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अगर इस तरह सोता रहा प्रशासन तो कोरोना की बाढ़ नहीं सुनामी आएगी साहब!

बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. सरकार लोगों से मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने अपील कर रही है. इन सब के बीच औरंगाबाद में पुलिस वाले ही कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

औरंगाबाद
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Published : Apr 27, 2021, 4:19 PM IST

औरंगाबाद: कोरोना काल में प्रशासन पूरी तरह लापरवाह हो चुका है. 'दो गज की दूरी , मास्क है जरूरी' का नारा तो दिया जाता है लेकिन उस पर अमल करने में खुद पुलिस के अधिकारी ही गंभीर नहीं दिख रहे हैं. जिले में जो हालात हैं उसमें यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में कोरोना मरीजों की 'बाढ़' नहीं 'सुनामी' आने वाली है.

यह भी पढ़ें: पीपीई किट पहन देर रात कोविड वार्ड में अचानक घुस गए DM, नहीं पहचान सके डॉक्‍टर व कर्मी

कोरोना सर्टिफिकेट लाने के लिए सदर अस्पताल पहुंचे अभ्यर्थी
दरअसल, औरंगाबाद पुलिस लाइन में सिपाही भर्ती के लिए दौड़ आयोजित की गई. दौड़ के बाद मेडिकल के लिए सभी अभ्यर्थियों को कोरोना जांच कराने को कह दिया गया, लिहाजा सभी अभ्यर्थी कोरोना जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंचे. इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के पहुंचने पर अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गई.

सदर अस्पताल में अभ्यर्थियों की भीड़ से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ा हुआ है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि पुलिस भर्ती के लिए सैकड़ों की संख्या में पहुंचे लोग राज्य के अलग-अलग जिलों से पहुंचे हैं. इस दौरान अभ्यर्थियों ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर जिला प्रशासन और सरकार को निशाने पर लेते हुए जमकर भड़ास निकाली. अभ्यर्थियों ने कहा कि कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा हुआ है फिर भी प्रशासन ने सभी को जांच के लिए सदर अस्पताल भेज दिया, बेहतर होता केंद्र पर ही कोरोना जांच की व्यवस्था की गई होती.

24 घंटे में 550 नए कोरोना मरीज की हुई पुष्टि
वर्तमान स्थिति का हाल यह है कि बीते 24 घंटे में अकेले औरंगाबाद जिले में 550 नए एक्टिव केस आए हैं. जिले में कुल एक्टिव मामलों की संख्या 4283 पहुंच गई है. जिले में कोरोना से 23 लोगों की मौत हो चुकी है. प्रशासन की इस लापरवाही से कितने लोग संक्रमित हो जाएंगे. यह कह पाना भी अब मुश्किल है. क्योंकि इस दौड़ में शामिल होने वाले अभ्यर्थी सिर्फ औरंगाबाद जिले के नहीं हैं.

औरंगाबाद: कोरोना काल में प्रशासन पूरी तरह लापरवाह हो चुका है. 'दो गज की दूरी , मास्क है जरूरी' का नारा तो दिया जाता है लेकिन उस पर अमल करने में खुद पुलिस के अधिकारी ही गंभीर नहीं दिख रहे हैं. जिले में जो हालात हैं उसमें यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में कोरोना मरीजों की 'बाढ़' नहीं 'सुनामी' आने वाली है.

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कोरोना सर्टिफिकेट लाने के लिए सदर अस्पताल पहुंचे अभ्यर्थी
दरअसल, औरंगाबाद पुलिस लाइन में सिपाही भर्ती के लिए दौड़ आयोजित की गई. दौड़ के बाद मेडिकल के लिए सभी अभ्यर्थियों को कोरोना जांच कराने को कह दिया गया, लिहाजा सभी अभ्यर्थी कोरोना जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंचे. इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के पहुंचने पर अस्पताल के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गई.

सदर अस्पताल में अभ्यर्थियों की भीड़ से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ा हुआ है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि पुलिस भर्ती के लिए सैकड़ों की संख्या में पहुंचे लोग राज्य के अलग-अलग जिलों से पहुंचे हैं. इस दौरान अभ्यर्थियों ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर जिला प्रशासन और सरकार को निशाने पर लेते हुए जमकर भड़ास निकाली. अभ्यर्थियों ने कहा कि कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ा हुआ है फिर भी प्रशासन ने सभी को जांच के लिए सदर अस्पताल भेज दिया, बेहतर होता केंद्र पर ही कोरोना जांच की व्यवस्था की गई होती.

24 घंटे में 550 नए कोरोना मरीज की हुई पुष्टि
वर्तमान स्थिति का हाल यह है कि बीते 24 घंटे में अकेले औरंगाबाद जिले में 550 नए एक्टिव केस आए हैं. जिले में कुल एक्टिव मामलों की संख्या 4283 पहुंच गई है. जिले में कोरोना से 23 लोगों की मौत हो चुकी है. प्रशासन की इस लापरवाही से कितने लोग संक्रमित हो जाएंगे. यह कह पाना भी अब मुश्किल है. क्योंकि इस दौड़ में शामिल होने वाले अभ्यर्थी सिर्फ औरंगाबाद जिले के नहीं हैं.

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