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औरंगाबाद: सोन कैनाल पर बने लगभग 200 वर्ष पुराना पुल क्षतिग्रस्त - 200 year old bridge of Aurangabad damaged

जिले के दाउदनगर के पास पटना कैनाल पर बने सिपहां पुल के क्षतिग्रस्त गया. पुल लगभग 200 वर्ष पुराना बताया जा रहा है.

औरंगाबाद
निरीक्षण करते सिंचाई अधिकारी
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Published : Nov 16, 2020, 10:39 PM IST


औरंगाबाद: जिले के सिपहां स्थित पटना सोन कैनाल पर बने लगभग 200 वर्ष पुराना पुल पर दीवार खड़ा किया जाएगा. अवैध बालू ढुलाई के लिए निकाले जा रहे ट्रकों से पिछले दिनों पुल का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था. विभाग ने पुल के मरम्मत के लिए दोनो छोर पर दीवार बनाने का फैसला लिया है.

जिले के दाउदनगर के पास पटना कैनाल पर बने सिपहां पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पुल पर पहुंचकर निरीक्षण किया और सिंचाई विभाग के स्थानीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये. सिंचाई विभाग औरंगाबाद के चीफ इंजीनियर शमीम अख्तर मलिक ने मौके पर पहुंच कर पुल की स्थिति का जायजा लिया. उनके साथ सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता रामप्रवेश सिंह भी मौजूद रहे. उन्होंने सिंचाई विभाग के स्थानीय अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि पुल के दोनों तरफ से ईंट की दीवार खड़ा करवा दें. ताकि वाहनों का आवागमन नहीं हो सके. पुल पर जो लोहे का चादर लगाया गया है, उसे हटवा कर पुलिस को सुपुर्द कर दें.

पुल के ध्वस्त होने से पटना तक सिंचाई व्यवस्था प्रभावित
इस मौके पर सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता राकेश रंजन, कनीय अभियंता मृत्युंजय कुमार सिंह आदि भी मौजूद रहे. स्थानीय निवासियों के अनुसार यदि यह पुल ध्वस्त हो जाता है तो पटना तक सिंचाई की व्यवस्था प्रभावित होगी. किसानों के खेत तक पानी पहुंचाना मुश्किल हो जायेगा. इस पुल को बचाना जरूरी है.


निरीक्षण के दौरान ही इस बात का भी खुलासा हुआ कि पुल के क्षतिग्रस्त होने से पूर्वी भाग पर जो लोहे का चादर दिख रहा है वह किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा लगाया गया है, जिसकी जानकारी विभाग को भी नहीं है. सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर ने उस चादर को हटवा कर पुलिस को सुपुर्द करने का निर्देश दिया.

बालू माफिया ने बना लिया था अवैध रास्ता
सिंचाई विभाग के नहर सेवा पथ पर बड़े वाहनों को जाने से रोकने के लिए बैरियर लगाए थे. लेकिन असामाजिक तत्वों द्वारा बैरियर के पास से अवैध रास्ता बना लिया गया था. बनाये गए अवैध रास्ते को सोमवार को प्रशासन द्वारा कटवाया गया. ज्ञात हो कि इससे संबंधित शिकायत सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा स्थानीय थाना में की गयी थी.

इसके संबंध में सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने दो बार स्थानीय थाना को आवेदन देकर शिकायत की थी कि पटना मुख्य नहर के बायें से वापस एक सौ मीटर में अज्ञात लोगों द्वारा रात्रि में बैरियर के पास अवैध तरीके से मिट्टी भरकर अवैध बालू एवं अन्य चीजें ले जाने के लिये अवैध रास्ता का निर्माण कर लिया गया है.

दाउदनगर थानाध्यक्ष अरविंद कुमार गौतम ने बताया कि पुलिस और खनन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में अवैध रास्ता को कटवा दिया गया है. निरीक्षण में पहुंचे सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर शमीम अख्तर मलिक ने भी इस बात की पुष्टि की.


औरंगाबाद: जिले के सिपहां स्थित पटना सोन कैनाल पर बने लगभग 200 वर्ष पुराना पुल पर दीवार खड़ा किया जाएगा. अवैध बालू ढुलाई के लिए निकाले जा रहे ट्रकों से पिछले दिनों पुल का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था. विभाग ने पुल के मरम्मत के लिए दोनो छोर पर दीवार बनाने का फैसला लिया है.

जिले के दाउदनगर के पास पटना कैनाल पर बने सिपहां पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पुल पर पहुंचकर निरीक्षण किया और सिंचाई विभाग के स्थानीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये. सिंचाई विभाग औरंगाबाद के चीफ इंजीनियर शमीम अख्तर मलिक ने मौके पर पहुंच कर पुल की स्थिति का जायजा लिया. उनके साथ सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता रामप्रवेश सिंह भी मौजूद रहे. उन्होंने सिंचाई विभाग के स्थानीय अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि पुल के दोनों तरफ से ईंट की दीवार खड़ा करवा दें. ताकि वाहनों का आवागमन नहीं हो सके. पुल पर जो लोहे का चादर लगाया गया है, उसे हटवा कर पुलिस को सुपुर्द कर दें.

पुल के ध्वस्त होने से पटना तक सिंचाई व्यवस्था प्रभावित
इस मौके पर सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता राकेश रंजन, कनीय अभियंता मृत्युंजय कुमार सिंह आदि भी मौजूद रहे. स्थानीय निवासियों के अनुसार यदि यह पुल ध्वस्त हो जाता है तो पटना तक सिंचाई की व्यवस्था प्रभावित होगी. किसानों के खेत तक पानी पहुंचाना मुश्किल हो जायेगा. इस पुल को बचाना जरूरी है.


निरीक्षण के दौरान ही इस बात का भी खुलासा हुआ कि पुल के क्षतिग्रस्त होने से पूर्वी भाग पर जो लोहे का चादर दिख रहा है वह किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा लगाया गया है, जिसकी जानकारी विभाग को भी नहीं है. सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर ने उस चादर को हटवा कर पुलिस को सुपुर्द करने का निर्देश दिया.

बालू माफिया ने बना लिया था अवैध रास्ता
सिंचाई विभाग के नहर सेवा पथ पर बड़े वाहनों को जाने से रोकने के लिए बैरियर लगाए थे. लेकिन असामाजिक तत्वों द्वारा बैरियर के पास से अवैध रास्ता बना लिया गया था. बनाये गए अवैध रास्ते को सोमवार को प्रशासन द्वारा कटवाया गया. ज्ञात हो कि इससे संबंधित शिकायत सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा स्थानीय थाना में की गयी थी.

इसके संबंध में सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने दो बार स्थानीय थाना को आवेदन देकर शिकायत की थी कि पटना मुख्य नहर के बायें से वापस एक सौ मीटर में अज्ञात लोगों द्वारा रात्रि में बैरियर के पास अवैध तरीके से मिट्टी भरकर अवैध बालू एवं अन्य चीजें ले जाने के लिये अवैध रास्ता का निर्माण कर लिया गया है.

दाउदनगर थानाध्यक्ष अरविंद कुमार गौतम ने बताया कि पुलिस और खनन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में अवैध रास्ता को कटवा दिया गया है. निरीक्षण में पहुंचे सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर शमीम अख्तर मलिक ने भी इस बात की पुष्टि की.

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