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बक्सर में अज्ञात बीमारी से लगातार हो रही है सुअरों की मौत, खौफजदा हुए लोग

बक्सर में पशुओं की मौत से लोग भयभीत हो गए हैं. दो महीनों में कई सुअरों की मौत हो गई है. लोग इसे अज्ञात बीमारी का नाम दे रहे हैं. पशुपालक अपने पशुओं को यत्र-तत्र फेंक दे रहे हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

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Published : Apr 27, 2022, 10:32 PM IST

सुअरों की हो रही मौत
सुअरों की हो रही मौत

बक्सरः बिहार के बक्सर में पशुओं की मौत (Animals Dying in Buxar) से लोग भयभीत हो गए हैं. नगर में पिछले दो महीनों से कई सुअरों की मौत हुई है. लोग इसे अज्ञात बीमारी का नाम दे रहे हैं. पशुपालक पशुओं को इधर-उधर फेंक देते हैं, जिसके बाद नगर परिषद के द्वारा शवों का निष्पादन कराया जा रहा है. इस मामले में पशुपालक खुलकर तो कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन नगर परिषद के कर्मियों द्वारा बताया जा रहा है कि यह सिलसिला पिछले दो महीनों से चल रहा है. इस दौरान सौ से ज्यादा पशुओं की मौत हो चुकी है. कुछ लोग इसे गर्मी का प्रभाव मान रहे हैं तो कुछ इसे साजिश बता रहे हैं.

यह भी पढ़ें- मरे हुए कुत्ते को लेकर मालिक पहुंचा DM ऑफिस, बोला - न्याय दिलाइए हुजूर

पहले भी आई थी बीमारीः सुअर पालकों का कहना है कि पूर्व में भी इस तरह की बीमारी आई थी. ऐसे में नगर परिषद द्वारा अब यह पता लगाने की कोशिश की जा रही हैं कि आखिर पशुओं की अचानक मौत कैसे हो रही है. दो माह से इधर-उधर सुअरों का शव पेंका हुआ मिल रहा है. नगर परिषद के सफाई सुपरवाइजर विजय चौरसिया ने बताया कि पिछले 2 महीनों से लगातार सुअरों के शव इधर-उधर फेंके मिल रहे हैं. जिनको सोमेश्वर स्थान के पास गंगा नदी के किनारे ले जाकर मिट्टी खोदकर उसमें दफना दिया जा रहा है. यह प्रक्रिया लावारिस लाशों के साथ भी की जाती है. ऐसे में पशुओं के शवों को भी वहीं दफन कर दिया जा रहा है.

नौ साल पहले भी हुई थी ऐसी ही रहस्यमयी मौतेंः सफाई सुपरवाइजर ने बताया कि कई पशुपालकों से उन्होंने बात की तो उनका कहना है कि पूर्व में तकरीबन नौ साल पहले भी इसी तरह किसी अज्ञात बीमारी से पशुओं की मौत हो रही थी. लेकिन उस वक्त भी यह नही ज्ञात हो सका कि उन्हें कौन सी बीमारी हुई है. बकौल सुपरवाइजर, पिछले दो महीनों में तकरीबन सौ से ज्यादा सुअरों की मौत हो गई है.

कारणों का पता लगाएंगे नप कार्यपालक पदाधिकारीः मामले में नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने बताया कि उन्हें भी इस तरह की बात की जानकारी हुई है. जिसके बाद पशुपालन विभाग से संपर्क किया जा रहा है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस तरह सुअरों की मौत क्यों हो रही है. इओ ने कहा कि पशुपालक अपने पशुओं की मृत्यु के पश्चात उन्हें इधर-उधर फेंक दे रहे हैं. मृत्यु की जानकारी तीन-चार दिन बाद उस वक्त मिल रही है, जब शवों से दुर्गंध आनी शुरू हो जा रही है.

