औरंगाबाद: प्रदेश में लगातार बढ़ रहे तापमान को लेकर सरकार चिंतित है. इसीलिए उद्यान विभाग ने किसानों की मदद करने के लिए एक नई पहल शुरू की है. विभाग किसानों के लिए मुफ्त में पौधारोपण योजना लायी है. इतना ही नहीं पौधारोपण के बाद उनकी देखरेख के लिए विभाग 50 हजार रुपये का अनुदान भी देगा.
जिला उद्यान पदाधिकारी ज्ञानचंद ने बताया कि ये स्कीम किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकती है. इससे पर्यावरण की रक्षा भी होगी और कमाई भी होगी. बेशकीमती फलदार वृक्षों की रोपनी करके किसान अपनी आमदनी दोगुनी कर सकते हैं.
मुफ्त में पौधारोपण की पेशकश
तमाम शोधों के मुताबिक लगातार बढ़ते तापमान और बारिश नहीं होने का कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई है. पेड़ों की भारी कमी के बाद भी लोग पेड़-पौधे लगाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इस बाबत जिला उद्यान पदाधिकारी ने जिले के लोगों को पौधारोपण के लिए फलदार और लाभकारी वृक्ष मुफ्त में देने की पेशकश की है.
फल बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं किसान
जिला उद्यान पदाधिकारी ने बताया कि बिहार सरकार ने कई सीरीज के फलदार पौधे खासतौर से किसानों के लिए जारी किए गए हैं. जिनमें पपीता, अमरूद, आम और अन्य फलदार वृक्ष शामिल हैं. इन वृक्षों से पर्यावरण की सुरक्षा भी होगी और वृक्ष लगाने वाले व्यक्ति को लाभ भी मिलेगा. किसान यह वृक्ष बाजार में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य
केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके अनुसार 2022 तक सभी किसानों की आमदनी को दोगुनी करने का लक्ष्य है. इस लक्ष्य की पूर्ति को लेकर भी किसानों से फलदार वृक्षों की खेती करने को कहा जा रहा है. जिससे पर्यावरण की सुरक्षा हो और तापमान में कमी आए.
50 हजार रुपये तक है सब्सिडी का प्रावधान
जिला उद्यान पदाधिकारी ज्ञानचंद ने बताया कि किसान अगर एक हेक्टेयर में आम, पपीता या अन्य फलदार पौधे लगाते हैं, तो एक हेक्टेयर जमीन पर उन्हें 50 हजार रुपए सब्सिडी का भी प्रावधान है. इस स्कीम के तहत उन्हें पहले वर्ष 30 हजार, दूसरे वर्ष 10 हजार और तीसरे वर्ष 10 हजार रुपये दिए जाएंगे. किसान को प्रति हेक्टेयर तीन साल में 50 हजार रुपये का भुगतान विभाग करेगा.
निर्धारित लक्ष्य क्या है?
जानकारी के मुताबिक किसानों के लिए इस योजना के अंतर्गत विभाग ने लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसमें पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर चयन होगा. आंवला के लिए 30 हेक्टेयर, आम के लिए 20 हेक्टेयर, अमरूद के लिए 12 हेक्टेयर और पपीता के लिए 30 हेक्टेयर भूमि का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने बताया कि आंवला प्रति हेक्टेयर 500 पौधे, आम प्रति हेक्टेयर 400 पौधे, अमरुद प्रति हेक्टेयर 1111 पौधे और पपीता प्रति हेक्टेयर 386 पौधे लगाए जाने हैं. इसे सघन बागवानी कहा जाता है. जहां जमीन का हर कोने का सटीक उपयोग किया जाता है. उन्होंने बताया कि किसान प्रखंड में जाकर प्रखंड विकास पदाधिकारी से इस संबंध में संपर्क कर के पौधे ले जा सकते हैं.
बता दें कि गर्मियों में प्रदेश की हालत बहुत खराब हो जाती है. जलस्तर की लगातार कमी होने और वातावरण का तापमान में वृद्धि होने के कारण लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है. इस बार भी लगभग 80 से अधिक लोगों की लू लगने से मौत हुई थी. ऐसे में यह प्रयास सार्थक रंग ला सकता है.