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बक्सर में भी चमकी बुखार के लक्षण, सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं है दवा

अस्पताल की हालत ऐसी है कि यहां दवा के नाम पर पैरासिटामोल तक उपलब्ध नहीं है. परिजनों को साधारण दवा भी बाहर की दुकानों से खरीदनी पड़ती है.

बीमार बच्ची
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Published : Jun 17, 2019, 10:22 PM IST

बक्सर: मुजफ्फरपुर के बाद चमकी बुखार ने बक्सर में पैर पसारना शुरू कर दिया है. जिले में दो बच्चों को तेज बुखार लगने के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन अस्पताल की ओर से चमकी बुखार की कोई पुष्टी नहीं की गई है. वहीं इलाज कराने आए मरीजों के परिजन अस्पताल की लापरवाही को देखकर काफी आक्रोशित हुए.

बाहर से खरीद रहे दवा
अस्पताल की हालत ऐसी है कि यहां दवा के नाम पर पैरासिटामोल तक उपलब्ध नहीं है. परिजनों को साधारण दवा भी बाहर की दुकानों से खरीदनी पड़ती है. वहीं, डॉक्टरों की बात की जाए तो डॉक्टर भी खानापूर्ती करते नजर आते हैं.

भगवान भरोसे अस्पताल
परिजनों ने कहा कि इस अस्पताल का हालत एकदम खास्ता है. मरीजों का इलाज सही से नहीं हो रहा है. जबकि यहां के सांसद स्वास्थ्य मंत्री हैं. उनका कहना है कि यह अस्पताल भगवान के भरोसे चल रहा है. मरीजों को लगभग सभी दवाईयां बाहर से खरीदनी पड़ती है.

बदहाल स्थिति में सदर अस्पताल

अस्पताल में उपकरण नदारद
अस्पताल की नर्स ज्योति ने बताया कि यहां मरीजों का इलाज ठीक से हो रहा है. बच्चियों की देखरेख भी सही से की जा रही है. लेकिन हमारे पास कोई ऐसा पैरामीटर नहीं है. जिसके आधार पर इसकी घोषणा कर दें कि मरीज चमकी बुखार से पीड़ित है.

आरोप निराधार- सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉक्टर उषा किरण वर्मा ने बताया कि बच्ची को तेज बुखार में अस्पताल लाया गया था, डॉक्टर इलाज कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा बुखार आने पर चमकी बुखार हो जाता है. लेकिन अभी तक इसकी पुष्टी नहीं हुई है. वहीं, बाहर से दवा खरीदने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अस्पताल में दवा खत्म हो जाती है तभी बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है.

बक्सर: मुजफ्फरपुर के बाद चमकी बुखार ने बक्सर में पैर पसारना शुरू कर दिया है. जिले में दो बच्चों को तेज बुखार लगने के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन अस्पताल की ओर से चमकी बुखार की कोई पुष्टी नहीं की गई है. वहीं इलाज कराने आए मरीजों के परिजन अस्पताल की लापरवाही को देखकर काफी आक्रोशित हुए.

बाहर से खरीद रहे दवा
अस्पताल की हालत ऐसी है कि यहां दवा के नाम पर पैरासिटामोल तक उपलब्ध नहीं है. परिजनों को साधारण दवा भी बाहर की दुकानों से खरीदनी पड़ती है. वहीं, डॉक्टरों की बात की जाए तो डॉक्टर भी खानापूर्ती करते नजर आते हैं.

भगवान भरोसे अस्पताल
परिजनों ने कहा कि इस अस्पताल का हालत एकदम खास्ता है. मरीजों का इलाज सही से नहीं हो रहा है. जबकि यहां के सांसद स्वास्थ्य मंत्री हैं. उनका कहना है कि यह अस्पताल भगवान के भरोसे चल रहा है. मरीजों को लगभग सभी दवाईयां बाहर से खरीदनी पड़ती है.

बदहाल स्थिति में सदर अस्पताल

अस्पताल में उपकरण नदारद
अस्पताल की नर्स ज्योति ने बताया कि यहां मरीजों का इलाज ठीक से हो रहा है. बच्चियों की देखरेख भी सही से की जा रही है. लेकिन हमारे पास कोई ऐसा पैरामीटर नहीं है. जिसके आधार पर इसकी घोषणा कर दें कि मरीज चमकी बुखार से पीड़ित है.

