औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबादा जिले के खैरा हरनाथ टोला दुसाध विगहा गांव के दलित बस्ती के लोगों ने कच्ची सड़क से परेशान होकर विरोध का अनोखा तरीका अपनाया है. गांव के लोगों ने खाट पर एक मरीज को लिटाया. उसे उठाकर कर ले जाते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उसका वीडियो बनाया. खाट पर पड़ा मरीज, उसे कंधे पर ले जाते लोग और नीचे टूटी सड़क को दिखाते हुए यह वीडियो गांव के लोगों ने वायरल कर दिया है.
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6 महीने तक घरों में कैद हो जाते हैं लोग
बता दें कि इस बस्ती में दलित परिवारों के करीब 50 घर हैं. इस बस्ती में आने-जाने के लिए पक्की सड़क नहीं हैं. गांव तक पहुंचने के लिए महज 700 मीटर कच्ची सड़क है. ग्रामीण साल के 6 महीने पगडंडी के सहारे आवागमन करते हैं लेकिन बारिश होने के बाद 6 महीने तक यह सड़क बंद हो जाता है. इसका निर्माण पंचायत द्वारा भी कराया जा सकता है, लेकिन इस दलित बस्ती की ओर न तो पंचायत का ध्यान है और न ही जिला प्रशासन का.
''गांव में सड़क नहीं है. किसी की तबीयत बिगड़ जाती है तो परेशानी बढ़ जाती है. बीमार व्यक्ति को आज भी खाट पर लिटाकर कर ले जाने के लिए ग्रामीण मजबूर हैं.'' :- नागेंद्र पासवान, स्थानीय ग्रामीण
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'कई बार सर्वे व मापी हुआ, लेकिन...'
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए अधिकारियों द्वारा कई बार सर्वे व मापी की गई. जब अधिकारी मापी करते हैं तो ऐसा लगता है कि इस बार सड़क का निर्माण हो ही जाएगा. हम सभी को बरसात के दिनों में परेशानी नहीं होगी पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रहती है. ग्रामीणों ने बताया कि इसके लिए कई बार जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के पास गये लेकिन आश्वासन के सिवा अब तक कुछ नहीं मिला.
''सड़क की मांग को लेकर एक वीडियो वायरल हुआ है. जल्द ही सड़क का डीपीआर तैयार करायाा जाएगा. उसके बाद सड़क निर्माण शुरू हो जाएगा.'' :- सौरभ जोरवाल, डीएम
प्रखंड के कई गांवों का है यही हाल
ऐसा नहीं कि दुसाध विगहा गांव के ही लोग सड़क की समस्या से जूझ रहे हैं. बल्कि प्रखंड में ऐसे दर्जनों गांव हैं. शिवरा पंचायत का ही लबरी खुर्द गांव आज भी सड़क से वंचित है. बरसात के दिनों में उस गांव के लोग घर से बाहर तक नहीं निकल पाते हैं.