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बक्सर में बिना यंत्र के लगा कृषि मेला, टेबल और कुर्सियां बढ़ाती रही शोभा

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Published : Oct 15, 2022, 8:07 PM IST

शहर के ऐतिहासिक किला मैदान में कृषि विभाग (आत्मा) के द्वारा लगाए गए दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला सह किसान सम्मेलन में किसान यंत्र खरीदने के लिए चक्कर काटते रहे. सारा काउंटर खाली पड़ा था. मेले के दूसरे दिन टेबल और कुर्सियां इसकी शोभा बढ़ाती रही.

बक्सर में कृषि यांत्रिकरण मेलाः
बक्सर में कृषि यांत्रिकरण मेलाः

बक्सर: कृषि विभाग(आत्मा) के द्वारा शहर के किला मैदान में 14 और 15 अक्टूबर को दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन किया गया था. मेला के दूसरे दिन शनिवार को दूर दराज से आए सैकड़ों किसान यंत्र की खरीददारी करने के लिए इस मेले में पहुंचे थे. कृषि यांत्रिकरण मेले में ना तो कोई यंत्र था और ना ही विभाग द्वारा बनाये गए काउंटर पर जवाब देने के लिए कोई कर्मी था. मेले में लगे टेंट, टेबल और कुर्सियां ही इसकी शोभा बढ़ाती रही. किसान मायूस होकर घर लौट गए.

इसे भी पढ़ेंः Mahila Kisan diwas:खेती के लिए पुरुषों की मोहताज नहीं रहनेवाली महिलाओं काे किया सम्मानित

बक्सर में कृषि यांत्रिकरण मेला


चेक डैम का डेमो तैयार करायाः कृषि यांत्रिकरण मेले में आने वाले किसानों को जल संचयन के लिए जगरूक करने एवं उन्हें प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से विभाग ने चेक डैम का डेमो तैयार कराया था. इसके लिए वैशाली जिले से कारीगर को बुलाया गया था. चेक डैम तैयार करने वाले कारीगर ने बताया कि शुक्रवार काे मेले में किसान आये थे. आज महिला दिवस के मौके पर खेल का आयोजन किया गया था. यंत्र की प्रदर्शनी लगी थी कि नहीं मुझे नहीं पता. उसने कहा कि वह अपने काउंटर पर कल से ही मौजूद है. 14 अक्टूबर को एक दिन कृषि यांत्रिकरण मेला लगा था.



क्या कहते हैं किसानः यंत्र की खरीददारी करने के लिए दूर दराज से आये हुए किसानों ने बताया कि वे लोग मेले में यंत्र की खरीददारी करने एवं कुछ सीखने के लिए आये थे. लेकिन, यहां ना तो यंत्र है और न ही कोई कर्मी. इस वजह से बहुत परेशानी हुई. किसानों ने बताया कि शुक्रवार की रात में ही वे लोग पहुंच गये थे. लेकिन, यहां पर कुछ भी नहीं था. कृषि यांत्रिकरण मेले में कुरियर देने के लिए भटक रहे कुरियर बॉय ने बताया कि 14 नम्बर टेबल पर देने के लिए कृषि से सम्बंधित कुछ सामग्री बुक कराई गई थी. अभी यहां पर कोई नहीं है, इस सामग्री काे कहां दे समझ में नहीं आ रहा.


"हमलोग इस मेले में यंत्र की खरीददारी करने एवं कुछ सीखने के लिए आये थे. कल रात में ही हमलोग आ गये थे, लेकिन यहां कुछ भी नही था. कोई कर्मचारी भी नहीं था इस वजह से बहुत परेशानी हुई"- किसान

इसे भी पढ़ेंः महिला दिवस स्पेशल: पगडंडियों पर चलकर 'पद्मश्री' सम्मान तक पहुंची किसान चाची, हजारों महिलाओं की बदल रहीं तकदीर

क्या बोले अधिकारीः कृषि यांत्रिकरण मेले में यंत्र खरीदने पहुंचे किसानों की परेशानी को देख जब ईटीवी भारत ने जिला कृषि पदाधिकारी से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि, मेला कल तीन बजकर 15 मिनट पर समाप्त करने की घोषणा कर दी गई थी. गौरतलब है कि आईपीआरडी के द्वारा प्रेस रिलीज जारी कर यह बताया गया था कि 14 और 15 अक्टूबर को दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला का शुभारंभ किया गया है.

बक्सर: कृषि विभाग(आत्मा) के द्वारा शहर के किला मैदान में 14 और 15 अक्टूबर को दो दिवसीय कृषि यांत्रिकरण मेला का आयोजन किया गया था. मेला के दूसरे दिन शनिवार को दूर दराज से आए सैकड़ों किसान यंत्र की खरीददारी करने के लिए इस मेले में पहुंचे थे. कृषि यांत्रिकरण मेले में ना तो कोई यंत्र था और ना ही विभाग द्वारा बनाये गए काउंटर पर जवाब देने के लिए कोई कर्मी था. मेले में लगे टेंट, टेबल और कुर्सियां ही इसकी शोभा बढ़ाती रही. किसान मायूस होकर घर लौट गए.

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बक्सर में कृषि यांत्रिकरण मेला


चेक डैम का डेमो तैयार करायाः कृषि यांत्रिकरण मेले में आने वाले किसानों को जल संचयन के लिए जगरूक करने एवं उन्हें प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से विभाग ने चेक डैम का डेमो तैयार कराया था. इसके लिए वैशाली जिले से कारीगर को बुलाया गया था. चेक डैम तैयार करने वाले कारीगर ने बताया कि शुक्रवार काे मेले में किसान आये थे. आज महिला दिवस के मौके पर खेल का आयोजन किया गया था. यंत्र की प्रदर्शनी लगी थी कि नहीं मुझे नहीं पता. उसने कहा कि वह अपने काउंटर पर कल से ही मौजूद है. 14 अक्टूबर को एक दिन कृषि यांत्रिकरण मेला लगा था.



क्या कहते हैं किसानः यंत्र की खरीददारी करने के लिए दूर दराज से आये हुए किसानों ने बताया कि वे लोग मेले में यंत्र की खरीददारी करने एवं कुछ सीखने के लिए आये थे. लेकिन, यहां ना तो यंत्र है और न ही कोई कर्मी. इस वजह से बहुत परेशानी हुई. किसानों ने बताया कि शुक्रवार की रात में ही वे लोग पहुंच गये थे. लेकिन, यहां पर कुछ भी नहीं था. कृषि यांत्रिकरण मेले में कुरियर देने के लिए भटक रहे कुरियर बॉय ने बताया कि 14 नम्बर टेबल पर देने के लिए कृषि से सम्बंधित कुछ सामग्री बुक कराई गई थी. अभी यहां पर कोई नहीं है, इस सामग्री काे कहां दे समझ में नहीं आ रहा.


"हमलोग इस मेले में यंत्र की खरीददारी करने एवं कुछ सीखने के लिए आये थे. कल रात में ही हमलोग आ गये थे, लेकिन यहां कुछ भी नही था. कोई कर्मचारी भी नहीं था इस वजह से बहुत परेशानी हुई"- किसान

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