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मनरेगा रैंकिंग में दूसरे स्थान पर औरंगाबाद, करीब अस्सी हजार परिवारों को मिला रोजगार

मनरेगा रैंकिग में जिले को प्रदेश में दूसरा स्थान मिला है. लॉकडाउन के दौरान भी मनरेगा योजनाओं को तेजी से क्रियान्वित कर ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार देने का प्रयास किया गया.

Aurangabad
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Published : Jun 5, 2020, 4:42 PM IST

Updated : Jun 6, 2020, 9:01 PM IST

औरंगाबाद: ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य के विभिन्न जिलों में मनरेगा योजनाओं के आकलन के आधार पर जिलावार रैंकिंग जारी की है. मनरेगा योजनाओं की रैंकिंग में जिले को प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है. जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने बताया कि, इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा की मदद से लगभग 80 हजार परिवारों को को रोजगार दिया गया है.

डीएम और विकास आयुक्त अंशुल कुमार की मॉनिटरिंग में लॉकडाउन के दौरान भी मनरेगा योजनाओं को तेजी से क्रियान्वित कर ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार देने का प्रयास किया गया. लॉकडाउन के दौरान बड़ी तादात में प्रवासी श्रमिक ग्रामीण इलाकों में आ रहे थे. इन प्रवासी मजदूरों के पास रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई थी. जानकारी के अनुसार जिले में कुल 23 हजार 280 योजनाएं संचालित की गई है. वहीं अब तक कुल 79 हजार 338 परिवारों को इस वित्तीय वर्ष में रोजगार दिया गया है. साथ ही 9 लाख 16 हजार 838 रोजगार सृजित किए गए हैं.

पेश है रिपोर्ट

80 हजार परिवारों को मिला रोजगार
डीएम ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश पर लगभग 23 हजार से ज्यादा योजनाएं संचालित हो रही है. बाहर से आए बड़ी तादात में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा की मदद से लगभग 80 हजार परिवारों को रोजगार दिया गया है. योजनाओं का क्रियान्वयन मानकों के अनुरूप हो और योजनाओं को समय से पूरा कर लिया जाए इसके लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है. इसी सतत प्रयास का कारण है कि सुबे में जिले को मनरेगा रैंकिंग में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है.

औरंगाबाद: ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य के विभिन्न जिलों में मनरेगा योजनाओं के आकलन के आधार पर जिलावार रैंकिंग जारी की है. मनरेगा योजनाओं की रैंकिंग में जिले को प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है. जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल ने बताया कि, इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा की मदद से लगभग 80 हजार परिवारों को को रोजगार दिया गया है.

डीएम और विकास आयुक्त अंशुल कुमार की मॉनिटरिंग में लॉकडाउन के दौरान भी मनरेगा योजनाओं को तेजी से क्रियान्वित कर ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार देने का प्रयास किया गया. लॉकडाउन के दौरान बड़ी तादात में प्रवासी श्रमिक ग्रामीण इलाकों में आ रहे थे. इन प्रवासी मजदूरों के पास रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई थी. जानकारी के अनुसार जिले में कुल 23 हजार 280 योजनाएं संचालित की गई है. वहीं अब तक कुल 79 हजार 338 परिवारों को इस वित्तीय वर्ष में रोजगार दिया गया है. साथ ही 9 लाख 16 हजार 838 रोजगार सृजित किए गए हैं.

पेश है रिपोर्ट

80 हजार परिवारों को मिला रोजगार
डीएम ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश पर लगभग 23 हजार से ज्यादा योजनाएं संचालित हो रही है. बाहर से आए बड़ी तादात में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा की मदद से लगभग 80 हजार परिवारों को रोजगार दिया गया है. योजनाओं का क्रियान्वयन मानकों के अनुरूप हो और योजनाओं को समय से पूरा कर लिया जाए इसके लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है. इसी सतत प्रयास का कारण है कि सुबे में जिले को मनरेगा रैंकिंग में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है.

Last Updated : Jun 6, 2020, 9:01 PM IST
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