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कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट पर बक्सर सदर अस्पताल, लगाया गया अतिरिक्त बेड

कोरोना वायरस का चीन के अलावा अन्य देशों में प्रभाव है. पूरे देश में इससे निपटने के लिए एहतियात बरती जा रही है. वहीं, बक्सर सदर अस्पताल को अलर्ट पर रखा गया है. अस्पताल में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई है.

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बक्सर सदर अस्पताल
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Published : Feb 12, 2020, 12:24 PM IST

बक्सरः कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जिले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अलर्ट पर हैं, सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों पर स्वास्थ्य कर्मी पैनी नजर रख रहे हैं. हालांकि अभी तक इस वायरस से ग्रसित एक भी मरीज बक्सर जिला में नहीं मिला है. वहीं, बक्सर सदर अस्पताल में इस रोग के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.

कोरोना वायरस को लेकर बक्सर सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण ने बताया कि विभाग अलर्ट है. बक्सर सदर अस्पताल में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई है. इस रोग से संबंधित सभी जरूरत की दवाई स्टॉक में रखी गई है. उन्होंने बताया कि विभाग के स्वास्थ्य कर्मी अलर्ट मोड पर हैं. हालांकि इस तरह के अभी तक एक भी मरीज जिले में नहीं पाए गये हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

दवाईयों की कमी पर सिविल सर्जन की सफाई
सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण ने बताया कि इस रोग से ग्रसित मरीजों की मौत निमोनिया के कारण होती है. इस वायरस से ग्रसित लोगों को सबसे पहले सर्दी, खांसी और बुखार होता है. हालांकि विभाग की तरफ से किये गए दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सदर अस्पताल में रुई से लेकर जरूरत के कई सामान उपलब्ध नहीं है. इस पर जवाब देते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि वो 2 दिन पहले ही छुट्टी पर से आयी हैं. दवाईयां और जरूरत के सामान की कमी को दूर करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है.

बक्सरः कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जिले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अलर्ट पर हैं, सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों पर स्वास्थ्य कर्मी पैनी नजर रख रहे हैं. हालांकि अभी तक इस वायरस से ग्रसित एक भी मरीज बक्सर जिला में नहीं मिला है. वहीं, बक्सर सदर अस्पताल में इस रोग के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.

कोरोना वायरस को लेकर बक्सर सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण ने बताया कि विभाग अलर्ट है. बक्सर सदर अस्पताल में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई है. इस रोग से संबंधित सभी जरूरत की दवाई स्टॉक में रखी गई है. उन्होंने बताया कि विभाग के स्वास्थ्य कर्मी अलर्ट मोड पर हैं. हालांकि इस तरह के अभी तक एक भी मरीज जिले में नहीं पाए गये हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

दवाईयों की कमी पर सिविल सर्जन की सफाई
सिविल सर्जन डॉ. उषा किरण ने बताया कि इस रोग से ग्रसित मरीजों की मौत निमोनिया के कारण होती है. इस वायरस से ग्रसित लोगों को सबसे पहले सर्दी, खांसी और बुखार होता है. हालांकि विभाग की तरफ से किये गए दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सदर अस्पताल में रुई से लेकर जरूरत के कई सामान उपलब्ध नहीं है. इस पर जवाब देते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि वो 2 दिन पहले ही छुट्टी पर से आयी हैं. दवाईयां और जरूरत के सामान की कमी को दूर करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है.

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