औरंगाबाद: बिहार में विधानसभा चुनाव और इसी समय राज्यसभा में किसानों से संबंधित बिल पास होने के बाद पप्पू यादव ने मोर्चा का ऐलान कर दिया है. औरंगाबाद में एक निजी होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि अगर उनकी सरकार बनी तो राज्य में 7 डिप्टी सीएम बनाएंगे. ये डिप्टी सीएम अलग-अलग वर्गों का प्रतिनिधित्व करेंगे. इसके अलावा उन्होंने राज्यसभा से किसानों से संबंधित बिल को पारित होने पर देश के लिए काला अध्याय बताया.
जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने ऐलान किया है कि बिहार में उनके नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार बनने पर अल्पसंख्यक से लेकर हर जाति वर्ग से कुल 7 उप मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे. पप्पू यादव ने घोषणा करते हुए कहा कि वे सत्ता में सभी जाति वर्ग को समान हिस्सेदारी दिए जाने की हिमायती हैं. यही वजह है कि उन्होंने तय किया है कि उनके गठबंधन की सरकार बनी तो हर जाति की संख्या का अनुपात में उप मुख्यमंत्री बनाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 7 उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे. जिनमें पिछड़ा, अति पिछड़ा से 2, दलित, महादलित से 2, अगड़े वर्ग से 2 और अल्पसंख्यक समुदाय से 1 की भागीदारी होगी.
30 साल बनाम 3 साल
पप्पू यादव ने कहा कि इस बार का चुनाव वे 30 साल बनाम 3 साल के मुद्दे पर लड़ने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे राज्य का कायाकल्प 3 साल के भीतर कर देंगे. नहीं तो सत्ता का परित्याग कर देंगे. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने लालू राबड़ी सरकार को 15 साल और नीतीश कुमार को 15 साल का मौका दिया है. पप्पू यादव ने जनता से अनुरोध किया कि लालू और नीतीश कुमार की तरह उन्हें भी एक बार मौका दें.
'बिहार को एशिया का नंबर वन राज्य बनाएंगे'
पप्पू यादव ने कहा अगर उन्हें मौका मिला तो वे 3 साल में ही बिहार को एशिया का नंबर वन राज्य बनाएंगे. ऐसा नहीं करने पर तत्काल सत्ता का त्याग कर देंगे. उन्होंने कहा कि वे 30 बनाम 3 साल की नीति को हाईकोर्ट में शपथपत्र के रूप में दायर कर संकल्प पत्र के रूप में 24 सितंबर को जारी करेंगे. संकल्प पत्र में तीन माह में हर हाथ को काम, छह माह में अपराध मुक्त बिहार जैसी नीतियां शामिल रहेंगी.
'किसान बिल' इतिहास का काला अध्याय
किसानों के मुद्दे पर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और फसल बिक्री को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा राज्यसभा में पारित विधेयक को देश के इतिहास में काला अध्याय बताया है. उन्होंने राज्यसभा में पारित इस बिल को अडानी और अंबानी का बिल करार देते हुए कहा कि किसी भी नजरिये से ये किसानों के हित में नहीं है. उन्होंने इस बात की भी निंदा की है कि उपसभापति हरिवंश ने इस पर वोटिंग कराने के बजाए ध्वनि मत से पारित कर दिया.
'देश की महत्वपूर्ण कम्पनियां बिकी'
उन्होंने कहा कि कोरोना के बन्दी में देश की महत्वपूर्ण कम्पनियां बिक गई, पहले सरकारी सम्पति को बेचा और अब किसानों को गुलाम बनाने की शुरुआत हो चुकी है. पप्पू यादव ने कहा कि देश में कोई बड़ा किसान नहीं है. सभी सीमांत और छोटे किसान हैं जो अपनी भूमि पर खुद मजदूरी करते हैं. वे सभी किसान कम्पनियों के बंधुआ मजदूर हो जाएंगे. यही वजह है कि किसान बिल के संसद से पारित होते ही पंजाब से ताल्लुक रखने वाली केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने सरकार को लात मार कर चली गई.
25 सितंबर को बिहार बंद
किसान विरोधी इस बिल के विरोध में देश भर में जन अधिकार पार्टी विरोध करेगा. 25 सितंबर को किसान संगठनों के पक्ष में राष्ट्रव्यापी आंदोलन का वे समर्थन करेंगे और उनकी पार्टी किसानों के पक्ष में हर आंदोलन में शामिल रहेगी. राज्यसभा से किसान विरोधी बिल पारित होने के बाद से पप्पू ज्यादा आक्रामक हो गए हैं. वे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से लेकर बिहार के नीतीश कुमार सरकार को निशाने पर ले रहे हैं. उन्होंने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वह पटना में बड़े-बड़े फ्लाईओवर और बिल्डिंग बनवा रहे हैं. लेकिन उन्होंने किसानों के अनाज रखने के लिए एक गोदाम तक नहीं बनवाया है. उन्होंने बताया कि ना सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि राज्य की नीतीश सरकार भी किसान विरोधी है और इनके खिलाफ लगातार संघर्ष करते रहेंगे.