औरंगाबाद: लोक आस्था का महापर्व का आज उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समापन हुआ. इस महापावन पर्व को लेकर प्रदेश के विभिन्न जिलों में भक्तिमय माहौल बना रहा. व्रती अहले सुबह ही छठ घाटों पर पहुंच कर भगवान भास्कर के प्रकट होने का इंतजार करने लगीं थी. सूर्य देव के दर्शन के साथ ही व्रती भगवान को अर्घ्य देकर लोगों में प्रसाद का वितरण किया. जिले के देव सूर्य मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. इस दौरान वहां पर भगदड़ भी हो गई. इस घटना में 2 बच्चों की मौत समेत कई अन्य घायल हो गए.
देव मंदिर में भगदड़
जिले के देव मंदिर में 20 लाख लोगों ने पूजा अर्चना किया. बताया जा रहा है कि घाट पर मौजूद भीड़ के कारण भगदड़ हो गई. इस भगदड़ में 2 बच्चों की मौत के साथ कई अन्य के घायल होने के खबर है. घायलों का का इलाज नजदीकी अस्पताल में करवाया जा रहा है. मृतक बच्चे की पहचान राजधानी के बिहटा का एक 6 वर्षीय बच्चा और दूसरा भोजपुर के सहार की एक डेढ़ साल की बच्ची है.
भीड़ के सामने प्रशासन की व्यवस्था हुई फेल
प्रदेश के इस ऐतिहासिक मंदिर में हर साल भारी भीड़ उमड़ती है. जिला प्रशासन हर बार पुख्ता तैयारी होने की दावा करती है. लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ के सामने प्रशासन के सभी दावें फेल हो जाती है. बताया जाता है कि मंदिर से सूरजकुंड जाने वाला रास्ता भीड़ के कारण बिल्कुल बंद हो गया था. श्रद्धालु एक-दूसरे पर गिरते हुए सूरजकुंड में अर्घ्य देने के लिए पहुंच रहे थे. इस दौरान उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद जल्दी से जल्दी घर लौटने के कारण यह हादसा हुआ.
भीड़ को देखते रह गए डीएम
बता दें कि भगवान सूर्य की नगरी कहे जाने वाले इस मंदिर में छठ व्रतियों के स्वागत के लिए जिला प्रशासन विगत माह से तैयारियों और सुरक्षा का जायजा ले रहे थे. व्रतियों की भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए डीएम और एसपी ने खुद इसकी कमान संभाल रखी थी. सुरक्षा को लेकर कार्तिक छठ 2019 के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक किया जा रहा था. लेकिन जब मंदिर परिसर में व्रतियों की भीड़ आई तो डीएम लाचार होकर नियंत्रण कक्ष में केवल उद्धोषणा करते रह गए.
छठ में देव मंदिर में लगता है विशाल मेला
बिहार के लोगों की छठ पर्व में विशेष आस्था होती है. इस दौरान जिले के एतिहासिक देव मंदिर में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है. इस अवसर पर यहां विशाल मेला भी लगता है. पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के प्रयास से हर साल 'सूर्य अचला सप्तमी' को महोत्सव का भी आयोजन होता है. कार्तिक छठ करने कई राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है. बताया जाता है कि इस मंदिर के सूर्यकुंड तालाब का विशेष महत्व है. छठ मेले के समय देव का कस्बा लघु कुंभ बन जाता है. जिस वजह से यहां पर न केवल प्रदेश से बल्कि आस-पास के राज्यों से भी व्रती भगवान भास्कर की आराधना में जुटते हैं.