औरंगाबाद: व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश एडीजे-9 संजय कुमार झा की अदालत में शनिवार को डायन के आरोप में दो आरोपियों को 2 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है. मामला को लेकर कसमा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
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2017 का है मामला
गौरतलब है कि साल 2017 में डायन के आरोप में कसमा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसकी सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए आरोपी इंद्रदेव दास और ललन दास को दोषी पाया गया है. इस मामले में धारा 325 में 2 साल सश्रम कारावास की सजा और डायन एक्ट धारा-3 में 3 महीने की सजा. जबकि डायन एक्ट-4 में 3 महीने की सजा सुनाई है. सभी सजा साथ चलेगी.
9 लोगों को बनाया गया था आरोपी
बता दें कि इस घटना से संबंधित प्राथमिकी कपिल देव राम ने थाने में दर्ज करवाई थी. उन्होंने प्राथमिकी में अपनी बूढ़ी पत्नी को डायन बताकर और उससे गाली गलौज और मारपीट करने का आरोप लगाया था. इस मामले में कुल 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था. जिसमें से शनिवार को 2 आरोपी को अदालत ने दोषी पाया है. यह सभी आरोपी कुम्होनी गांव के रहने वाले हैं.
इन अधिवक्ताओं ने लिया बहस में भाग
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सरकार के पक्ष से एपीपी इरशाद आलम, मिथिलेश यादव और बचाव पक्ष से अधिवक्ता परशुराम सिंह ने बहस में भाग लिया.