभी सवालों का जवाब देने के बदले अधिकारी चुप्पी साधे रहे.
बताते चलें कि एक सप्ताह पूर्व ही बक्सर पुलिस कप्तान नीरज कुमार सिंह ने अपने बयान में कहा था कि सभी थानेदारों से लेकर, डीएसपी और अन्य पदाधिकारियों को हिदायत दी गई है. इसके साथ ही कहा गया है कि नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कर्रवाई की जाएगी. हर हाल में आदर्श आचार संहिता का पालन खुद भी करने और दूसरे को भी कराये जाने का निर्देश जारी किया गया था. लेकिन इसके बावजूद भी थाने से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर पूरी रात बार-बालाओं का डांस चलता रहा और अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी.
नोट- ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करती है.
बता दें कि आदर्श आचार संहिता का उद्देश्य सभी राजनीतिक दलों के लिए बराबरी का समान स्तर उपलब्ध कराना, प्रचार अभियान को स्वस्थ्य रखना और राजनीतिक दलों के बीच विवाद को टालना है. सत्ताधारी पार्टी इस दौरान सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग नहीं कर सके, इसलिए केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक चुनाव आयोग के कर्मचारी की तरह काम करते हैं. इस दौरान मंत्री या अधिकारी अनुदान, नई योजनाओं की घोषणा, लोकार्पण, शिलान्यास, भूमिपूजन या किसी प्रकार का कोई कार्यक्रम नहीं कर सकते हैं.