औरंगाबाद: भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज शर्मा की गिरफ्तारी मामले में नया मोड़ आ गया है. जिला कोर्ट ने पुलिस को जल्द छोड़ने के आदेश दिए साथ ही जमकर फटकार भी लगाई. बाता दें कि पुलिस ने भाजपा नेता को नल-जल मामले में घोटाले को लेकर गिरफ्तार किया था.
कोर्ट ने लगाई है गिरफ्तारी पर रोक
इस बाबत भाजपा नेता का कहना है कि एडीजे-6 की अदालत ने उनकी तत्काल गिरफ्तारी पर जमानत की प्रक्रिया पूरी होने तक रोक लगाई है. उन्होंने जिला पुलिस पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस दुर्भावना से प्रेरित होकर काम कर रही है. भाजपा नेता का कहना है कि उनको विगत रात में अंबा थाना पुलिस ने उन्हें बाजार से गिरफ्तार कर लिया था. जबकि उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर माननीय न्यायालय के आदेश को भी बताया.
राजनीति से प्रेरीत होकर काम कर रही है पुलिस- वकील
इस मामले पर गिरफ्तार भाजपा नेता के वकील मुकेश कुमार सिंह का कहना है कि मेरे मुवक्किल को जानबूझकर फंसाया जा रहा है. कोर्ट ने 16 सितंबर को सुनवाई करते हुए जमानत याचिका पर अंतिम सुनवाई होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी. लेकिन पुलिस ने राजनीति से प्रेरित होकर इनको गिरफ्तार किया जो संविधान के आर्टिकल-21 का उल्लंघन है. वहीं इस मामले पर केस की जांच कर रहे अंबा थाना के पुलिस अधिकारी उत्तम सिंह का कहना है कि स्टे आर्डर पर साफ नाम नहीं लिखे होने के कारण यह गिरफ्तारी हुई थी.
क्या है मामला?
दरअसल, मनोज शर्मा कुटुंबा प्रखंड अंतर्गत डुमरा पंचायत के मुखिया हैं. उनपर मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना अंतर्गत हर घर नल से जल योजना में 12 लाख रुपए के गबन का आरोप है.