औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद में पीडीएस विक्रेताओं ने अपनी आठ सूत्रीय मांग को लेकर सीएम नीतीश कुमार का पुतला (Effigy of CM Nitish Kumar burnt in Aurangabad) फूंका. मासिक मानदेय समेत अपनी 8 सूत्री मांगों को लेकर पीडीएस विक्रेताओं ने शहर के रमेश चौक पर एकत्रित हुए थे. जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विभाग के सचिव विनय कुमार का पुतला फूंका. विक्रेताओं ने 2 साल से बकाया मार्जिन मनी के अलावा प्रति माह 30 हजार रुपए मानदेय की मांग की है.
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10 जनवरी को पटना में धरना: इससे पहले जिला मुख्यालय स्थित जैन धर्मशाला में फेयर प्राइस डीलर एसोसिएशन की बैठक की गई. बैठक की अध्यक्षता संघ के जिला अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने की. बैठक में शहरी एवं प्रखंड दोनों के जन वितरण प्रणाली विक्रेता शामिल हुए थे. जिसमें 10 जनवरी को पटना में आयोजित विशाल धरना को सफल बनाने के अलावा आठ सूत्री मांगों पर विचार विमर्श किया गया. इसके बादसंघ के सदस्य पैदल मार्च करते हुए रमेश चौक पहुंचे, जहां सीएम नीतीश का पुतला फूंका गया.
30 हजार मानदेय प्रतिमाह की मांग: संघ के अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने बताया कि सरकार जन वितरण प्रणाली के विक्रेताओं को मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से परेशान कर रही है. डीलर तीन वर्षों तक लगातार कोरोना महामारी के दौरान में फ्री राशन का वितरण किए. कोरोना काल में वितरित मुफ्त राशन का एक रुपया भी मार्जिन मनी डीलरों को नहीं मिला है.
दो-चार महीने को छोड़ सारा पैसा बकाया है. जन वितरण प्रणाली के विक्रेताओं ने प्रतिमाह 30 हजार रुपये मानदेय भुगतान की मांग की है. उनका कहना है कि जब तक 30 हजार रुपये मानदेय नहीं दिया जाता है तब तक हड़ताल जारी रहेगा. सरकार का अब कोई भी आश्वासन वे लोग नहीं मानेंगे. उन्होंने कहा कि अब सरकार ने फिर से फ्री राशन का वितरण करने का निर्देश जारी किया है. कमिशन भी नहीं मिलेगा. अब पांच किलो ही राशन बांटना है, वो भी बिना कमिशन का. इस स्थिति में डीलर के परिजनों के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है. सरकार लगातार तुगलकी फरमान जारी कर रही है.