औरंगाबाद: जिले में पुलिस और महिलाओं के बीच मारपीट के बाद पुलिस अकौनी गांव के महिलाऔं और बच्चों को जेल भेज दिया है. इसको लेकर जिलेभर में आरजेडी कार्यकर्ताओं ने भूख हड़ताल रखा है. साथ ही महिलाओं और बच्चों की रिहाई की मांग की है. आरजेडी कार्यकर्ताओं ने अपने आवास पर ही सामाजिक दूरी का ख्याल रखते हुए पुलिस के खिलाफ धरना दिया.
आरजेडी के गोह प्रखंड अध्यक्ष गुड्डू कुमार यादव ने बताया कि गोह प्रखंड के अकौना गांव में पुलिस ने अत्याचार किया है. पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों से मारपीट के जो आरोपी थे, उन्हें जेल ले जाना चाहिए था. लेकिन पुलिस ने गांव से निर्दोष गर्भवती महिलाओं और छोटे-छोटे बच्चों को जेल भेजा है. जो कहीं से भी उचित नहीं है. राष्ट्रीय जनता दल सरकार से मांग करती है कि सभी निर्दोष ग्रामीणों को जेल से अविलंब रिहा किया जाए और उन्हें हर्जाना दिया जाए.
जिला महासचिव डॉ. चन्दन कुमार ने मांग करते हुए कहा कि जिला प्रशासन संयम से काम लेता तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती. उन्होंने कहा कि जब तक निर्दोष को जेल से नहीं छोड़ा जाएगा. तब तक आरजेडी विरोध करती रहेगी.
घरों पर रखा भूख हड़ताल
आरजेडी औरंगाबाद के आह्वान पर बारुण प्रखंड में एक दिवसीय उपवास कार्यक्रम आरजेडी कार्यकर्ताओं की ओर से किया गया. आरजेडी की ओर से पांच सूत्री मांगों को लेकर यह उपवास कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसमें मुख्य रूप से गोह के अकौनी में घटित घटना की न्यायिक टीम से उच्च स्तरीय जांच की मांग शामिल है. राष्ट्रीय जनता दल के जिला महासचिव डॉ. चंदन कुमार के नेतृत्व में हुए इस उपवास कार्यक्रम में बताया गया कि अकौनी में पुलिस के द्वारा जो चूक हुई है, वह काफी निंदनीय है. उन्होंने कहा कि हम सभी विपक्ष में रहकर कोरोना महामारी में सहयोग कर रहे हैं. सभी कोरोना योद्धाओं का स्वागत कर रहे हैं. लेकिन निर्दोषों पर गलत कार्रवाई हुई है.
इन पार्टियों ने भी किया समर्थन
बता दें कि आरजेडी के अलावे जन अधिकार पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी, भाकपा माले और यादव महासभा ने भी अकौनी की घटना की न्यायिक जांच और असली दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. जांच कर निर्दोषों को जेल से रिहा कराने के लिए लगातार मांग उठ रही है.