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एनपीजीसी प्लांट के अंदर मिली राख ढोने वाले ट्रांसपोर्ट कंपनी के खलासी की लाश

ट्रांसपोर्ट कम्पनी के खलासी की मिली लाश. मृतक के पिता विनय यादव ने बताया कि उनका पुत्र 20 साल का था जो कि ट्रक पर सह चालक के रूप में काम करता था. वह पिछले 3 दिनों से लापता था उस 3 दिनों से उससे संपर्क नहीं हो पा रहा था.

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Published : Nov 8, 2020, 8:55 AM IST

aurangabad
एनपीजीसी प्लांट के अंदर मिली लाश

औरंगाबाद- जिले के नवीनगर स्थित एनपीजीसी पावर प्लांट के अंदर से राख ट्रांसपोर्ट करने वाले ट्रक के सहचालक की लाश मिली है. ट्रक का सह चालक दीपक कुमार पिछले तीन दिनों से लापता था. सूचना मिलने के बाद अभिभावक प्लांट पहुंचे और मुआवजे की मांग की है.

परिजनों ने प्रबंधन को ठहराया जिम्मेवार

मृतक के बड़े भाई विकास कुमार ने बताया कि उसका भाई दीपक कुमार ट्रांसपोर्ट कंपनी टीएस मान ट्रांसपोर्ट में काम करता था. उनका काम एनपीजीसी से राख लेकर श्री सीमेंट प्लांट में पहुंचाना होता था. लेकिन पिछले 3 दिनों से उसके भाई की कोई सूचना नहीं मिल रही थी और अचानक शनिवार को उनके भाई की एनपीजीसी प्लांट में पानी में डूब कर मरने की खबर आई. परिजनों ने इसके लिए प्रबन्धन को जिम्मेवार ठहराया है.

एनपीजीसी प्लांट के अंदर मिली लाश

मृतक के परिजनों को उचित मुआवजे की मांग

इंटक के प्रदेश महामंत्री और स्थानीय सचिव भोला यादव ने प्रबंधन से श्रम कानूनों के अंतर्गत पहल करते हुए मृतक के परिजनों को उचित मुआवजे की मांग की है. उन्होंने कहा कि मजदूर की मौत प्लांट के अंदर हुई है. इसलिए एनपीजीसी प्लांट की जिम्मेवारी बनती है कि उस मजदूर के परिजनों को मुआवजा जारी करे. इसके लिए वे प्रबंधन से मांग कर रहे हैं.

सूचना मिलते ही परिजन पहुंचे एनटीपीसी

मृतक 20 वर्षीय दीपक कुमार देव प्रखंड के हंसौली पंचायत के करमा ग्राम का रहने वाला था. हंसौली पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि वीरेंद्र यादव ने बताया कि उनके गांव में जैसे ही सूचना मिली मृतक के परिजनों के साथ एनटीपीसी पहुंचे. उन्होंने बताया कि वे प्रबंधन से मुआवजे की मांग करने पहुंचे थें क्योंकि मृतक बहुत ही गरीब था.

एनपीजीसी प्रबंधन के अंदर लाश मिलने का कोई पहला मामला नहीं है. यहां आए दिन दुर्घटना में मजदूरों की मौत होते रहती है. ताज्जुब तो तब होता है कि प्रबंधन बगैर संघर्ष किये बिना किसी को मुआवजा राशि देने की कोशिश भी नहीं करता है.

औरंगाबाद- जिले के नवीनगर स्थित एनपीजीसी पावर प्लांट के अंदर से राख ट्रांसपोर्ट करने वाले ट्रक के सहचालक की लाश मिली है. ट्रक का सह चालक दीपक कुमार पिछले तीन दिनों से लापता था. सूचना मिलने के बाद अभिभावक प्लांट पहुंचे और मुआवजे की मांग की है.

परिजनों ने प्रबंधन को ठहराया जिम्मेवार

मृतक के बड़े भाई विकास कुमार ने बताया कि उसका भाई दीपक कुमार ट्रांसपोर्ट कंपनी टीएस मान ट्रांसपोर्ट में काम करता था. उनका काम एनपीजीसी से राख लेकर श्री सीमेंट प्लांट में पहुंचाना होता था. लेकिन पिछले 3 दिनों से उसके भाई की कोई सूचना नहीं मिल रही थी और अचानक शनिवार को उनके भाई की एनपीजीसी प्लांट में पानी में डूब कर मरने की खबर आई. परिजनों ने इसके लिए प्रबन्धन को जिम्मेवार ठहराया है.

एनपीजीसी प्लांट के अंदर मिली लाश

मृतक के परिजनों को उचित मुआवजे की मांग

इंटक के प्रदेश महामंत्री और स्थानीय सचिव भोला यादव ने प्रबंधन से श्रम कानूनों के अंतर्गत पहल करते हुए मृतक के परिजनों को उचित मुआवजे की मांग की है. उन्होंने कहा कि मजदूर की मौत प्लांट के अंदर हुई है. इसलिए एनपीजीसी प्लांट की जिम्मेवारी बनती है कि उस मजदूर के परिजनों को मुआवजा जारी करे. इसके लिए वे प्रबंधन से मांग कर रहे हैं.

सूचना मिलते ही परिजन पहुंचे एनटीपीसी

मृतक 20 वर्षीय दीपक कुमार देव प्रखंड के हंसौली पंचायत के करमा ग्राम का रहने वाला था. हंसौली पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि वीरेंद्र यादव ने बताया कि उनके गांव में जैसे ही सूचना मिली मृतक के परिजनों के साथ एनटीपीसी पहुंचे. उन्होंने बताया कि वे प्रबंधन से मुआवजे की मांग करने पहुंचे थें क्योंकि मृतक बहुत ही गरीब था.

एनपीजीसी प्रबंधन के अंदर लाश मिलने का कोई पहला मामला नहीं है. यहां आए दिन दुर्घटना में मजदूरों की मौत होते रहती है. ताज्जुब तो तब होता है कि प्रबंधन बगैर संघर्ष किये बिना किसी को मुआवजा राशि देने की कोशिश भी नहीं करता है.

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