मृत्यु की जानकारी ससमय देने का अनुरोधः यह जांच नहीं हो पा रही है कि उनकी मृत्यु किन कारणों से हुई है. पशुपालकों से भी अनुरोध किया जा रहा है कि वह पशुओं की मृत्यु की जानकारी ससमय दिया करें, ताकि मृत्यु के कारणों की जांच कराई जा सके. इस मामले में ज्यादा जानकारी के लिए जिला पशुपालन पदाधिकारी के सरकारी नंबर पर संपर्क किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका. बहरहाल, नगर परिषद अपने स्तर से भी मृत्यु के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रहा है.

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बक्सरः बिहार के बक्सर में पशुओं की मौत (Animals Dying in Buxar) से लोग भयभीत हो गए हैं. नगर में पिछले दो महीनों से कई सुअरों की मौत हुई है. लोग इसे अज्ञात बीमारी का नाम दे रहे हैं. पशुपालक पशुओं को इधर-उधर फेंक देते हैं, जिसके बाद नगर परिषद के द्वारा शवों का निष्पादन कराया जा रहा है. इस मामले में पशुपालक खुलकर तो कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन नगर परिषद के कर्मियों द्वारा बताया जा रहा है कि यह सिलसिला पिछले दो महीनों से चल रहा है. इस दौरान सौ से ज्यादा पशुओं की मौत हो चुकी है. कुछ लोग इसे गर्मी का प्रभाव मान रहे हैं तो कुछ इसे साजिश बता रहे हैं.

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पहले भी आई थी बीमारीः सुअर पालकों का कहना है कि पूर्व में भी इस तरह की बीमारी आई थी. ऐसे में नगर परिषद द्वारा अब यह पता लगाने की कोशिश की जा रही हैं कि आखिर पशुओं की अचानक मौत कैसे हो रही है. दो माह से इधर-उधर सुअरों का शव पेंका हुआ मिल रहा है. नगर परिषद के सफाई सुपरवाइजर विजय चौरसिया ने बताया कि पिछले 2 महीनों से लगातार सुअरों के शव इधर-उधर फेंके मिल रहे हैं. जिनको सोमेश्वर स्थान के पास गंगा नदी के किनारे ले जाकर मिट्टी खोदकर उसमें दफना दिया जा रहा है. यह प्रक्रिया लावारिस लाशों के साथ भी की जाती है. ऐसे में पशुओं के शवों को भी वहीं दफन कर दिया जा रहा है.

नौ साल पहले भी हुई थी ऐसी ही रहस्यमयी मौतेंः सफाई सुपरवाइजर ने बताया कि कई पशुपालकों से उन्होंने बात की तो उनका कहना है कि पूर्व में तकरीबन नौ साल पहले भी इसी तरह किसी अज्ञात बीमारी से पशुओं की मौत हो रही थी. लेकिन उस वक्त भी यह नही ज्ञात हो सका कि उन्हें कौन सी बीमारी हुई है. बकौल सुपरवाइजर, पिछले दो महीनों में तकरीबन सौ से ज्यादा सुअरों की मौत हो गई है.

कारणों का पता लगाएंगे नप कार्यपालक पदाधिकारीः मामले में नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने बताया कि उन्हें भी इस तरह की बात की जानकारी हुई है. जिसके बाद पशुपालन विभाग से संपर्क किया जा रहा है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस तरह सुअरों की मौत क्यों हो रही है. इओ ने कहा कि पशुपालक अपने पशुओं की मृत्यु के पश्चात उन्हें इधर-उधर फेंक दे रहे हैं. मृत्यु की जानकारी तीन-चार दिन बाद उस वक्त मिल रही है, जब शवों से दुर्गंध आनी शुरू हो जा रही है.

मृत्यु की जानकारी ससमय देने का अनुरोधः यह जांच नहीं हो पा रही है कि उनकी मृत्यु किन कारणों से हुई है. पशुपालकों से भी अनुरोध किया जा रहा है कि वह पशुओं की मृत्यु की जानकारी ससमय दिया करें, ताकि मृत्यु के कारणों की जांच कराई जा सके. इस मामले में ज्यादा जानकारी के लिए जिला पशुपालन पदाधिकारी के सरकारी नंबर पर संपर्क किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका. बहरहाल, नगर परिषद अपने स्तर से भी मृत्यु के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रहा है.

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