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औरंगाबाद में सूर्य मंदिर तालाब में खरना के पूर्व श्रद्धालुओं ने लगायी डुबकी

औरंगाबाद के देव का सूर्य मंदिर के तालाब में छठ महापर्व (Chhath Puja 2021) के दूसरे दिन छठ व्रतियों ने पूरे दिन उपवास रहने के बाद शाम में खरना किया. इस दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे.

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Published : Nov 9, 2021, 10:48 PM IST

Updated : Nov 9, 2021, 11:03 PM IST

औरंगाबाद में सूर्य मंदिर
औरंगाबाद में सूर्य मंदिर

औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद के देव स्थित सूर्य मंदिर (Aurangabad Sun Temple) ऐतिहासिक और प्राचीन है. लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja 2021) के दूसरे दिन यहां छठ व्रती और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. यहां स्थिति सूरजकूंड में स्नान करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. चार दिनों के इस महापर्व के दूसरे दिन आज खरना है. यहां भारी संख्या में लोग खरना करने से पहले सूरजकुंड में डुबकी लगाते हैं और पूजा अर्चना करते हैं, उसके बाद ही खरना करते हैं. ऐसी मान्यता मन्नतें पूरी होने पर लोग धूमधाम से छठ पर्व मनाते हैं.

ये भी पढ़ें- छठ पूजा में सबसे पवित्र परंपरा है "कोसी भराई", जानिए "कोसी सेवना" का महत्व और विधि

बता दें कि औरंगाबाद जिले के देव स्थित सूर्य मंदिर ऐतिहासिक, धार्मिक, पौराणिक, अध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटक के दृष्टिकोण से विश्व प्रसिद्ध है. यह त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर अपनी कलात्मक भव्यता के लिए सर्वविदित और प्रख्यात है. सदियों से यह पर्यटकों, श्रद्धालुओं एवं छठ व्रतियों की अटूट आस्था का केंद्र है. इसके साथ ही इस मंदिर को दुनिया का इकलौता पश्चिम मुखी सूर्य मंदिर होने का गौरव हासिल है.

देखें वीडियो
गौरतलब है कि भगवान भास्कर का यह मंदिर सदियों से लोगों को मनोवांछित फल देने वाला पवित्र धर्मस्थल रहा है. यूं तो साल भर में देश के विभिन्न जगहों से यहां से पधार कर मन्नत मांगते हैं और सूरज देव इसकी पूर्ति होने पर अर्घ्य देने आते हैं, लेकिन कार्तिक छठ दौरान यहां दर्शन पूजन की अपनी एक विशिष्ट धार्मिक महत्ता है. ऐतिहासिक देव सूर्य मंदिर बिहार की विरासत है. यहां कार्तिक एवं चैती छठ में लाखों की संख्या में श्रद्धालु व्रत करने पहुंचते हैं.

ये भी पढ़ें- जानिए क्यों मनाया जाता है छठ महापर्व, क्या है इसका पौराणिक महत्व

औरंगाबाद: बिहार के औरंगाबाद के देव स्थित सूर्य मंदिर (Aurangabad Sun Temple) ऐतिहासिक और प्राचीन है. लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja 2021) के दूसरे दिन यहां छठ व्रती और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. यहां स्थिति सूरजकूंड में स्नान करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. चार दिनों के इस महापर्व के दूसरे दिन आज खरना है. यहां भारी संख्या में लोग खरना करने से पहले सूरजकुंड में डुबकी लगाते हैं और पूजा अर्चना करते हैं, उसके बाद ही खरना करते हैं. ऐसी मान्यता मन्नतें पूरी होने पर लोग धूमधाम से छठ पर्व मनाते हैं.

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बता दें कि औरंगाबाद जिले के देव स्थित सूर्य मंदिर ऐतिहासिक, धार्मिक, पौराणिक, अध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटक के दृष्टिकोण से विश्व प्रसिद्ध है. यह त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर अपनी कलात्मक भव्यता के लिए सर्वविदित और प्रख्यात है. सदियों से यह पर्यटकों, श्रद्धालुओं एवं छठ व्रतियों की अटूट आस्था का केंद्र है. इसके साथ ही इस मंदिर को दुनिया का इकलौता पश्चिम मुखी सूर्य मंदिर होने का गौरव हासिल है.

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गौरतलब है कि भगवान भास्कर का यह मंदिर सदियों से लोगों को मनोवांछित फल देने वाला पवित्र धर्मस्थल रहा है. यूं तो साल भर में देश के विभिन्न जगहों से यहां से पधार कर मन्नत मांगते हैं और सूरज देव इसकी पूर्ति होने पर अर्घ्य देने आते हैं, लेकिन कार्तिक छठ दौरान यहां दर्शन पूजन की अपनी एक विशिष्ट धार्मिक महत्ता है. ऐतिहासिक देव सूर्य मंदिर बिहार की विरासत है. यहां कार्तिक एवं चैती छठ में लाखों की संख्या में श्रद्धालु व्रत करने पहुंचते हैं.

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Last Updated : Nov 9, 2021, 11:03 PM IST
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