औरंगाबाद: जिले के नबीनगर प्रखंड स्थित एनपीजीसी (NabiNagar Power Generating Company) परियोजना में कार्यरत कंपनी यूपीएल ने पिछले 10 वर्षों से काम कर रहे अपने 94 कर्मचारियों को अनुबंध तोड़ते हुए काम से हटा दिया था. काम से हटाने के बाद कंपनी ने सभी कर्मियों को थर्ड पार्टी के तहत काम करने को कहा है. कंपनी के इस गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई से प्रभावित कर्मचारी बीती 5 जनवरी 2021 से एनपीजीसी ससना गेट पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं.
यूपीएल कंपनी पर अपने कर्मचारियों को निकालने का आरोप
विस्थापित किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव अरविंद सिंह ने बताया कि 24 दिसंबर 2020 से यूपीएल कंपनी ने 94 कर्मचारियों को काम से निकाल दिया था. काम से हटाने के बाद कंपनी ने सभी कर्मियों को थर्ड पार्टी के तहत काम करने को कहा है. सभी मजदूरों का अनुबंध यूपीएल कंपनी से जून 2021 तक था, लेकिन कंपनी को किसी भी तरह के कानून का कोई भी डर नहीं है. 9 जनवरी को जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल की मध्यस्थता में में वार्ता भी हुई, जिसमें डीएम के सामने कंपनी पदाधिकारियों ने समस्या के समाधान की बात अपने उच्च अधिकारियों से सलाह लेकर करने की बात कही थी, लेकिन आज 20 दिन से धरना पर बैठे मजदूरों को कहीं से न्याय नहीं मिला है.
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मांगे ना मानने पर दी आंदोलन की चेतावनी
कंपनी की तानाशाही के शिकार कर्मी भूषण कुमार सिंह ने बताया कि बगैर किसी कारण और अल्टीमेटम के उन्हें अचानक काम से हटा दिया गया है. उन्होंने बताया कि यूपीएल कंपनी ने थर्ड पार्टी वर्कर में डालने से पहले उनसे राय तक नहीं ली. नियमानुसार कंपनी को हमसे राय लेनी चाहिए थी कि क्या कर्मचारी ठेकेदार के अंतर्गत कार्य करना चाहते हैं या नहीं. यह पूरी तरह से अवैध निष्कासन है. उन्होंने कहा कि कंपनी ने उनकी जिंदगी और रोजी रोटी से खिलवाड़ किया है, अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आगे उग्र आंदोलन भी किया जाएगा. वहीं, इस संबंध में जिला पदाधिकारी सौरव जोरवाल ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है.
क्या है थर्ड पार्टी
बता दें कि थर्ड पार्टी का मतलब है कि अब कर्मचारी कंपनी के तहत नहीं, बल्कि ठेकेदार के तहत कार्य करेंगे. कंपनी का अब उनसे किसी भी तरह का कोई भी लेना देना नहीं होगा.