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औरंगाबाद: खेल के दौरान करंट की चपेट में आने से बच्चे की मौत

औरंगाबाद के भेड़िया गांव (Bhediya village of Aurangabad) में खेल के दौरान बिजली का खंभा छूने से एक बच्चे की मौत हो गई. परिजनों ने बिजली विभाग और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. पढ़ें पूरी खबर..

बच्चे की करंट लगने से मौत
बच्चे की करंट लगने से मौत
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Published : Sep 17, 2022, 5:22 PM IST

औरंगाबाद: बिहार में बिजली विभाग की लापरवाही (Electricity Department In Bihar) के कारण एक और मासूम की जान चली गई. ताजा मामला औरंगाबाद जिले के मुफस्सिल थाना अंतर्गत भेड़िया गांव का है. जहां शनिवार की सुबह बिजली का करंट लगने से एक बच्चे की मौत हो गयी. मृत किशोर की पहचान उसी गांव के संतोष यादव के 8 वर्षीय पुत्र गोलू कुमार के रूप में हुई.

ये भी पढ़ें- पूर्णिया के एक फैक्ट्री में मजदूर की करंट लगने से मौत, दो घायल

खेल के दौरान हुआ हादसा: जानकारी के मुताबिक शनिवार की सुबह गोलू अपने गांव में अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था. इसी क्रम में खेलते खेलते वह बिजली के खंभे के पास चला गया और जैसे ही उसने बिजली के खंभे को स्पर्श किया तो उसे जोरदार झटका लगा. घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग और परिजन मौके पर पहुंचे और गंभीर रूप से घायल बच्चे को सदर अस्पताल औरंगाबाद में भर्ती कराया.

समय पर इलाज न मिलने के कारण हुई मौत: बच्चे के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि उचित इलाज की सुविधा नहीं मिलने के कारण बच्चे ने दम तोड़ दिया. इस मामले को लेकर जिला पार्षद ने जिला पदाधिकारी से बच्चे के परिजनों के लिए उचित मुआवजे की मांग की है.

"अस्पताल के शिशु वार्ड में चिकित्सक मौजूद नहीं थे. पूर्व में जो चिकित्सक की ड्यूटी थी. वह ड्यूटी पूरा करके चले गए और इसके बाद जिनकी ड्यूटी थी वह पटना से आते हैं लेकिन समय पर नहीं पहुंच सके जिसके चलते बच्चे की इलाज समय पर नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गई".- अनिल यादव, जिला पार्षद

परिजनो ने बिजली विभाग पर लगाया आरोप: इसके अलावा परिजनों ने विद्युत विभाग पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनो ने बताया कि यदि समय-समय पर बिजली के तार और पोल की मरम्मत होती तो आज हमारे बच्चे की जान नहीं जाती. झूलते तार की वजह से यह हादसा हुआ. इस घटना के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है.

ये भी पढ़ें- खेत में काम करने के दौरान करंट की चपेट में आने से पति-पत्नी की मौत, 3 अन्य घायल

औरंगाबाद: बिहार में बिजली विभाग की लापरवाही (Electricity Department In Bihar) के कारण एक और मासूम की जान चली गई. ताजा मामला औरंगाबाद जिले के मुफस्सिल थाना अंतर्गत भेड़िया गांव का है. जहां शनिवार की सुबह बिजली का करंट लगने से एक बच्चे की मौत हो गयी. मृत किशोर की पहचान उसी गांव के संतोष यादव के 8 वर्षीय पुत्र गोलू कुमार के रूप में हुई.

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खेल के दौरान हुआ हादसा: जानकारी के मुताबिक शनिवार की सुबह गोलू अपने गांव में अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था. इसी क्रम में खेलते खेलते वह बिजली के खंभे के पास चला गया और जैसे ही उसने बिजली के खंभे को स्पर्श किया तो उसे जोरदार झटका लगा. घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग और परिजन मौके पर पहुंचे और गंभीर रूप से घायल बच्चे को सदर अस्पताल औरंगाबाद में भर्ती कराया.

समय पर इलाज न मिलने के कारण हुई मौत: बच्चे के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि उचित इलाज की सुविधा नहीं मिलने के कारण बच्चे ने दम तोड़ दिया. इस मामले को लेकर जिला पार्षद ने जिला पदाधिकारी से बच्चे के परिजनों के लिए उचित मुआवजे की मांग की है.

"अस्पताल के शिशु वार्ड में चिकित्सक मौजूद नहीं थे. पूर्व में जो चिकित्सक की ड्यूटी थी. वह ड्यूटी पूरा करके चले गए और इसके बाद जिनकी ड्यूटी थी वह पटना से आते हैं लेकिन समय पर नहीं पहुंच सके जिसके चलते बच्चे की इलाज समय पर नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गई".- अनिल यादव, जिला पार्षद

परिजनो ने बिजली विभाग पर लगाया आरोप: इसके अलावा परिजनों ने विद्युत विभाग पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनो ने बताया कि यदि समय-समय पर बिजली के तार और पोल की मरम्मत होती तो आज हमारे बच्चे की जान नहीं जाती. झूलते तार की वजह से यह हादसा हुआ. इस घटना के बाद परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है.

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