ETV Bharat / state

औरंगाबाद: बिहार बंद पर पुलिसिया कार्रवाई का RJD ने किया विरोध, सरकार से की जांच की मांग

राजद प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो राजद कार्यकर्ता आंदोलन करेंगे.

protest of rjd
राजद का विरोध
author img

By

Published : Dec 27, 2019, 9:51 AM IST

औरंगाबाद: 21 दिसंबर को बिहार बंद किए जाने पर जिले के जामा मस्जिद के पास पुलिस पर पथराव किए गए थे. जिस पर जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने अल्पसंख्यक मोहल्ले में घुसकर उपद्रवियों को पकड़ा था. इस कार्रवाई का राजद ने कड़ा विरोध किया है. राजद की ओर से सेंट्रल टीम को बुलाया गया, जिसने पुलिस की कार्रवाई की जांच को लेकर अल्पसंख्यक मोहल्लों का दौरा किया.

'पुलिस ने किया है लोगों पर अत्याचार'
राजद की सेंट्रल टीम का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. कांति सिंह ने किया. जांच के बाद राजद सेंट्रल टीम ने पुलिस की ओर से निर्दोष लोगों पर अत्याचार का आरोप लगाया है. डॉ. कान्ति सिंह ने कहा कि पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों को बेरहमी से पीटा है. उन्होंने पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठाया है. साथ ही कार्रवाई को भेद-भावपूर्ण बताया है.

बिहार बंद पर पुलिसिया कार्रवाई का राजद ने किया विरोध

'एसपी और डीएम को किया जाए ट्रांसफर'
पुलिस की ओर से किए गए कार्रवाई की जांच के लिए राजद की सेंट्रल टीम ने पठान टोली, कसाई मोहल्ला आदि मोहल्लों का दौरा किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह ने कहा कि पुलिस ने घरों में और खड़े वाहनों में तोड़फोड़ मचाई है. जिसका वीडियो फुटेज भी उपलब्ध है. इसके अलावा पुलिस ने निर्दोष लोगों को जेल भेजा है. ऐसे में न्यायिक प्रक्रिया के साथ इस कार्रवाई की जांच होनी चाहिए. वहीं, उन्होंने एसपी और डीएम को हटाने की मांग की है.

ये भी पढ़ेंः CM नीतीश का है यह ड्रीम प्रोजेक्ट, इस अभियान से बदलेगी बिहार की सूरत

मांगे नहीं मानी गई तो होगा आंदोलन
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. कान्ति सिंह ने कहा कि टकराव की शुरुआत भाजपा नगर अध्यक्ष ने किया है. जिन्होंने जामा मस्जिद के पास सबसे पहले पत्थरबाजी की थी. लेकिन पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के 45 लोगों को जेल भेज दिया. वहीं, दूसरे पक्ष पर कोई कार्रवाई नहीं की. राजद प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो राजद कार्यकर्ता आंदोलन करेंगे.

औरंगाबाद: 21 दिसंबर को बिहार बंद किए जाने पर जिले के जामा मस्जिद के पास पुलिस पर पथराव किए गए थे. जिस पर जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने अल्पसंख्यक मोहल्ले में घुसकर उपद्रवियों को पकड़ा था. इस कार्रवाई का राजद ने कड़ा विरोध किया है. राजद की ओर से सेंट्रल टीम को बुलाया गया, जिसने पुलिस की कार्रवाई की जांच को लेकर अल्पसंख्यक मोहल्लों का दौरा किया.

'पुलिस ने किया है लोगों पर अत्याचार'
राजद की सेंट्रल टीम का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. कांति सिंह ने किया. जांच के बाद राजद सेंट्रल टीम ने पुलिस की ओर से निर्दोष लोगों पर अत्याचार का आरोप लगाया है. डॉ. कान्ति सिंह ने कहा कि पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों को बेरहमी से पीटा है. उन्होंने पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठाया है. साथ ही कार्रवाई को भेद-भावपूर्ण बताया है.

बिहार बंद पर पुलिसिया कार्रवाई का राजद ने किया विरोध

'एसपी और डीएम को किया जाए ट्रांसफर'
पुलिस की ओर से किए गए कार्रवाई की जांच के लिए राजद की सेंट्रल टीम ने पठान टोली, कसाई मोहल्ला आदि मोहल्लों का दौरा किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह ने कहा कि पुलिस ने घरों में और खड़े वाहनों में तोड़फोड़ मचाई है. जिसका वीडियो फुटेज भी उपलब्ध है. इसके अलावा पुलिस ने निर्दोष लोगों को जेल भेजा है. ऐसे में न्यायिक प्रक्रिया के साथ इस कार्रवाई की जांच होनी चाहिए. वहीं, उन्होंने एसपी और डीएम को हटाने की मांग की है.

