औरंगाबाद: औरंगाबाद के एनएच 2 किनारे कामा बिगहा मोड़ के पास एक मासूम घंटों रोती रही. सड़क किनारे पड़ी इस नवजात की रोते-रोते सांसें उखड़ने लगी. बच्ची अपनी मां के आंचल को ढूढ़ रही थी. पर इस मासूम को क्या पता था इस कलयुगी मां की करतूत, जिसने इसे जन्म दिया उसी ने मरने के लिए सड़क किनारे फेंक दिया है. बच्ची के रोने की आवाज सुनकर आस-पास के लोग इकट्टा हो गए. तभी उस भीड़ से मासूम की मदद के लिए सरिता ने हाथ आगे बढ़ाया. अब सरिता इस बच्ची को मां का प्यार देना चाहती है.
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नवजात को सड़क किनारे फेंका
औरंगाबाद में जहां एक कलयुगी मां ने ममता को कलंकित करते हुए खुद के जिगर के टुकड़े को सड़क किनारे फेंक दिया वहीं एक दूसरी मां ने अपनी ममता के आंचल में बच्ची को पनाह दी है. एनएच 2 के किनारे कामा बिगहा मोड़ के पास फेंकी पाई गयी इस नवजात को देखने और जन्म देकर छोड़ देने वाली मां को कोसने के लिए सैंकड़ों लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. लेकिन उस भीड़ में से किसी ने इसे उठाने तक की जहमत नहीं उठाई.
'बच्ची रो रही थी. पांच सौ की भीड़ लगी थी लेकिन कोई इसे उठाने के लिए आगे नहीं आया. नवजात को रोता देख मैंने उठा लिया. बच्ची को हम रखना चाहते हैं. थाना आए हैं बच्ची को अपनाने की प्रक्रिया की जानकारी लेने के लिए.'- सरिता देवी ,बच्चे को अपनाने वाली महिला
सरिता बनी मासूम का सहारा
बच्ची को रोता बिलखता देख शाहपुर निवासी सरिता नाम की महिला ने इसे कानूनी तौर पर अपनाने की पहल की है. मासूम को सरिता फौरन अस्पताल ले गई, और बीसीजी का टीका लगवाया. साथ ही अब सरिता बच्ची को कानूनी तौर पर अपनाना चाहती है. इसके लिए वह नगर थाना पहुंचकर कानूनी प्रक्रिया की जानकारी भी हासिल कर रही है.
'बच्ची का आज ही जन्म हुआ है. कोई झाड़ियों के बीच में फेंक कर चला गया. समुचित इलाज और चाइल्ड केयर में रखने के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है.'- अंजनी कुमार,नगर थानाध्यक्ष ,औरंगाबाद
नवजात का अस्पताल में चल रहा इलाज
फिलहाल बच्ची का सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है. सरिता इस मासूम का पूरा ख्याल रख रही है. सरिता की ममता की हर कोई तारीफ कर रहा है.
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