औरंगाबाद: भारत सरकार ने लॉकडाउन में ढील देते हुए कंस्ट्रक्शन के कामों को शुरू करने का आदेश दिया है. वहीं, काम के दौरान सोशल डिस्टेंसिग का पालन करना जरूरी है. लेकिन एनपीजीसी नवीनगर पावर प्लांट में कंस्ट्रकशन के काम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है.
बता दें कि एनपीजीसी पावर प्लांट नवीनगर में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान कोरोना से बचाव की अनदेखी की जा रही है. इस संबंध में विद्युत मजदूर और कांग्रेस इंटक के शाखा अध्यक्ष वरुण कुमार सिंह ने जिलाधिकारी को लिखित शिकायत दी है.
कोरोना से बचाव के नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां
वरुण कुमार सिंह ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि में सरकार के आदेशों के अनुरूप एनपीजीसी प्लांट नवीनगर में 20 अप्रैल से निर्माण कार्य शुरु हुआ है. जिसमें करीब 700 मजदूर कार्य कर रहे हैं. लेकिन एनपीजीसी प्रबंधन की लापरवाही की वजह से कोविड-19 महामारी से बचाव के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. जो बहुत ही गंभीर विषय है.
दूसरे जिले से आने वाले मजदूरों से हो सकता है खतरा
इसके अलावे वरुण सिंह ने बताया कि करीब 500 मजदूर पास के जिला रोहतास और झारखंड के इलाके से हरेक दिन आते हैं. जो कि जिले में सुरक्षा की दृष्टि से भी खतरनाक है. औरंगाबाद में अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला है. जबकि रोहतास में 2 मरीज मिल चुके हैं और अभी बहुत से लोगों की जांच की जा रही है.
'प्लांट के अंदर कोरोना से बचाव की हो व्यवस्था'
इंटक कांग्रेस के शाखा अध्यक्ष वरुण सिंह ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि मजदूरों को प्लांट के अंदर रहने, खाने-पीने, मास्क, सेनेटाइजर और कोरोना से बचाने के उपायों की व्यवस्था की जाए. साथ ही यहां काम करने वाले मजदूरों को यहीं रुकने की व्यवस्था की जाए, नहीं तो अप-डाउन करने वाले मजदूरों से कोविड-19 फैलने की आशंका हो सकती है.
जिलाधिकारी करें जल्द से जल्द कार्रवाई
बताया जा रहा है कि एनपीजीसी में काम करने वाले मजदूरों को बस से लाया जा रहा है. इसके अलावा कई मजदूर अपने निजी वाहन से भी आते जाते हैं. दोनों ही स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो रहा है. इसके अलावा काम करते समय सुरक्षा के मानकों को नजरअंदाज किया जा रहा है. इसीलिए जिलाधिकारी जल्द से जल्द इन मामलों पर कार्रवाई करें.