बक्सरः बिहार के बक्सर में घुड़दौड़ प्रतियोगिता का संपन्न हो गया. इस महा मुकाबला में भोजपुर का घोड़ा 'रॉकेट' ने बाजी मारी. कैमूर के दिनारा का 'पवनसुत' दूसरे स्थान पर रहा. इस रेस में सबकी नजर बाहुबली अनंत सिंह का घोड़ा 'लाडला' पर थी, लेकिन लाडला रेस में उतरने से पहले ही डर गया. अनंत सिंह का घोड़ा लाडला रेस में भाग नहीं ले सका, हलांकि इसका कारण पता नहीं चल पाया है. लेकिन माना जा रहा है कि घोड़ा की तबियत बिगड़ गई, जिस कारण वह रेस में नहीं उतर सका.
यह भी पढ़ेंः छोटे सरकार के खिलाफ BJP की तैयारी फुस्स, सूरजभान भी अनंत सिंह का तिलिस्म तोड़ नहीं पाए...
महाशिवरात्रि पर लगता है मेलाः बक्सर के बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की नगरी महाशिवरात्रि के मौके पर प्रत्येक साल पशु मेला लगता है. यह मेला एक सप्ताह तक रहता है, जिसके अंतिम दिन घुड़दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. इस घुड़दौड़ प्रतियोगिता में देश के कोने-कोने से घोड़ा आता है और रेस में शामिल होता है. पिछले साल की भांति इसबार भी अनंत सिंह का लाडला शामिल होने आया था, लेकिन रेस में उतरने से पहले ही डर गया. बता दें कि पिछले साल भी लाडला रेस में हार गया था. बक्सर के चौसा का साधु ने उसे हरा दिया था. इस बार जीत की पूरी तैयारी थी, लेकिन लाडला रेस में उतरा ही नहीं.
अखिलेश कुमार सिंह हुए शामिलः घुड़दौड़ प्रतियोगिता के समापन समारोह में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह भी शामिल हुए. जिन्होंने उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी से अलग होने को गलत ठहराया. उन्होंने कहा कि रेस से पहले ही जदयू का दामन नहीं छोड़ना चाहिए था. उपेन्द्र कुशवाहा को नसीहत देते हुए कहा की मुकाबला से पहले ही उपेन्द्र कुशवाहा ने जो निर्णय लिया, वह ठीक नहीं है. उनको इस हालात में जदयू को नहीं छोड़ना चाहिए था.
महागठबंधन में नहीं है खींच-तानः अखिलेश ने उपेन्द्र कुशवाहा के अलग होने के बाद महागठबंधन के नेताओं में हो रहे बयानबाजी पर सफाई दी. कहा कि इससे महागठबंधन के सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. महागठबंधन पूरी तरह से एक है. हालांकि विपक्ष का पीएम उम्मीदवार कौन होगा इस सवाल को सुनते वह गाड़ी में बैठकर निकल गए. कहीं न कहीं यह फूट की ओर इशारा कर रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुवान से पहले महागठबंधन में फूट पड़ सकती है.