आरोप निराधार- सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉक्टर उषा किरण वर्मा ने बताया कि बच्ची को तेज बुखार में अस्पताल लाया गया था, डॉक्टर इलाज कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा बुखार आने पर चमकी बुखार हो जाता है. लेकिन अभी तक इसकी पुष्टी नहीं हुई है. वहीं, बाहर से दवा खरीदने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अस्पताल में दवा खत्म हो जाती है तभी बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है.

Intro:बक्सर/एंकर-बक्सर सदर अस्पताल में इलाजरत 3 बर्षीय श्रेया चौबे में पाया गया ,इंसेफ्लाइटिस बुखार का लक्षण, तेज फीवर के साथ बुमेटिंग शरीर मे ऐठन एवं कम्पन होने के बाद भी अस्पताल के पास इस बीमारी की घोषणा करने वाला नही है कोई विशेषज्ञ ,इलाज कर रही नर्स ने बताया अंधेरे में चालया जा रहा है, तीर बच्ची में मौजूद है, चमकी बुखार के सभी लक्षण।


Body:स्वास्थय मंत्री अश्वनी चौबे के संसदीय क्षेत्र के सबसे बड़ा सदर अस्पताल का हाल बेहाल है,,चमकी बुखार से जूझ रही बच्ची को देने के लिए अस्पताल के पास पैरासिटामोल की दावा,तक नही है मजबूरन बीमारी से जूझ रही बच्ची के परिजन रुई से लेकर सुई तक बाहर से खरीदकर लाने को मजबूर है।,
मिली जानकारी के अनुसार पूर्व बीजेपी नेता अजय चौबे के नतिनी 3 बर्षीय श्रेया चौबे को तेज फीवर होने पर परिजनों ने 2 दिन पूर्व सदर अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन अब तक बच्ची का फीवर में कोई कमी नही आया ,बच्ची की देख रेख कर रही नर्स ज्योति ने बताया कि बच्ची में सारा लक्षण चमकी बुखार की है,लेकिन हमारे पास कोई ऐसा पारा मीटर नही है, जिसके आधार पर इसकी घोषणा किया जाए बस अंधेरे में तीर चलाया जा रहा है, अब तक न अस्पताल के तरफ से कोई टीम बनी न कोई बिशेष प्रकार की जांच हुआ बस डॉक्टर जो लिखते है, उस दावा को मैं दे देती हूं।

byte ज्योति कुमारी नर्स सदर अस्पताल

वही सदर अस्पताल में इलाजरत तीन बर्षीय श्रेया चौबे के परिजनों ने सदर अस्पताल की व्यवस्था पर कई गम्भीर सवाल उठाते हुए कहा की इस अस्पताल के तरफ से एक भी दावा या सुई की मदद हम लोगो को नही मिला जिसका शिकायत निरीक्षण करने पहुँचे जिलाधिकारी से हम लोगो ने किया तो अस्पताल कर्मियों ने जिलाधिकारी को बताया कि इस सदर अस्पताल में पैरासिटामोल का टबलेट तक नही है,तो हम लोग क्या कर सकते। ये स्वास्थ्य मंत्री अश्वनी चौबे के संसदीय क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल की आज ये हलात ऐसा हो गया है,की मुर्दो के ऊपर अगर कफ़न दिख जाए तो उसे भी अस्पताल के लोग ले लेंगे जरा आप भी सुनिए मरीज के परिजनों का दर्द भरा गथा

byte मरीज के परिजन


वही बीमार बच्ची को लेकर बक्सर सिविल सर्जन डॉक्टर,उषा किरण वर्मा ने बताया कि,बच्ची में चमकी के लक्षण दिख रहा है ,जिसका जांच डाक्टर कर रहे है।

byt डॉक्टर उषा किरण वर्मा सिविल सर्जन बक्सर




Conclusion:गौरतलब है, की बक्सर जिला में चमकी बुखार की लक्षण बच्ची में पाए जाने पर पूरा जिला में हड़कम्प मची हुई है ,जिलाधिकारी राघवेन्द्र कुमार सिंह ने सदर अस्पताल कर्मियों को समाहरणालय बुलाकर इलाज की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
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