औरंगाबाद: बिहार सरकार के मुख्य सचिव के निर्देश पर औरंगाबाद के सभी प्रखंडों में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल आपूर्ति निश्चय योजना, ग्रामीण पक्की गली-नाली निश्चय योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत किये जा रहे कार्यों की जांच की जा रही है. अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर प्रखंडों में जांच पूरी हो गई है लेकिन और बचे हुए प्रखंडों में जांच जारी है.
मुख्य सचिव के आदेश पर जांच
मुख्य सचिव के निर्देश के बाद यह जांच की जा रही है. जिसकी रिपोर्ट भेजी जानी है. बिहार विधानसभा चुनाव में लगातार ही सात निश्चय योजना में हुए भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बनाया जा रहा था. अब नई सरकार के गठन के बाद इसमें हुए काम की जांच जिले में शुरू कर दी गई है. यह जांच मुख्य सचिव के आदेश के बाद शुरू की गई है.
विभिन्न योजनाओं की जांच
अधिकारियों ने देव, औरंगाबाद, गोह, दाउदनगर और नबीनगर प्रखंड में विभिन्न योजनाओं की जांच की. जांच में पाई गई कमियों को लेकर संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जायेगी. इस क्रम में जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त अंशुल कुमार के नेतृत्व में जिला स्तरीय पदाधिकारियों ने जिला परिषद की कुल 17 योजनाओं की जांच की.
ऑन स्पॉट स्वीकृति प्रदान
जांच के दौरान ही डीडीसी ने 82 लाख 96 हजार 510 रुपये की योजनाओं की ऑन स्पॉट स्वीकृति प्रदान की. इसके साथ ही योजनाओं के कार्यारंभ के लिए पंचम वित्त आयोग के तहत राशि एक सप्ताह के अंदर जिला अभियंता के खाते में अंतरित करने का आदेश दिया. वहीं एक योजना में डीडीसी ने अनुदान के रूप में 44 हजार 827 रुपये की राशि विमुक्त की.
क्या कहते हैं डीडीसी
डीडीसी ने बताया कि जिला परिषद की योजनाओं पर उनके स्तर से अक्टूबर 2019 से 28 नवम्बर 2020 तक 21 करोड़ 32 लाख 88 हजार 773 रुपये का व्यय किया जा चुका है. वह लगातार सभी कामों की गुणवत्ता की भी निगरानी करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि सात निश्चय योजना में हुए कार्य की जांच बाकी बचे प्रखंडों में भी की जाएगी.