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औरंगाबाद: आशा, ममता और कुरियर कर्मियों ने अस्पताल में की चार दिवसीय धरना की शुरुआत

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Published : Aug 7, 2020, 5:34 PM IST

औरंगाबाद के रेफरल अस्पताल में श्रम शोषण और बेगारी के खिलाफ आशा, वैक्सीन कुरियर कर्मी ने चार दिवसीय धरना का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने अपना मांग पत्र भी जारी किया.

औरंगाबाद: आशा, ममता और कुरियर कर्मियों ने अस्पताल में की चार दिवसीय धरना की शुरुआत
औरंगाबाद: आशा, ममता और कुरियर कर्मियों ने अस्पताल में की चार दिवसीय धरना की शुरुआत

औरंगाबाद: बिहार चिकित्सा और जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के द्वारा संचालित आशा, वैक्सीन कुरियर कर्मी व ममता संघर्ष समिति ने श्रम शोषण और बेगारी प्रथा के खिलाफ 4 दिवसीय धरना का आयोजन किया है. यह धरना जिले के रेफरल अस्पताल के कुटुंबा में शुरू किया गया है.

धरना को संबोधित करते हुए अध्यक्ष सुधा सुमन ने कहा कि सरकार हमलोगों के साथ भद्दा मजाक और शोषण कर रही है. जिला मंत्री राजू सोनी ने बताया कि सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक प्रतिरक्षण कार्य के लिए समय देना पड़ता है. इस दौरान साइकिल से दवा उठाकर आरआई स्थल तक ले जाते हैं और वापस रेफरल अस्पताल , कुटुंबा में दवा को सुरक्षित पहुंचाते हैं. धरना में शामिल आशा , कुरियर और ममता ने अपनी मांग पत्र जारी किया है.

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें:-

  • कोविड-19 कार्य में लगे वैक्सीन कुरियर कर्मी को भी सुरक्षा कीट आपूर्ति किया जाय
  • वैक्सीन कुरियर कर्मियों को भी 10 हजार रुपये लॉकडाउन भत्ता का भुगतान किया जाय
  • कोविड-19 कार्य में लगे वैक्सीन कुरियर कर्मियों को 50 लाख रुपये का बीमा और 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा लागू किया जाए.
  • स्वास्थ्य विभाग में चलने वाले विभिन्न कार्यक्रमों, अभियानों में कार्य की उपलब्धता को देखते हुए सालों भर का कार्य सुनिश्चित किया जाए.
  • ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु प्रत्येक स्वास्थ्य उपकेंद्र पर स्वास्थ्य मित्र का पद सृजित कर कुरियर कर्मियों को नियोजित किया जाए.
  • आशा, ममता, संविदा कर्मियों की तरह कुरियर कर्मियों को भी मृत्यु के पश्चात 4 लाख रुपये का अनुदान सुनिश्चित किया जाए.
  • लॉकडाउन के दौरान प्रोत्साहन राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाए.

औरंगाबाद: बिहार चिकित्सा और जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के द्वारा संचालित आशा, वैक्सीन कुरियर कर्मी व ममता संघर्ष समिति ने श्रम शोषण और बेगारी प्रथा के खिलाफ 4 दिवसीय धरना का आयोजन किया है. यह धरना जिले के रेफरल अस्पताल के कुटुंबा में शुरू किया गया है.

धरना को संबोधित करते हुए अध्यक्ष सुधा सुमन ने कहा कि सरकार हमलोगों के साथ भद्दा मजाक और शोषण कर रही है. जिला मंत्री राजू सोनी ने बताया कि सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक प्रतिरक्षण कार्य के लिए समय देना पड़ता है. इस दौरान साइकिल से दवा उठाकर आरआई स्थल तक ले जाते हैं और वापस रेफरल अस्पताल , कुटुंबा में दवा को सुरक्षित पहुंचाते हैं. धरना में शामिल आशा , कुरियर और ममता ने अपनी मांग पत्र जारी किया है.

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें:-

  • कोविड-19 कार्य में लगे वैक्सीन कुरियर कर्मी को भी सुरक्षा कीट आपूर्ति किया जाय
  • वैक्सीन कुरियर कर्मियों को भी 10 हजार रुपये लॉकडाउन भत्ता का भुगतान किया जाय
  • कोविड-19 कार्य में लगे वैक्सीन कुरियर कर्मियों को 50 लाख रुपये का बीमा और 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा लागू किया जाए.
  • स्वास्थ्य विभाग में चलने वाले विभिन्न कार्यक्रमों, अभियानों में कार्य की उपलब्धता को देखते हुए सालों भर का कार्य सुनिश्चित किया जाए.
  • ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु प्रत्येक स्वास्थ्य उपकेंद्र पर स्वास्थ्य मित्र का पद सृजित कर कुरियर कर्मियों को नियोजित किया जाए.
  • आशा, ममता, संविदा कर्मियों की तरह कुरियर कर्मियों को भी मृत्यु के पश्चात 4 लाख रुपये का अनुदान सुनिश्चित किया जाए.
  • लॉकडाउन के दौरान प्रोत्साहन राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाए.
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