औरंगाबाद: जिले के दाउदनगर में भाकपा माले के पार्टी कार्यालय में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. इस दौरान पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी क्षेत्रीय जन समस्याओं को गंभीरता पूर्वक उठाते रही है. वहीं, केंद्र सरकार कृषि बिल पारित कर किसानों के हाथों से खेती छीनने की कोशिश कर रही है.
सोन नहर प्रणाली हो रही खत्म
कोरोना काल में जब देश की अर्थव्यवस्था शून्य से 23.9 प्रतिशत नीचे चली गयी तो उस समय खेती ही थी, जो तीन प्रतिशत विकास दर दिखा रही थी. उन्होंने किसानों को अलर्ट करते हुए कहा है कि सोन नहर प्रणाली धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है. यदि इंद्रपुरी डैम का निर्माण नहीं हुआ तो आठ जिलों की खेती संकट में पड़ जायेगी.
महागठबंधन के साथ नहीं बनी बात
पूर्व विधायक ने कहा कि महागठबंधन के साथ तालमेल की वार्ता के लिये भाकपा माले की जो राज्य स्तरीय कमेटी बनी थी वो चार राउंड के वार्ता के बावजूद भी विफल रही. अब यह मामला सेंट्रल कमेटी के पास चला गया है. औरंगाबाद, पटना और नालंदा जिले में एक भी सीट नहीं दी जा रही थी.
कामरेड राजाराम सिंह ने बताया कि उनकी पार्टी ने तय किया है कि अपने संघर्ष वाले इलाकों में भाकपा माले अपना उम्मीदवार उतरेगी.
एक दो दिन में उम्मीदवार के नाम की घोषणा
इस दौरान भाकपा माले के जिला सचिव कामरेड मुनारिक राम ने कहा कि उनकी पार्टी ने तय किया है कि ओबरा विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे. उम्मीदवार के नाम की घोषणा अगले एक दो दिन में हो जाने की संभावना है. 5 अक्टूबर को उनकी पार्टी के प्रत्याशी नामांकन दाखिल करेंगे.