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26 नवंबर को देशभर में हड़ताल करेंगे ट्रेड यूनियन, बिहार में नहीं चलेंगी गाड़ियां, बंद रहेंगे बैंक - विद्युत मजदूर कांग्रेस

बिहार में भी हड़ताल का असर दिखेगा. गाड़ियां नहीं चलेंगी और बैंक भी बंद रहेंगे. भारतीय स्टेट बैंक बंद नहीं होगा. ट्रेड यूनियनों का दावा है कि देशभर के अलग-अलग सेक्टर के करीब 25 करोड़ लोग हड़ताल पर रहेंगे.

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Published : Nov 25, 2020, 10:23 AM IST

औरंगाबाद: ट्रेड यूनियन 26 नवंबर को देशभर में हड़ताल करेंगे. हड़ताल में बिहार के ट्रेड यूनियन भी शामिल हैं, जिसके चलते गुरुवार को राज्य में इसका असर दिखेगा. गाड़ियां नहीं चलेंगी और बैंक भी बंद रहेंगे. भारतीय स्टेट बैंक बंद नहीं होगा. ट्रेड यूनियनों का दावा है कि देशभर के अलग-अलग सेक्टर के करीब 25 करोड़ लोग हड़ताल पर रहेंगे.

औरंगाबाद में एनपीजीसी ग्राम ससना रघुनाथपुर में विद्युत मजदूर कांग्रेस, इंटक यूनियन और श्रमिकों की एक संयुक्त बैठक हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि बीजेपी के किसान और मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में आंदोलन किया जाएगा.

किसानों और मजदूरों के खिलाफ काम कर रही केंद्र सरकार
भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के प्रदेश मंत्री सह औरंगाबाद जिला अध्यक्ष भोला यादव ने बताया कि किसानों और मजदूरों के हितों पर केंद्र सरकार द्वारा लगातार प्रहार किया जा रहा है. आज किसान, निर्माण मजदूर, सरकारी कर्मचारी, खेतिहर मजदूर और संविदा मजदूर सभी की स्थिति खराब हो रही है. केंद्र सरकार इनपर आघात करने से बाज नहीं आ रही है. बेरोजगारी बढ़ गई है. देश का जीडीपी ग्रोथ रेट माइनस में चला गया है. सरकार जुमलेबाजी छोड़ नहीं रही है.

इंटक के सचिव वरुण कुमार सिंह ने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था की नस कही जाने वाली रेलवे को केंद्र सरकार निजी कंपनियों को दे रही है. नवरत्न कंपनी कहे जाने वाला बीएसएनएल, सेल और भेल को निजी उद्योगपतियों के हाथ में सौंपा जा रहा है.

किसानों का बुरा हाल है. किसान 800- 900 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान बाजार में बेचने को मजबूर हैं, जबकि सरकारी मूल्य 1850 रुपए प्रति क्विंटल है. इससे साफ जाहिर होता है कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार ने किसानों का कमर तोड़ने की कसम खा लिया है.

औरंगाबाद: ट्रेड यूनियन 26 नवंबर को देशभर में हड़ताल करेंगे. हड़ताल में बिहार के ट्रेड यूनियन भी शामिल हैं, जिसके चलते गुरुवार को राज्य में इसका असर दिखेगा. गाड़ियां नहीं चलेंगी और बैंक भी बंद रहेंगे. भारतीय स्टेट बैंक बंद नहीं होगा. ट्रेड यूनियनों का दावा है कि देशभर के अलग-अलग सेक्टर के करीब 25 करोड़ लोग हड़ताल पर रहेंगे.

औरंगाबाद में एनपीजीसी ग्राम ससना रघुनाथपुर में विद्युत मजदूर कांग्रेस, इंटक यूनियन और श्रमिकों की एक संयुक्त बैठक हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि बीजेपी के किसान और मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में आंदोलन किया जाएगा.

किसानों और मजदूरों के खिलाफ काम कर रही केंद्र सरकार
भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के प्रदेश मंत्री सह औरंगाबाद जिला अध्यक्ष भोला यादव ने बताया कि किसानों और मजदूरों के हितों पर केंद्र सरकार द्वारा लगातार प्रहार किया जा रहा है. आज किसान, निर्माण मजदूर, सरकारी कर्मचारी, खेतिहर मजदूर और संविदा मजदूर सभी की स्थिति खराब हो रही है. केंद्र सरकार इनपर आघात करने से बाज नहीं आ रही है. बेरोजगारी बढ़ गई है. देश का जीडीपी ग्रोथ रेट माइनस में चला गया है. सरकार जुमलेबाजी छोड़ नहीं रही है.

इंटक के सचिव वरुण कुमार सिंह ने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था की नस कही जाने वाली रेलवे को केंद्र सरकार निजी कंपनियों को दे रही है. नवरत्न कंपनी कहे जाने वाला बीएसएनएल, सेल और भेल को निजी उद्योगपतियों के हाथ में सौंपा जा रहा है.

किसानों का बुरा हाल है. किसान 800- 900 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान बाजार में बेचने को मजबूर हैं, जबकि सरकारी मूल्य 1850 रुपए प्रति क्विंटल है. इससे साफ जाहिर होता है कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार ने किसानों का कमर तोड़ने की कसम खा लिया है.

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