औरंगाबाद: 21 दिसंबर को बिहार बंद किए जाने पर जिले के जामा मस्जिद के पास पुलिस पर पथराव किए गए थे. जिस पर जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने अल्पसंख्यक मोहल्ले में घुसकर उपद्रवियों को पकड़ा था. इस कार्रवाई का राजद ने कड़ा विरोध किया है. राजद की ओर से सेंट्रल टीम को बुलाया गया, जिसने पुलिस की कार्रवाई की जांच को लेकर अल्पसंख्यक मोहल्लों का दौरा किया.
'पुलिस ने किया है लोगों पर अत्याचार'
राजद की सेंट्रल टीम का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. कांति सिंह ने किया. जांच के बाद राजद सेंट्रल टीम ने पुलिस की ओर से निर्दोष लोगों पर अत्याचार का आरोप लगाया है. डॉ. कान्ति सिंह ने कहा कि पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों को बेरहमी से पीटा है. उन्होंने पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठाया है. साथ ही कार्रवाई को भेद-भावपूर्ण बताया है.
'एसपी और डीएम को किया जाए ट्रांसफर'
पुलिस की ओर से किए गए कार्रवाई की जांच के लिए राजद की सेंट्रल टीम ने पठान टोली, कसाई मोहल्ला आदि मोहल्लों का दौरा किया. पूर्व केंद्रीय मंत्री कांति सिंह ने कहा कि पुलिस ने घरों में और खड़े वाहनों में तोड़फोड़ मचाई है. जिसका वीडियो फुटेज भी उपलब्ध है. इसके अलावा पुलिस ने निर्दोष लोगों को जेल भेजा है. ऐसे में न्यायिक प्रक्रिया के साथ इस कार्रवाई की जांच होनी चाहिए. वहीं, उन्होंने एसपी और डीएम को हटाने की मांग की है.
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मांगे नहीं मानी गई तो होगा आंदोलन
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. कान्ति सिंह ने कहा कि टकराव की शुरुआत भाजपा नगर अध्यक्ष ने किया है. जिन्होंने जामा मस्जिद के पास सबसे पहले पत्थरबाजी की थी. लेकिन पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के 45 लोगों को जेल भेज दिया. वहीं, दूसरे पक्ष पर कोई कार्रवाई नहीं की. राजद प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो राजद कार्यकर्ता आंदोलन करेंगे.