ये भी पढ़ेंः CM नीतीश का है यह ड्रीम प्रोजेक्ट, इस अभियान से बदलेगी बिहार की सूरत

मांगे नहीं मानी गई तो होगा आंदोलन
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. कान्ति सिंह ने कहा कि टकराव की शुरुआत भाजपा नगर अध्यक्ष ने किया है. जिन्होंने जामा मस्जिद के पास सबसे पहले पत्थरबाजी की थी. लेकिन पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के 45 लोगों को जेल भेज दिया. वहीं, दूसरे पक्ष पर कोई कार्रवाई नहीं की. राजद प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो राजद कार्यकर्ता आंदोलन करेंगे.

Intro:संक्षिप्त- 21 दिसम्बर को राजद के बिहार बन्द था। बन्द के बाद जामा मस्जिद के पास पुलिस पर पत्थर चलाए गए थे। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने अल्पसंख्यक मुहल्ले में घुसकर उपद्रवियों को पकड़ा था। इस कार्रवाई में कई निर्दोष लोगों को भी चोटें आई थी। पुलिस पर महिलाओं और बच्चों की पिटाई का आरोप लगा था। उसी की जांच को लेकर राजद सेंट्रल टीम आई थी।

BH_AUR_02_RJD CENTRAL TEAM_VIS_BYTE_2019_7204105

औरंगाबाद- 21 दिसम्बर को शहर के अल्पसंख्यक मुहल्ले में हुए पुलिस पर पथराव और फिर पुलिस की जवाबी कार्रवाई का जायजा लेने राजद की एक केंद्रीय टीम ने दौरा किया। केंद्रीय टीम का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ कांति सिंह ने किया। जांच के बाद राजद केंद्रीय टीम ने पुलिस द्वारा निर्दोष लोगों पर अत्याचार का आरोप लगाया। डॉ कान्ति सिंह ने बताया कि पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों को बेरहमी से पीटा है।


Body:औरंगाबाद शहर में 21 दिसंबर को बिहार बंद के बाद जामा मस्जिद के पास पुलिस पर हुए पथराव और पथराव के बाद की गई पुलिसिया कार्यवाही पर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस पर निर्दोष लोगों के अलावा महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को पीटने का आरोप लगा है। इसी आरोप की जांच के लिए राजद की केंद्रीय टीम ने पठान टोली, कसाई मुहल्ला आदि प्रभावित मुहल्लों का दौरा किया। टीम का नेतृत्व कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि पुलिस कार्रवाई के बहाने अल्पसंख्यक मोहल्ले के घरों में घुसकर लोगों की पिटाई की है। खास करके महिलाओं, बुजुर्ग और बच्चों की जमकर पिटाई की गई थी। पुलिस ने उनके घरों में और खड़े वाहनों में तोड़फोड़ मचाई है । जिसका वीडियो फुटेज भी है। कई समर्थकों के हाथ पैर टूटा है जिनका इलाज भी ढंग से नहीं हो रहा है। पुलिस ने निर्दोष लोगों को जेल भेजा है।

एसपी और डीएम को हटाने की मांग

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ कान्ति सिंह ने प्रेसवार्ता के1 दौरान कहा कि पुलिस द्वारा यह अत्याचार एसपी के कहने पर किया गया है।इसलिए इसलिए एसपी और डीएम दोनों का यहां से तबादला किया जाए जिससे निष्पक्ष जांच हो सके। उन्होंने बिहार सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस घटना की न्यायिक जांच कराई जाए । अगर न्यायिक जांच नहीं कराई जाती है तो कम से कम मुख्य सचिव स्तर की जांच कराई जाए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो सके। उसपर भी कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस ने आसपास खड़ी गाड़ियों को क्षतिग्रस्त किया था। इसलिए पुलिस पर भी कार्यवाही होनी चाहिए।
डॉ सिंह ने बताया कि टकराव की शुरुआत भाजपा नगर अध्यक्ष ने किया था।
उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद के पास अनिल नाम के भाजपा नगर अध्यक्ष ने पहले पत्थर चलाया था। जिसके बाद पत्थरबाजी हुई थी लेकिन पुलिस ने एकतरफा कार्यवाही करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के 45 लोगों को जेल भेज दिया जबकि दूसरे पक्ष पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

मांगे नहीं मानी गई तो होगा आंदोलन
राजद प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो राजद कार्यकर्ता चरणबद्ध आंदोलन को बाध्य होंगे।


Conclusion:औरंगाबाद शहर में पिछले कुछ समय से तनाव बरकरार है। पिछले वर्ष रामनवमी के समय दंगा भी हुआ था। जिसके बाद कई दिनों तक शहर में कर्फ्यू रहा था। इस बार भी दो दिनों तक तनाव रहा था। राजद प्रतिनिधियों ने कहा है कि जबतक आरोपी को सरकार जेल से बाहर नहीं निकालती, विरोध जारी रहेगा।

विसुअल- रेडी टू अपलोड
बाइट- डॉ कान्ति सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री, राजद जांच टीम की नेतृत्वकर्ता
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.