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हड़ताली शिक्षकों ने की बैठक, कहा- मांग पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा आंदोलन

जिले के शिक्षक संघ ने एक बैठक कर मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है. बैठक में कहा गया कि जब तक शिक्षकों की मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक हड़ताल और विद्यालय में तालाबंदी जारी रहेगी.

औरंगाबाद
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Published : Feb 27, 2020, 11:45 AM IST

औरंगाबादः माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ ने दानी बीघा बस स्टैंड में जिला स्तरीय मीटिंग की. जिसमें मांगें पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया गया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में शिक्षक मौजूद रहे.

'जारी रहेगा हड़ताल'
बता दें कि समान कार्य समान वेतन, नियमितीकरण और पीएफ फंड जारी करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर प्राथमिक और मध्य विद्यालय के नियोजित शिक्षक पहले से ही हड़ताल पर हैं. अब हाई स्कूल के शिक्षक भी हड़ताल पर चले गए हैं. शिक्षकों का कहना है कि मांगे नहीं माने जाने तक हड़ताल जारी रहेगी.

पेश है रिपोर्ट

'मानवाधिकार और श्रम कानून का उल्लंघन'
शिक्षक नेता उमा कुमार ने बताया कि वेतनमान के अलावा यहां मानव अधिकार और श्रम कानून का भी उल्लंघन हो रहा है. श्रम कानून में सभी कर्मचारियों के लिए बीमा और पीएफ की अनिवार्यता की गई है. लेकिन बीमा और पीएफ की भी सुविधा नहीं दी जा रही है. इसके अलावा सरकार शिक्षकों से वह सारे कार्य करवा रही है जो नियमित शिक्षकों से करवाती है. ऐसे में नियमित वेतनमान तो शिक्षकों का हक है.
वहीं, शिक्षक संघ महासचिव हजारी सिंह ने दावा किया कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक हड़ताल और विद्यालय में तालाबंदी जारी रहेगी.

औरंगाबादः माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ ने दानी बीघा बस स्टैंड में जिला स्तरीय मीटिंग की. जिसमें मांगें पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया गया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में शिक्षक मौजूद रहे.

'जारी रहेगा हड़ताल'
बता दें कि समान कार्य समान वेतन, नियमितीकरण और पीएफ फंड जारी करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर प्राथमिक और मध्य विद्यालय के नियोजित शिक्षक पहले से ही हड़ताल पर हैं. अब हाई स्कूल के शिक्षक भी हड़ताल पर चले गए हैं. शिक्षकों का कहना है कि मांगे नहीं माने जाने तक हड़ताल जारी रहेगी.

पेश है रिपोर्ट

'मानवाधिकार और श्रम कानून का उल्लंघन'
शिक्षक नेता उमा कुमार ने बताया कि वेतनमान के अलावा यहां मानव अधिकार और श्रम कानून का भी उल्लंघन हो रहा है. श्रम कानून में सभी कर्मचारियों के लिए बीमा और पीएफ की अनिवार्यता की गई है. लेकिन बीमा और पीएफ की भी सुविधा नहीं दी जा रही है. इसके अलावा सरकार शिक्षकों से वह सारे कार्य करवा रही है जो नियमित शिक्षकों से करवाती है. ऐसे में नियमित वेतनमान तो शिक्षकों का हक है.
वहीं, शिक्षक संघ महासचिव हजारी सिंह ने दावा किया कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक हड़ताल और विद्यालय में तालाबंदी जारी रहेगी.

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