औरंगाबाद: जिले के ओबरा थाना क्षेत्र से एक किशोरी अचानक रात को घर से गायब हो गई और अगले दिन सुबह 5 जून को बधार से 16 साल की लड़की का शव बरामद हुआ था. उसके शरीर पर गोलियों के निशान थे. आखिरकार हत्या के नौ दिनों बाद पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया है.
औरंगाबाद पुलिस ने लड़की की हत्या का किया खुलासा: एसपी स्वप्ना गौतम मेश्राम ने बताया कि लड़की की जान पहचान कारा गांव निवासी वीरेंद्र चंद्रवंशी के साथ थी. इसी बीच बातचीत अन्य लड़के से होने लगी. जिससे नाराज वीरेंद्र उसे मुलाकात के लिए गांव के बधार में बुलवाया और गोली मारकर हत्या कर दी.
हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद: इस सम्बंध में ओबरा थाना में 246/23 कांड दर्ज था. अवैध हथियार मिलने के बाद एक और कांड संख्या 256/23 दर्ज किया गया है. हत्यारे वीरेंद्र और उसके भाई सुरेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है.
"हत्या में प्रयुक्त हथियार को वीरेंद्र की निशानदेही पर उसके भाई सुरेंद्र चंद्रवंशी के पास से बरामद किया गया है. 2 देशी कट्टा, 1 थ्रिनेट बंदूक, 1 देशी बंदूक, 34 कारतूस, 21 खोखा और 2 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं."- स्वप्ना गौतम मेश्राम, एसपी, औरंगाबाद
क्या है पूरा मामला?: 6 जून की सुबह गांव के बधार से किशोरी की लाश मिली थी. लड़की अपनी मां के साथ रात्रि में सो रही थी और अचानक गायब हो गई थी. तभी से ओबरा पुलिस इस ब्लाइंड मर्डर केस की छानबीन जुटी थी. युवती की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी वीरेंद्र चंद्रवंशी ने बताया कि उसका मृतका के साथ सम्बन्ध था.
प्रेमी निकला हत्यारा: इसी दौरान लड़की उससे मिलने से इनकार करने लगी. पता करने पर पता चला कि उसका किसी अन्य युवक से सम्बन्ध है. इसी बात से गुस्से में था और किसी भी तरह लड़की से बदला लेना चाहता था. इसी दौरान अपनी बातों के झांसे में लेकर गांव के बधार में लड़की को बुलाया.
दूसरे लड़के से रिश्ता नहीं था मंजूर: आरोपी ने आगे बताया कि अपने घर में मां के साथ सी रही लड़की चुपके से मां को बगैर बताए गांव के बधार में वीरेंद्र से मिलने चली गई. यहां वीरेंद्र उसे लड़के से मिलने से मना करने लगा. लड़की द्वारा नहीं मानने पर उसने उसको गोली मार दी.
गोली लगने से युवती की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. वीरेंद्र उसके बाद हथियार लेकर अपने घर गया और छोटे भाई सुरेंद्र को हथियार छिपाने के लिए दे दिया. इस घटना में सुरेंद्र को भी गिरफ्तार किया गया है. मामले के जांच में ओबरा थाना अध्यक्ष पंकज सैनी, दाउदनगर अनुमंडल एसडीपीओ कुमार, ऋषिराज समेत अन्य पुलिस पदाधिकारियों का विशेष योगदान रहा.