औरंगाबाद: जिले में मगध विश्विद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष में नामांकन के लिए सीट नहीं रहने से सैंकड़ो छात्रों का नामांकन नहीं हुआ. नामांकन नहीं होने से छात्र आये दिन हंगामा कर रहे हैं. ताजा मामला दाउदनगर कॉलेज दाउदनगर का है. जहां नामांकन नहीं होने पर छात्रों ने कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
छात्रों ने लगाया कॉलेज प्रशासन पर भ्रष्टाचार का आरोप
छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाया कि सीट रहने के बावजूद भी नामांकन नहीं लिया जा रहा है. छात्र राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष सुमित कुमार यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि दाउदनगर कॉलेज दाउदनगर में नामांकन में कथित तौर पर व्यापक पैमाने पर धांधली हो रही है. गुरुवार से विज्ञान एवं कला संकाय के सभी विषयों में सीट होने के बावजूद भी नामांकन नहीं किया जा रहा है. दूरदराज से ग्रामीण क्षेत्र से आये छात्र छात्रा फॉर्म रखे हैं. वहीं छात्र ने कहा कि प्रधानाचार्य कहते हैं कि सीट फुल हो गई है.
छात्र नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि सभी विषयों में कॉलेज प्राचार्य और कॉलेज कर्मचारी की मिलीभगत से नामांकन प्रक्रिया में व्यापक धांधली हो रही है. नामांकन पैसे से अधिक पैसे लेकर बच्चे सीट पर नामांकन किया जा रहा है.
प्रिंसिपल ने छात्रों के आरोप को गलत बताया
वहीं दूसरी तरफ दाउदनगर कॉलेज दाउदनगर के प्राचार्य डा.शैलज कुमार श्रीवास्तव ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि प्रतिदिन जितने नामांकन हो रहे हैं. उसे ऑनलाइन कंप्यूटर पर इंट्री कराया जा रहा है. ताकि आगे चलकर किसी भी छात्र छात्राओं को परेशानी नहीं झेलनी पड़े. वहीं उन्होंने बताया कि कला संकाय में अभी करीब डेढ-दो सौ तक नामांकन हो सकते हैं. जबकि विज्ञान संकाय में सीट फुल हो चुका है. उन्होंने बताया कि विज्ञान संकाय में दाउदनगर कॉलेज दाउदनगर को आवंटित सीट की संख्या 768 है. साइंस संकाय में दिव्यांग,खेल कोटा, रिटायर्ड आर्मी आदि कोटा के विद्यार्थियों के लिये आरक्षित रखा गया है. अगर इन कोटियों के विद्यार्थी नहीं पहुंचते हैं. तभी कॉलेज प्रशासन सामान्य विद्यार्थियों के एडमिशन पर विचार करेगा.
बता दें कि जिले के लगभग सभी कॉलेजों में सीट आवश्यकता के अनुरूप नहीं हैं. इंटर पास करने वाले कुल परीक्षार्थियों की तुलना में 10 प्रतिशत भी सीट स्नातक के लिए उपलब्ध नहीं है. ऐसे में छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित रहना पड़ सकता है.